अंतरराष्ट्रीय
तेल अवीव, 10 नवंबर । इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसके सैनिकों ने गाजा में 7 अक्टूबर के नरसंहार में भाग लेने वाले कई वरिष्ठ हमास कमांडरों को मार डाला है।
सेना ने कहा कि कमांडर - अहमद मूसा और अम्र अलहांडी - उग्रवादी समूह कुलीन नुखबा बलों का हिस्सा थे।
मूसा नुखबा कंपनी कमांडर था जबकि अलहांडी ने एक प्लाटून कमांडर के रूप में कार्य किया था।
आईडीएफ ने कहा कि ये दोनों जबालिया क्षेत्र में छिपे हुए थे।
सेना ने यह भी बताया कि शिन बेट सुरक्षा एजेंसी से मिली खुफिया जानकारी के बाद यह ऑपरेशन चलाया गया।
आईडीएफ के अनुसार, मूसा हमास के उन कमांडरों में से था, जिसने 7 अक्टूबर को ज़िकिम बेस, पास के किबुत्ज़ और क्षेत्र में एक अन्य सैन्य चौकियों पर हमले का नेतृत्व किया था।
सेना ने उत्तरी गाजा ब्रिगेड में हमास के स्नाइपर समूह के प्रमुख मुहम्मद कहलौत की हत्या की भी घोषणा की।
लेकिन इसने उग्रवादी के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी।
इस बीच, आईडीएफ की 252 बटालियन ने सेना पर हमला करने की योजना बना रहे हमास के 19 आतंकवादियों को मार गिराया।
आईडीएफ और इज़राइल सुरक्षा एजेंसी (आईएसए) ने दावा किया है कि नुखबा बल 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल में नरसंहार और तबाही में शामिल था।
इजराइली सेना ने 27 अक्टूबर को गाजा में अपना जमीनी आक्रमण शुरू किया।
इस सप्ताह, सघन अभियानों के बीच सेना गाजा शहर में दाखिल हुई।
ज़मीनी हमले की शुरुआत के बाद से भीषण लड़ाई में आईडीएफ के 34 सैनिक मारे गये हैं। (आईएएनएस)।
गाजा, 10 नवंबर । गाजा स्थित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वेस्ट बैंक में जेनिन शरणार्थी शिविर पर इजरायली सेना के हमले में कम से कम 14 लोग मारे गए।
मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार काे 12 घंटे से अधिक समय तक फिलिस्तीनियों के साथ सशस्त्र संघर्ष चला।
इस घटना के परिणामस्वरूप व्यापक बुनियादी ढांचे को भी नुकसान हुआ।
यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका कि हताहत होने वाले नागरिक थे या आतंकवादी।
सीएनएन के मुताबिक इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि उसने "आतंकवादी बुनियादी ढांचे को विफल करने" और उस व्यक्ति के घर को ध्वस्त करने के लिए ऑपरेशन चलाया, जिसने कथित तौर पर 31 अगस्त के हमले में एक ऑफ-ड्यूटी इजरायली सैनिक की हत्या कर दी थी।
“इंजीनियरिंग बलों ने जेनिन शरणार्थी शिविर में हमारे बलों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से विस्फोटक उपकरणों का पर्दाफाश किया। सेना ने एक बयान में कहा, सेंट्रल कमांड के कमांडर ने उस आतंकवादी के घर को ध्वस्त करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसने मकाबिम चौकी और हाशमोनैम चौकी पर भगदड़ मचाई थी।
संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य एजेंसी के अनुसार, जेनिन शरणार्थी शिविर, जो जेनिन नगर पालिका की सीमा पर है और वेस्ट बैंक का सबसे उत्तरी शिविर है, में लगभग 23,628 फिलिस्तीन शरणार्थी पंजीकृत हैं।
जब से हमास ने 7 अक्टूबर को इज़राइल के खिलाफ अपना युद्ध शुरू किया है, वेस्ट बैंक में इज़राइली बलों द्वारा 45 बच्चों सहित 167 फिलिस्तीनियों को मार दिया गया है।
(आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 10 नवंबर । अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के अगले हफ्ते अमेरिकी अदालत में गूगल के खिलाफ एपिक गेम्स के मुकदमे में गवाही देने की संभावना है।
