बस्तर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 11 सितंबर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा-हमारी नई औद्योगिक नीति के केंद्र में बस्तर है। खनिज संसाधनों और प्रचुर प्राकृतिक संपदा से भरा यह इलाका विकास की विपुल संभावनाएँ अपने भीतर समेटे हुए है।
श्री साय ने आज जगदलपुर में छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आगे कहा कि जापान के टोक्यो, ओसाका और दक्षिण कोरिया के सियोल के बाद इंवेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रम की अगली श्रृंखला के लिए हमने बस्तर संभाग का चुनाव किया और हमें खुशी है कि इतनी जल्दी यह आयोजन हम कर सके। विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करने हमने नई औद्योगिक नीति का निर्माण किया है। हमारी यह नीति यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिखाए गए सुशासन के परफार्म, रिफार्म और ट्रांसफार्म के मंत्र पर तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई औद्योगिक नीति लागू होने के बाद अब तक हमारे पास लगभग 6 लाख 65 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं। नई नीति में कोर सेक्टर के साथ आईटी, एआई, फार्मा, टेक्सटाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा ग्रीन एनर्जी से जुड़े माध्यमों पर विशेष अनुदान प्रावधान रखे गए हैं।
श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का सर्वाधिक लाभ बस्तर के इंफ्रास्ट्रक्चर को मिला है। यहाँ से विशाखापट्टनम के लिए एक्सप्रेसवे गुजर रही है। रावघाट-जगदलपुर रेलमार्ग का कार्य हो रहा है और तेलंगाना से किरंदुल को जोडऩे वाली रेल रूट का सर्वे किया जा रहा है। उड़ान परियोजना से माँ दंतेश्वरी एयरपोर्ट जगदलपुर को उन्नत बनाया गया है। बोधघाट परियोजना पर शीघ्र कार्य शुरू होगा। कनेक्टिविटी के इस दौर में आगे रहने के लिए बस्तर में नये मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। अधोसंरचना की इन बड़ी परियोजनाओं से बस्तर का औद्योगिक माहौल काफी उन्नत होगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि प्रदेश की नई औद्योगिक नीति निवेशकों के लिए आकर्षक और लाभकारी साबित हो रही है। अब तक 6.95 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिससे प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि बस्तर में अधिक से अधिक निवेश होने से यहाँ के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री एवं प्रभारी मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बीजापुर में पहली बार राइस मिल की स्थापना हो रही है। उन्होंने बताया कि जगरगुंडा की इमली मंडी, जो वर्षों से बंद थी, को फिर से चालू कराया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों से राज्य की औद्योगिक नीति की सराहना दक्षिण कोरिया में भी हुई है, जिससे छत्तीसगढ़ को वैश्विक मंच पर नई पहचान मिली है।
वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि निवेश की दृष्टिकोण से अब बस्तर की तस्वीर बदल जाएगी, नक्सलवाद के खात्मे के साथ ही उद्योगों को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा।बस्तर में अपर संभावनाएं है प्राकृतिक खेती, मिलेटस प्रसंस्करण, कोल्ड स्टोरेज आदि के लिए जो अनुबंध हो रहे है,यह बस्तर के विकास में अहम होगा।
विधायक जगदलपुर किरण सिंह देव ने कहा कि बस्तर में औद्योगिक सृजन व नई औद्योगिक नीति के क्रियान्वयन हेतु बस्तर जिले में इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। बस्तर में खनिज सम्पदा,पर्यटन क्षेत्र में असीम संभावना को देखते हुए बस्तर के विभिन्न उद्योग के स्थापना की संभावनाओं है जिसका सभी को लाभ प्राप्त हो। मुख्यमंत्री ने हाल ही में जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा कर निवेशकों को आमंत्रित किया है,इसका लाभ प्रदेश को मिलेगा ।कार्यक्रम में 34 उद्योगों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन प्रमाणपत्र वितरित किए गए।
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार ने वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से राज्य की औद्योगिक नीति और बस्तर संभाग में उभरती संभावनाओं का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बस्तर की समृद्धि के लिए पर्यटन और छोटे उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। साल बीज और इमली जैसे उत्पादों की देशव्यापी आपूर्ति में बस्तर की प्रमुख भूमिका है, जिनका उपयोग कॉस्मेटिक उद्योग में किया जाता है।उन्होंने बताया कि निवेशकों के लिए औद्योगिक माहौल को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए कई नवाचार किए गए हैं। अब उद्यमियों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और साल में केवल एक बार परीक्षण होगा। इसके अतिरिक्त, निवेशकों को ‘इंसेंटिव कैलकुलेटर’ से लाभ की सटीक जानकारी मिल सकेगी। अब तक प्रदेश में 6.95 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।कार्यक्रम में विशेष रूप से नक्सल पीडि़त परिवारों के लिए विशेष अनुदान की घोषणा की गई। यदि वे उद्योग स्थापित करना चाहते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा। पर्यटन, कृषि-बागवानी, इलेक्ट्रॉनिक और फार्मास्युटिकल जैसे क्षेत्रों में निवेश करने पर भी विशेष अनुदान और छह वर्षों तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। स्थानीय लोगों को उद्योग स्थापित करने और रोजगार सृजन में प्राथमिकता दी जाएगी तथा शासन-प्रशासन पूरा सहयोग करेगा।
इस अवसर पर एनएमडीसी द्वारा विशेष प्रस्तुतिकरण कर छत्तीसगढ़ के औद्योगिक और सामाजिक विकास में अपनी सहभागिता को प्रदर्शित किया गया। बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में निवेशकों का अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला। कार्यक्रम का शुभारंभ कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह के स्वागत भाषण से हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सुशासन तथा अभिसरण के सचिव श्री राहुल भगत, आई जी सुंदरराज पी, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा सहित बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर और बड़ी संख्या में निवेशक उपस्थित थे।