बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 15 सितम्बर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार 13 सितंबर को जिलेभर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष रमेश सिंह के मार्गदर्शन तथा सचिव अंकिता कश्यप के नेतृत्व में आयोजित इस लोक अदालत में विभिन्न स्तरों के कुल 32,865 प्रकरणों का आपसी समझौते व सुलह के आधार पर निराकरण किया गया।
4.06 करोड़ रुपये से अधिक का समझौता
लोक अदालत में कुल 560 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गए थे, जिनमें से 311 प्रकरणों का निराकरण आपसी सहमति से किया गया। इनमें दहेज, वैवाहिक विवाद, आपराधिक प्रकरण, ट्रैफिक चालान समेत अन्य मामले शामिल रहे। इस दौरान कुल 4,06,50,750/- की राशि समझौते के आधार पर तय हुई।
राजस्व न्यायालयों में सबसे अधिक निपटारे
राजस्व न्यायालयों में गठित 20 खंडपीठों में कुल 32,434 राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया। वहीं जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा 3 प्रकरण निपटाए गए। इसी तरह बैंकों, बीएसएनएल और विद्युत विभाग से जुड़े 117 प्रकरणों का भी समझौते के आधार पर निपटारा किया गया।
पति-पत्नी के बीच सुलह
लोक अदालत का सबसे संवेदनशील निर्णय एक दंपत्ति के बीच हुआ पुनर्मिलन रहा। पहले अलग रह रहे पति-पत्नी के बीच पारिवारिक विवाद को समाप्त कर उन्हें फिर से साथ लाने में लोक अदालत की पहल कारगर रही। न्यायालय ने दोनों पक्षों को पारिवारिक जीवन की सुख-शांति के महत्व को समझाया और अंतत: दंपत्ति ने आपसी सहमति से सुलह किया।
लोक अदालत से मिली राहत
लोक अदालत के सफल आयोजन में अधिवक्ताओं, राजस्व विभाग, नगर निगम, बैंकों और विभिन्न विभागों का सहयोग रहा। इस अवसर पर उपस्थित पक्षकारों को न्यायिक प्रकरणों से राहत मिली और सबको शीघ्र एवं सस्ता न्याय, जिसमें न किसी की जीत और न किसी की हार की अवधारणा को साकार किया गया।