द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, फोर्टनाइट गेम डेवलपर मंगलवार को पिचाई को गवाह के रूप में बुलाना चाहता है। उसका आरोप है कि गूगल प्ले एक गैरकानूनी एकाधिकार है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "अदालती दस्तावेजों में, गूगल ने मंगलवार को अदालत कक्ष में एक मंच का उपयोग करने का अनुरोध किया, इससे पता चलता है कि पिचाई वास्तव में गवाही देने के लिए उपस्थित हो सकते हैं।"
गूगल द्वारा फोर्टनाइट को प्ले स्टोर से हटाने के बाद मुकदमा दायर किया गया है।
एपिक तर्क दे रहा है कि एंड्रॉइड स्मार्टफ़ोन के लिए गूगल प्ले स्टोर पर गूगल का एकाधिकार नियंत्रण राज्य और संघीय दोनों अविश्वास कानूनों का उल्लंघन करता है।
इस बीच, टेक दिग्गज ने अदालत को बताया कि गूगल ने अपने लोकप्रिय गेम फोर्टनाइट को गूगल प्ले स्टोर पर लॉन्च करने के लिए गेम डेवलपर एपिक गेम्स को 147 मिलियन डॉलर की डील की पेशकश की।
द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल में प्ले पार्टनरशिप की उपाध्यक्ष पूर्णिमा कोचिकर ने अपनी गवाही में कहा कि सौदे को मंजूरी दे दी गई थी और एपिक को प्रस्तुत किया गया था, लेकिन स्वीकार नहीं किया गया।
इस सौदे में एपिक को "वृद्धिशील फंडिंग" (2021 में समाप्त) की तीन साल की अवधि में पैसा वितरित किया जाएगा।
सौदे को सही ठहराते हुए एक दस्तावेज़ में, गूगल ने लिखा है कि "फ़ोर्टनाइट की अनुपस्थिति के परिणामस्वरूप प्ले के साथ 130 मिलियन डॉलर (250 मिलियन डॉलर तक) का प्रत्यक्ष राजस्व नुकसान हो सकता है" और संभावित राजस्व पर 550 मिलियन डॉलर (3.6 बिलियन तक डॉलर) का डाउनस्ट्रीम प्रभाव पड़ सकता है। अन्य डेवलपर्स को व्यापक संक्रमण होने पर नुकसान।”
एपिक बनाम गूगल ट्रायल इस सप्ताह सोमवार को शुरू हुआ। गूगल ने अपने प्ले स्टोर के माध्यम से ऐप्स के लेनदेन पर 30 प्रतिशत की कटौती का बचाव किया है। (आईएएनएस)।
सना/जेरूसलम, 10 नवंबर । यमन में ईरान समर्थित हौथी मिलिशिया ने गाजा पट्टी में जारी बमबारी के जवाब में दक्षिणी इजरायली शहर इलियट पर लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला करने की जिम्मेदारी ली है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को एक टेलीविजन बयान में हौथी सैन्य प्रवक्ता येह्या सरिया ने कहा कि मिसाइलों ने इलियट में सैन्य ठिकानों सहित विभिन्न संवेदनशील लक्ष्यों को निशाना बनाया।
उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सफल रहा और दुश्मन द्वारा मामले को गुप्त रखने की परवाह किए बिना चुने गए लक्ष्यों पर सीधा हमला किया गया। सरिया ने कहा, यमनी सशस्त्र बल गाजा में तब तक अपना अभियान जारी रखेंगे और जब तक वहां इजरायली आक्रामकता बंद नहीं हो जाती।"
गुरुवार रात अलग-अलग संवाददाता सम्मेलनों में, इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट और इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी दोनों ने कहा कि वे अभी भी घटना पर नजर रख रहे हैं।
7 अक्टूबर को इज़राइल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद से हौथी मिलिशिया द्वारा दावा किया गया यह छठा सीमा पार हमला है।
बुधवार को हौथिस ने यमन के लाल सागर बंदरगाह शहर होदेइदाह के पास एक अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया।
उसी दिन, इज़राइल ने कहा था कि उसने एरो 3 एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम का उपयोग करके लाल सागर क्षेत्र से देश की ओर लॉन्च की गई एक मिसाइल को रोक दिया।
इज़रायली सेना ने दावा किया कि एरो 3 "दुनिया में अपनी तरह की सबसे उन्नत वायु और मिसाइल रक्षा प्रणालियों में से एक है"।
पिछले हफ्ते, आईडीएफ ने कहा कि उसने लाल सागर क्षेत्र से दागी गई मिसाइल को सफलतापूर्वक रोकने के लिए एरो 2 प्रणाली का इस्तेमाल किया। (आईएएनएस)।
