बस्तर

महिला समूह बना रही हैं ओखली और मूसल से मसाले
15-Dec-2021 5:51 PM
महिला समूह बना रही हैं ओखली और मूसल से मसाले

पोषक तत्वों से मसाले होंगे भरपूर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 15 दिसंबर। जिला प्रशासन बस्तर के द्वारा विकासखण्ड बस्तानार के ग्राम तुरंगुर में माँ शारदा और माँ संतोषी स्व सहायता समूहों को मसाला बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। जिसमें परंपरागत मसाला निर्माण के साथ-साथ ओखली और मूसल से भी मसाला बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। जिससे बस्तर की प्राचीन मसाला बनाने की तकनीक पुनर्जीवित की जा सके और उसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा सके।

ओखली और मूसल से मसाला बनाने से मसालों की पोषक तत्व बरकरार रहते हैं, जबकि मशीन के द्वारा मसाला बनाने से पोषक तत्व लगभग नष्ट हो जाते हैं। ओखली और मूसल से बने मसाले पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और वह औषधि का भी कार्य करते हैं, प्राचीन आयुर्वेद में भी इन मसालों का उपयोग उपचार हेतु किया जाता रहा है।

वर्तमान में महिला स्व सहायता समूह बिहान की महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत हल्दी, धनिया और मिर्ची के मसाले बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसकी व्यापक मार्केटिंग की व्यवस्था भी की गई है। शीघ्र ही यह मसाले स्थानीय दुकानों के साथ-साथ शहरी आउटलेट तथा ऑनलाइन मार्केट में भी उपलब्ध होंगे। इन मसालों के निर्माण में स्वच्छता और शुद्धता का पूर्ण रूप से ध्यान रखा गया है, मसाले किसी भी प्रकार के रसायन, रंग और मिलावट रहित होंगे। मसाला निर्माण में उन उच्च गुणवत्ता का ध्यान रखा गया है। जिला प्रशासन के इस प्रयास से निश्चित रूप से महिलाओं की आय में वृद्धि होगा एवं नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। शक्षण से महिलाएं भी काफी उत्साहित हैं।


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