बस्तर

मेकाज के अलावा महारानी अस्पताल व पीएचसी, सीएचसी हुए खाली
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 11 दिसंबर। महारानी अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज व पीएचसी, सीएचसी में काम करने वाले सैकड़ों डीएमएफटी कर्मचारियों को हटाए जाने से नाराज कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
बताया जा रहा है कि 2 वर्ष पहले डीएमएफटी के तहत मेकाज में जहां 3 सौ के लगभग तो महारानी में भी कईयों को नियुक्ति दिया गया था, लेकिन कोरोनाकाल के खत्म होने और स्टाफ की कमी को बराबर होने की बात कहते हुए स्टाफ को हटाए जाने का पत्र जारी कर दिया गया, जिसके बाद स्टाफ ने इस मामले को लेकर बस्तर सांसद से लेकर विधायक, बस्तर कलेक्टर से लेकर सभी का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन किसी भी तरह से कोई भी उम्मीद की किरण नजर नहीं आई। वहीं कर्मचारियों ने बताया कि बस्तर कलेक्टर द्वारा अब स्टाफ नर्स से लेकर अन्य कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाने की बात कही, जिसके बाद स्टाफ को जनवरी से वेतन नहीं देने की बात कही।
आज इसी तारतम्य में स्टाफ नर्स सुबह से ही महारानी अस्पताल के गेट में खड़े होकर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में बैठ गए, वहीं मेकाज में भी यही हाल देखने को मिला। स्टाफ को हटाए जाने के बाद रविवार से सभी स्टाफ हड़ताल में चले जाने की बात कही है।
स्टाफ की कमी का असर अब मेकाज से लेकर महारानी अस्पताल में देखने को मिलेगा। नर्सिंग स्टाफ ने जमकर रोष प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी न हुईं, तो वह सडक़ों पर उतरेंगी। अस्पताल के वार्डों तथा इमरजेंसी में तमाम सेवाएं ठप रही। वार्डों में नर्सिंग छात्राओं के अलावा फार्मेसी और फिजियोथैरेपी के विद्यार्थियों को तैनात किया गया है।