नयी दिल्ली, 10 नवंबर। विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तीय वार्ता से पहले शुक्रवार सुबह बातचीत की।
ब्लिंकन और अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में हैं। इस वार्ता का उद्देश्य गहन रणनीतिक सहयोग के लिए भारत और अमेरिका के संबंधों के भविष्य के खाके को आगे बढ़ाना है।
वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जयशंकर करेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘टू प्लस टू’ वार्ता और राजनाथ एवं ऑस्टिन के बीच होने वाली द्विपक्षीय बैठक में रणनीतिक, रक्षा तथा प्रौद्योगिकी संबंधी कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘टू प्लस टू’ संवाद के जरिये रक्षा और सुरक्षा सहयोग, प्रौद्योगिकी मूल्य शृंखला सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संबंधों में प्रगति की उच्चस्तरीय समीक्षा हो सकेगी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मंत्रियों को इस साल जून और सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अपनी चर्चाओं में परिकल्पित भारत-अमेरिका साझेदारी के भविष्य के खाके को आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा।’’
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष समसामयिक क्षेत्रीय मुद्दों का भी जायजा लेंगे और बहुपक्षीय मंच तथा क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) जैसे ढांचे के माध्यम से सहयोग बढ़ाने के लिए साझा प्राथमिकताओं के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। (भाषा)
न्यूयॉर्क, 10 नवंबर। गाजा में तत्काल संघर्ष-विराम की मांग को लेकर न्यूयॉर्क स्थित ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के कार्यालय की लॉबी में फलस्तीन समर्थकों ने प्रदर्शन किया और इजराइल-हमास युद्ध को कवर करते समय निष्पक्ष खबरें नहीं दिखाए जाने का आरोप लगाया।
सैकड़ों प्रदर्शनकारी मीडिया संस्थान के मैनहट्टन स्थित कार्यालय में एकत्र हुए। इनमें से कई लोग इमारत के प्रांगण में आ गए और एक घंटे से अधिक समय तक धरना दिया।
यह प्रदर्शन मीडियाकर्मियों के ‘राइटर्स ब्लॉक’ नामक एक समूह के नेतृत्व में किया गया। प्रदर्शनकारियों ने गाजा में मारे गए हजारों फलस्तीनियों का जिक्र किया, जिनमें कम से कम 36 पत्रकार शामिल हैं।
उन्होंने एक छद्म समाचार पत्र-‘द न्यूयॉर्क वॉर क्राइम्स’ के संस्करण बांटे, जिसमें मीडिया पर ‘नरसंहार को वैध बनाने में संलिप्तता’ का आरोप लगाया गया है और ‘टाइम्स’ के संपादकीय बोर्ड से संघर्ष-विराम का सार्वजनिक रूप से समर्थन करने की मांग की गई है।
अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बृहस्पतिवार को किए गए इस प्रदर्शन के दौरान किसी को गिरफ्तार किया गया या नहीं।
इससे पहले भी अमेरिका में विभिन्न समूहों ने गाजा में जारी इजराइल के हमलों के खिलाफ प्रदर्शन किए हैं।
हमास शासित गाजा प्रशासन के अनुसार, गाजा में युद्ध के दौरान 10,800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हमास ने इजराइल पर सात अक्टूबर को अप्रत्याशित हमला किया था, जिसके बाद से दोनों पक्षों में युद्ध छिड़ गया। हमास के हमलों में इजराइल में कम से कम 1,400 लोगों की मौत हो चुकी है।
सिम्मी पारुल पारुल 1011 0840 न्यूयॉर्क (एपी)
इसराइल के संचार मंत्री ने ग़ज़ा के चार फ़्रीलांसर पत्रकारों पर आरोप लगाया है कि उन्हें हमास के इसराइल पर हमले का पता था. ये चारों पत्रकार पश्चिमी मीडिया संस्थानों के साथ काम करते हैं.
शलोमो कारही ने कहा है कि रॉयटर्स, एपी, सीएनएन और न्यूयॉर्क टाइम्स "के लिए काम करने वाले पत्रकारों को इस भयानक हमले की पहले से जानकारी थी."
