बस्तर

शहीद रंजीत को नम आंखों से दी अंतिम विदाई
22-Sep-2025 11:02 PM
शहीद रंजीत को नम आंखों से दी अंतिम विदाई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 22 सितंबर। बस्तर जिले के बालेंगा के उपयगुड़ा में रहने वाले रंजीत कश्यप 3 दिन पहले मणिपुर में उग्रवादियों के साथ हुए हमले में शहीद हो गए थे। सोमवार की सुबह जवान का पार्थिव देह जैसे ही गाँव पहुँचा, हर किसी के आखों से आंसू आ गए। बड़े, बच्चे से लेकर बुजुर्ग की आँखे नम हो गई।

 रंजीत के साथ गुजारे समय के साथ ही उसके साथ बैठकर की गई बातों को याद कर भावुक हो जा रहे थे। गाँव में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल के साथ ही वन मंत्री केदार कश्यप भी जवान के घर पहुँचे।

शहीद जवान रंजीत कश्यप को जब जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया तो हजारों नम आंखों ने भारत माता की जय के नारे के साथ उनको अनंत यात्रा के लिए विदा किया।

ज्ञात हो कि जब से रंजीत के घर में इस बात का पता चला कि उग्रवादियों के हमले में रंजीत कश्यप शहीद हो गया। घर के साथ ही पूरे गाँव मे मातम छा गया, 3 दिन से परिवार से लेकर दोस्त आदि रंजीत के पार्थिव देह को देखने के लिए मौजूद रहे।

 सोमवार को जैसे ही जवान का पार्थिव देह जगदलपुर एयरपोर्ट से गृहग्राम बालेंगा पहुँचा, उनके अंतिम दर्शन करने के लिए लोग जमा हो गए। परिवार के साथ ही पूरे गाँव में सबकी आँखे नम थी।

पिता ने दी  मुखाग्नि

शहीद रंजीत कश्यप को पिता ने मुखाग्नि दी। वे पंचतत्व में विलीन हो गए। शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए बस्तर कलेक्टर, आईजी व पुलिस अधीक्षक भी मौजूद थे।

शहीद रंजीत कश्यप का पार्थिव देह जैसे ही गाँव पहुँचा, स्कूली बच्चों के द्वारा फूल बरसाए गए,  हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। हर कोई भारत माता की जय और रंजीत की तरह ही देश सेवा में आगे बढ़ चढक़र हिस्सा लेने की बात कह रहा था।

रंजीत के पिता ने बताया कि अभी हाल ही में रंजीत घर इसलिए आया था कि मेरा स्वास्थ्य खराब रहता था, 1 माह की छुट्टी के दौरान रंजीत अपने पिता को रायपुर के एक हॉस्पिटल ले गया था, जहाँ इलाज के बाद आगे के दिनों में दुबारा चेक कराने के लिए आने की बात कही थी। रंजीत ने पिता को कहा था कि आप चिंता न करें, आप जल्द ही ठीक हो जाएंगे, आने वाले दिनों में फिर से छुट्टी पर जब आऊंगा तो फिर से इलाज के लिए ले जाऊंगा।

रंजीत शहीद की अंतिम विदाई के दौरान सेना के जवान, आला अधिकारी, रिटायर अधिकारी, व गाँव के हजारों लोग शामिल हुए।


अन्य पोस्ट