बस्तर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 16 जुलाई। ओडिशा के बालासोर में फकीर मोहन कॉलेज में बीएड द्वितीय वर्ष की छात्रा के साथ हुए यौन उत्पीडऩ से मामले में सहायक प्रोफेसर/शिक्षा विभाग प्रमुख व कॉलेज प्रशासन पर कार्रवाई न होने को लेकर परेशान छात्रा द्वारा आत्मदाह करने से हुई मौत को लेकर बुधवार को केंद्र की भाजपा सरकार व ओडिशा के मुख्यमंत्री का कांग्रेस पार्टी ने पुतला दहन किया गया।
महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष लता निषाद ने कहा- देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की बेटियों को सुरक्षा और न्याय देने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो चुके हैं, एक शिक्षक द्वारा यौन उत्पीडऩ किए जाने के मामले में न्याय न मिलने पर आत्मदाह करने वाली छात्रा ने तीन दिन तक जिंदगी और मौत से लडऩे के बाद भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सोमवार रात दम तोड़ दिया, बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम की द्वितीय वर्ष व एबीवीपी की छात्रा थी, आरोपी शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से परेशान छात्रा ने शनिवार को यह कदम उठाया और वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी, न्याय की मांग कर रही छात्रा की मौत बेहद ही निंदनीय है, जिसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ उड़ीसा के सीएम और केंद्र की मोदी सरकार है, कांग्रेस ने मांग करते हुए कहा कि आरोपी को फांसी की सजा मिले साथ ही अन्य दोषियों पर सख्त कार्यवाही हो,
नगर निगम जगदलपुर उपनेता प्रतिपक्ष कोमल सेना ने कहा -मणिपुर हो या उड़ीसा देश की बेटियां आज कही भी सुरक्षित नहीं हैं, ओडिशा के बालासोर में फकीर मोहन कॉलेज की बी.एड छात्रा की मौत हो गई, छात्रा ने यौन उत्पीडऩ मामले में शिकायत की थी, एक्शन न होने से वह दुखी थी, छात्रा के परिवार का कहना है कि बीते कई महीनों से उसके साथ यौन उत्पीडऩ हो रहा था और उसने इसके ख़िलाफ़ कॉलेज प्रशासन से शिकायत भी की थी, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई न होने पर छात्रा परेशान थी।
जिसके बाद उसने यह कदम उठाया,देश की बेटी की किसी ने भी नहीं सुनी गुहार,भाजपा के नेता,मंत्रियों ने बेटी के बुलंद हौसले का गला घोटा है, केंद्र की मोदी सरकार बेटियों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है,
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने उड़ीसा बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के दूसरे वर्ष की छात्रा थी। उसने 1 जुलाई को कॉलेज की इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी को अपने यौन उत्पीडऩ की घटना की जानकारी पत्र लिखकर कहा था कि अगर आरोपी पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह आत्महत्या कर लेगी। उसने सहायक प्रोफेसर और शिक्षा विभाग के प्रमुख समीर कुमार साहू पर मानसिक उत्पीडऩ और बार-बार यौन संबंध की मांग करने का आरोप लगाया था, पत्र में छात्रा ने साफ लिखा था,पिछले कुछ महीनों से प्रोफेसर समीर कुमार साहू मुझे मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं। वह मुझे धमकी देते हैं कि मुझे फेल कर देंगे। उन्होंने मेरी निजी बातें घरवालों को बताने की भी धमकी दी है, वे बार-बार मुझसे यौन संबंध की मांग कर रहे हैं, जिसे मैंने बार-बार मना किया है, और अगर कॉलेज ने कार्रवाई नहीं की तो मैं आत्महत्या करूंगी, इसकी जिम्मेदारी प्रोफेसर और कॉलेज प्रशासन की होगी, इतना ही नहीं कॉलेज प्रशासन द्वारा नजऱ अंदाज़ किए जाने के बाद भी, उसने हार नहीं मानी। न्याय की गुहार लगाने के लिए, उसने उच्च शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री कार्यालय और यहाँ तक कि एक केंद्रीय मंत्री से भी संपर्क किया। उसने बालासोर के सांसद से भी व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपनी पीड़ा साझा की।ज्ज्उन्होंने कहा कि यदि एक भी व्यक्ति ने जिम्मेदारी ली होती और व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया होता तो शायद लडक़ी की जान बचाई जा सकती थी, परंतु इस निरंकुश सरकार और उनके प्रशासन ने उनकी एक न सुनी क्या यही है बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा, यह संस्थागत विश्वासघात से कम नहीं है कुल मिलाकर यह एक सुनियोजित अन्याय है। क्योंकि यह आत्महत्या नहीं, भाजपा के ट्रिपल इंजन सरकार के नेतृत्व वाली व्यवस्था में हुई हत्या का सार्थक प्रमाण है, हमारी मांग है आरोपी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।