रॉयटर्स, एपी, सीएनएन और न्यूयॉर्क टाइम्स ने ऐसे किसी भी हमले की पहले से जानकारी होने के दावे को ख़ारिज किया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है कि इस तरह ‘बिना सबूत के आरोप लगाना’ फ़्रीलांसरों को ख़तरे में डालता है.
हमास ने सात अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल पर हमला किया था जिसमें 1,400 से अधिक इसराइली नागरिक और सैनिक मारे गए थे. 240 से अधिक को हमास ने बंधक बनाया है.
फ़ोटोग्राफ़रों ने जलते हुए इसराइली टैंक, हमास के लड़ाकों को अज़ा किबुत्ज़ में बाड़ को तोड़ कर इसराइल में घुसने और हमले के तस्वीरें खींची और वीडियो बनाए थे.
कारही ने कहा कि हमला तब हुआ जब फ़ोटोग्राफर घटनास्थल पर मौजूद थे, "इन बर्बरताओं को दर्ज कर रहे थे, वो भी प्रभावी तरीके से से इस घटना में भागीदार बने."
ये बयान तब आया है जब एक प्रो-इसराइल वेबसाइट ऑनेस्ट रिपोर्टिंग ने एक लेख के ज़रिए इस बात की ओर इशारा किया कि जो फ़ोटोग्राफर्स इस हमले की तस्वीरें ले रहे थे वो भी‘हमास की योजना का हिस्सा हो सकते हैं.’ (bbc.com/hindi)
अमेरिका ने बताया है कि इसराइल ने आम लोगों को उत्तरी ग़ज़ा से दक्षिणी ग़ज़ा की ओर भागने के लिए हर दिन युद्ध में चार घंटे का मिलिट्री पॉज़ देने पर तैयार हो गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि ग़ज़ा में लोगों को भागने के लिए दिया जाने वाला ये पॉज़ ‘सही दिशा में उठाया गया क़दम है.’
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बीबीसी को बताया है कि अमेरिका इस तरह के मिलिट्री पॉज़ की अवधि को बढ़ाने के लिए इसराइल से बात करना जारी रखेगा. उनका यह भी कहना है कि ग़ज़ा में रखे गए बंधकों की रिहाई के लिए सुरक्षित मार्ग को सुनिश्चित करने में लंबे मिलिट्री पॉज़ की ज़रूरत होगी.
बीबीसी संवाददाता पॉल एडम्स का कहना है कि ग़ज़ा में इसराइल के लगभग 240 बंधकों को छुड़ाए जाने को लेकर कई हफ्तों से बातचीत चल रही है.उन्हें रिहा कराने के लिए किस तरह का समझौता होगा उसे लेकर चर्चा की जा रही है.
फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वेस्ट बैंक में भी झड़पें हुई हैं और जेनिन शरणार्थी कैंप पर इसराइली हमले में 14 फ़लस्तीनीयों के मारे जाने की ख़बर है.
इसराइली सेना ग़ज़ा में हवाई और ज़मीनी हमले कर रही है, गुरुवार को आईडीएफ़ ने दावा किया कि उसने हमास के 130 सुरंगों को बर्बाद कर दिया है. (bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 9 नवंबर। कतर की एक अदालत द्वारा पिछले महीने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को सुनाई गयी मौत की सजा के खिलाफ एक अपील दायर की गई है। विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोहा में भारतीय दूतावास को मंगलवार को बंदी भारतीयों से एक बार फिर राजनयिक संपर्क का अवसर प्रदान किया गया था और भारत उन्हें सभी कानूनी और राजनयिक सहायता प्रदान करता रहेगा।
कतर की ‘कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टेंस’ ने 26 अक्टूबर को भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई थी।
भारत ने इस फैसले को अत्यंत स्तब्ध करने वाला बताया और कहा कि मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हम पहले सूचित कर चुके हैं, कतर की कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टेंस ने अल दहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में 26 अक्टूबर को फैसला सुनाया था।’’
बागची ने कहा, ‘‘फैसला गोपनीय है और इसे केवल विधिक दल के साथ साझा किया गया है। अब वे आगे के कानूनी कदमों पर विचार कर रहे हैं और एक अपील दाखिल की गयी है। हम इस मामले में कतर के अधिकारियों के साथ संपर्क में रहेंगे।’’
कतर में गिरफ्तार किये गये भारतीय नागरिकों के वकीलों के दल ने अपील दाखिल की है।
बागची ने कहा, ‘‘हमारे दूतावास (दोहा) को सात नवंबर को एक बार फिर बंदियों से राजनयिक संपर्क का अवसर मिला। हम परिवार के सदस्यों के साथ भी संपर्क में हैं और विदेश मंत्री ने इस महीने की शुरुआत में नयी दिल्ली में उनसे मुलाकात की थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी कानूनी और राजनयिक सहायता देना जारी रखेंगे। मैं सभी से आग्रह करूंगा कि मामले की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए अटकलबाजी में शामिल न हों।’’
निजी कंपनी ‘अल दहरा’ के साथ काम करने वाले इन भारतीय नागरिकों को पिछले साल अगस्त में कथित रूप से जासूसी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को कतर या भारत के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया है।
कतर की अदालत की व्यवस्था पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि वह इस मामले को अत्यंत महत्व दे रहा है और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है।
भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मियों के खिलाफ आरोप 25 मार्च को दाखिल किये गये थे और उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया। (भाषा)
ह्यूस्टन, 9 नवंबर । अमेरिकी राज्य टेक्सास के बेट्सविल के पास एक कार दुर्घटना में चार प्रवासियों और एक संदिग्ध तस्कर सहित कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सैन एंटोनियो स्थित स्थानीय मीडिया आउटलेट केएनएस 5 ने बुधवार को बताया कि टेक्सास डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक सेफ्टी (डीपीएस) के जवानों ने पुष्टि की कि मृतकों में से कई होंडुरास के थे।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, डीपीएस ने कहा कि एक होंडा चालक, जो ज़ावला काउंटी शेरिफ कार्यालय से गिरफ्तारी से भाग रहा था, एक 18-पहिया वाहन को नो-पासिंग क्षेत्र में लेकर चला गया और फिर एक चेवी एसयूवी से टकरा गया जिससे एसयूवी चालक और यात्री की मौत हो गई, जो जॉर्जिया के थे।
अधिकारियों ने कहा कि दुर्घटना में संदिग्ध तस्कर सहित होंडा में सवार पांच यात्रियों की मौत हो गई। जांच चल रही है। (आईएएनएस)।
तेल अवीव, 9 नवंबर । इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने कहा है कि उसके लड़ाकू विमानों ने लेबनान में हिजबुल्ला के ठिकानों को निशाना बनाया है।
आईडीएफ ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उसने हिजबुल्ला के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया, जिसने मंगलवार और बुधवार को इजरायल पर रॉकेट दागे थे।
बयान के अनुसार, इजरायल पर हमला करने के लिए हिजबुल्ला द्वारा इस्तेमाल की गई सैन्य चौकियों और तकनीकी संपत्तियों को नष्ट कर दिया गया।
इज़रायली वायु सेना ने लेबनान में उत्तरी सीमा के पार और बिरानिट के पास हमले किए।
इज़रायल के भीतर 7 अक्टूबर को 1,400 लोगों के नरसंहार और तबाही के बाद इज़रायल ने हिजबुल्ला को हमास के साथ चल रहे युद्ध में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दी है।
हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला ने हाल ही में एक टेलीविजन संबोधन में 7 अक्टूबर को क्या हो रहा था, इसका अंदाजा लगाने में इजरायली खुफिया विफलता का मजाक उड़ाया था।
हालाँकि, उन्होंने इज़रायल के खिलाफ लड़ाई या इज़रयल की उत्तरी सीमा में युद्ध का मोर्चा खोलने का आह्वान नहीं किया।
अमेरिका ने हिजबुल्ला को इजरायल के खिलाफ हमला शुरू करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी। (आईएएनएस)।
दमिश्क, 9 नवंबर । अमेरिकी सेना ने बुधवार-गुरुवार की आधी रात के बाद सीरिया के पूर्वी प्रांत दीर अल-ज़ौर में कथित आतंकी ठिकानों पर हमले किये। सीरिया के सरकार समर्थक शाम एफएम रेडियो और पेंटागन ने इसकी जानकारी दी है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सेना ने दीर अल-ज़ौर शहर के पूर्व में बोर सईद स्ट्रीट के आसपास हमला किया, जिसमें कहा गया कि हमले के कारण शक्तिशाली विस्फोट हुए।
इस बीच, सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि युद्धक विमानों ने बोर सईद स्ट्रीट के आसपास सैन्य स्थलों और एक हथियार डिपो पर हमला किया।
शाम एफएम रेडियो ने दीर अल-ज़ौर के पूर्वी ग्रामीण इलाके में अल-उमर तेल क्षेत्र जहां एक अमेरिकी बेस स्थित है में शक्तिशाली विस्फोटों की भी सूचना दी।
इस बीच, पेंटागन ने पुष्टि की कि यह दीर अल-ज़ौर में अमेरिका के नेतृत्व में किया गया हवाई हमला था। उसने एक बयान में कहा कि अमेरिकी सेना ने इराक और सीरिया में ईरान समर्थित आईआरजीसी-कुद्स फोर्स के सहयोगियों द्वारा अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ हमलों के जवाब में पूर्वी सीरिया में एक सुविधा पर "आत्मरक्षा हवाई हमले" किए।
नुकसान की अभी कोई जानकारी नहीं है।
रिपोर्टों में कहा गया है कि मौजूदा घटनाएं देर-अल-ज़ौर में ईरान समर्थक लड़ाकों और अमेरिकी बलों के बीच हाल ही में बढ़ी गोलीबारी का हिस्सा लगती हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, गाजा पट्टी में इजरायल-हमास संघर्ष के बाद यह वृद्धि हुई है, क्योंकि सीरिया में ईरान समर्थक लड़ाके गाजा में वृद्धि के लिए अमेरिका को जिम्मेदार मानते हैं।
बगदाद से मिली जानकारी के अनुसार, इराकी शिया मिलिशिया 'इस्लामिक रेसिस्टेंस इन इराक' ने बुधवार को दावा किया था कि उसने सीरिया में अमेरिकी सेना के बेस पर रॉकेट और ड्रोन से दो हमले किये थे। दो अलग-अलग बयानों में उसने कहा कि उसने अल-शद्दादी स्थिति अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर ड्रोनों और रॉकेटों से हमले किये।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने भी पुष्टि की कि बुधवार को अल-शद्दादी बेस पर दो बार हमले हुये। इसके बाद अमेरिकी विमानरोधी हथियारों ने दो ड्रोनों को मार गिराया।
सीरिया में इस साल 19 अक्टूबर से अब तक अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर 26 हमलों की पुष्टि हो चुकी है। (आईएएनएस)।
यरुशलेम, 9 नवंबर । इजराइली सेना (आईडीएफ) ने गुरुवार को दावा किया कि उसने गाजा में 130 हमास सुरंगों के प्रवेश द्वारों को नष्ट कर दिया है।
एक्स पर एक पोस्ट में सेना ने कहा: "आईडीएफ के लड़ाकू इंजीनियर वर्तमान में गाजा में सुरंगों सहित हमास के आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने का काम कर रहे हैं। सुरंगों के अंदर पानी और ऑक्सीजन भंडारण की खोज से संकेत मिलता है कि हमास लंबे समय तक भूमिगत रहने की तैयारी कर रहा है। युद्ध की शुरुआत के बाद से सुरंग के 130 प्रवेश द्वार नष्ट कर दिए गए हैं।"
बुधवार देर रात एक पूर्व बयान में, आईडीएफ ने कहा कि उसने उत्तरी गाजा के बेत हनौन क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) प्रायोजित स्कूल के पास हमास सुरंग को नष्ट कर दिया।
इसने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें कथित तौर पर ड्रोन कैमरे के माध्यम से "स्कूल के पास" नष्ट किए गए सुरंग द्वार को दिखाया गया है।
आईडीएफ ने कहा, "गाजा पट्टी में जमीनी अभियान के विस्तार के साथ, सैनिक हमास के आतंकवादी ढांचे को विफल कर रहे हैं।"
गाजा के नीचे सुरंगों के जरिए मिस्र से माल की तस्करी की जाती है।
लेकिन आईडीएफ के अनुसार, एक दूसरा भूमिगत नेटवर्क भी मौजूद है जिसे इजरायली सेना बोलचाल की भाषा में "गाजा मेट्रो" कहती है।
सीएनएन ने बताया, यह सुरंगों की एक विशाल भूलभुलैया है, जो कुछ लोगों के अनुसार कई किलोमीटर भूमिगत है, जिसका उपयोग लोगों और सामानों के परिवहन; रॉकेट और गोला बारूद भंडार को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। हमास का कमांड सेंटर भी यहीं है, जो आईडीएफ के विमानों और निगरानी ड्रोनों की नज़रों से दूर है। (आईएएनएस)।
वाशिंगटन, 9 नवंबर । भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकन उम्मीदवारों के बीच लड़ाई अब और तीखी हो गई है। पार्टी के भीतर तीसरी बहस में टेक उद्यमी विवेक रामास्वामी द्वारा दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली की बेटी का संदर्भ देने के बाद हेली ने भी उन पर जोरदार हमला करते हुये उन्हें 'महज गंदगी' की संज्ञा दी।
मियामी में बुधवार को दोनों के बीच "टिकटॉक पर अमेरिकी नीति और क्या इसके चीनी स्वामित्व के कारण देश में इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए" विषय पर बहस हुई।
38 वर्षीय उद्यमी ने हेली का जिक्र किया और कहा: "पिछली बहस में उसने वास्तव में टिकटॉक में शामिल होने के लिए मेरा मजाक उड़ाया था, जबकि उसकी अपनी बेटी लंबे समय से ऐप का उपयोग कर रही थी, इसलिए आप शायद पहले अपने परिवार का ख्याल रखना चाहेंगी।”
इसके बाद हेली ने पलटवार करते हुए कहा, "मेरी बेटी के बारे में बात मत करो", और जब रामास्वामी ने बोलना जारी रखा, तो उन्होंने उनसे कहा, "तुम तो बस गंदगी हो"।
दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर ने भी बायोटेक उद्यमी की आलोचना करने के लिए बुधवार को अपने एक्स हैंडल का सहारा लिया। उन्होंने लिखा, "विवेक, मैं हील्स पहनती हूं। वे फैशन स्टेटमेंट के लिए नहीं हैं - वे असलहा हैं।"
पिछली राष्ट्रपति बहस में भी दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी और हेली ने विदेश नीति के मुद्दों पर उनकी अनुभवहीनता के लिए उनकी आलोचना की थी।
हेली ने अमेरिकी सहयोगियों का समर्थन न करने के लिए रामास्वामी की आलोचना की और कहा कि "विवेक के पास विदेश नीति का कोई अनुभव नहीं है और यह दिखता है"।
रामास्वामी ने अपनी वेबसाइट पर निक्की हेली के स्थान पर 'नम्रता रंधावा' नाम का भी इस्तेमाल किया, जिसे हेली ने "बचकाना नाम का खेल" बताया।
हेली ने जवाब में फॉक्सन्यूज को बताया, “मैं इन बचकाने नाम वाले खेलों में शामिल नहीं होने जा रही हूं। यह बहुत दयनीय है। सबसे पहले, मेरे जन्म प्रमाणपत्र पर मेरा जन्म निक्की के साथ हुआ था। मेरा पालन-पोषण निक्की के रूप में हुआ। मैंने हेली से शादी की. और इसलिए मेरा नाम यही है।"
डेस मोइनेस रजिस्टर द्वारा सोमवार को जारी एक सर्वेक्षण में, हेली 10 अंक बढ़कर 16 प्रतिशत पर पहुंच गई हैं, जिससे वह फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस के बराबर हो गईं।
हेली और रामास्वामी के अलावा, तीसरी बहस के लिए तीन अन्य उम्मीदवार मंच पर थे - न्यू जर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी, फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस और दक्षिण कैरोलिना के सीनेटर टिम स्कॉट।
एनबीसी न्यूज द्वारा आयोजित दो घंटे की बहस मियामी-डेड काउंटी के एड्रिएन अर्श्ट सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स में शुरू हुई।
ट्रम्प, जिन्होंने अब तक चुनावों में भारी बढ़त बरकरार रखी है, फिर से बहस में शामिल नहीं हुए। इसकी बजाय उन्होंने फ्लोरिडा के हिलेहा में मियामी बहस स्थल से कुछ ही दूरी पर एक रैली आयोजित की। (आईएएनएस)।
(ललित के. झा)
वाशिंगटन, 9 नवंबर। अमेरिका के इंडियाना राज्य में स्थित एक फिटनेस सेंटर में 24 वर्षीय भारतीय छात्र पर चाकू से हमला किया गया, जिसने बाद में दम तोड़ दिया। जिस विश्वविद्यालय में छात्र पढ़ाई कर रहा था, उसने यह जानकारी दी।
वलपरासियो विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान के छात्र वरुण पर 29 अक्टूबर को एक जिम में हमलावर जॉर्डन एंड्राड ने चाकू से हमला किया था, जिसमें छात्र के सिर में चोट आई थी। अधिकारी हमले की वजह का पता लगा रहे हैं।
शिकागो के समीप वलपरासियो विश्वविद्यालय ने बुधवार को एक बयान में कहा, 'हम भारी हृदय से वरुण राज पुछा के निधन की जानकारी साझा कर रहे हैं। हमारे विश्वविद्यालय ने अपने एक बच्चे को खो दिया। इस दुख की घड़ी में हमारी संवेदनाएं वरुण के परिवार और उसके दोस्तों के साथ हैं।'
घटना के बाद हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया था और उसपर धारदार हथियार से हमला करने और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था।
विश्वविद्यालय ने बताया, 'विश्वविद्यालय लगातार वरुण के परिवार के संपर्क में है और जहां तक संभव होगा हम सहायता और समर्थन जारी रखेंगे ताकि परिजन इस अत्यंत मुश्किल समय में आगे बढ़ सकें।'
विश्वविद्यालय परिसर में 16 नवंबर को वरुण के लिए स्मृति सभा के आयोजन की योजना बनाई जा रही है। (भाषा)
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि हमास द्वारा बनाए गए 200 से अधिक बंधकों को छुड़ाने के लिए हो रही वार्ता में यूएन भी शामिल है.
रॉयटर्स न्यूज़ एजेंसी से उन्होंने कहा, “बंधकों को छुड़ाने के लिए हर संभव मदद कराना हमारी ज़िम्मेदारी है.”
उन्होंने कहा कि इस संबंध में क़तर बहुत सकारात्मक भूमिका निभा रहा है और यूएन उसके संपर्क में है. यूएन इसराइल से भी संपर्क में है.
बीते 24 घंटों का अपडेट-
इसराइली पीएम नेतन्याहू के सलाहकार मार्क रेगेव ने कहा है कि रफ़ाह क्रॉसिंग के पास दक्षिणी ग़ज़ा में भूमध्य सागर से सटे इलाक़ों में 'सेफ़ ज़ोन' बनाने पर बात चल रही है जहां फ़ील्ड हॉस्पीटल भी होगा.
हमास के ग़ज़ा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि कल मारे गए 241 लोगों में से आधे लोग दक्षिणी ग़ज़ा से हैं.
- बुधवार को इसराइली सेना ने उत्तरी ग़ज़ा के लोगों को यहां से निकलने के लिए सुरक्षित रास्ता देने की खातिर बमबारी पर पहली बार अल्प विराम (पॉज़) लगाया.
- इसराइली बमबारी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10,569 हो गई है. मरने वालों में 4,324 बच्चे शामिल हैं.
- इसराइली मिलिट्री ने कहा है कि 27 अक्टूबर को शुरू हुए ग़ज़ा पट्टी में ज़मीनी अभियान में अब तक कुल 32 इसराइली सैनिक मारे गए हैं.
- जी-7 की बैठक में जापान पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि ग़ज़ा में इसराइल का फिर से कब्ज़ा कतई नहीं होना चाहिए.
- टोक्यो में हो रहे जी-7 देशों ने अपने बयान में ग़ज़ा में मानवीय संकट को लेकर तुरंत कदम उठाने पर ज़ोर दिया है.
- इसराइली सेना का दावा है कि हमास के नेता मोहिसिन अबु ज़िना की मौत हो गई है. वो हमास के 'इंटेलिजेंस और वेपन डिमार्टमेंट' के प्रमुख थे.
- ब्रिटेन की लेबर पार्टी के सांसद इमरान हुसैन ने ग़ज़ा में "युद्धविराम की पुरजोर वकालत" करते हुए कीर स्टार्मर की शैडो कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया है. हुसैन कामगरों के लिए बनायी जाने वाली नई डील के शैडो मंत्री थे. (bbc.com/hindi)
इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के सलाहकार मार्क रेगेव ने कहा है कि रफ़ाह क्रॉसिंग के पास दक्षिणी ग़ज़ा में भूमध्य सागर से सटे इलाक़ों में 'सेफ़ ज़ोन' बनाया जाएगा.
बीबीसी न्यूज़ चैनल से रेगेव ने कहा कि इसराइल नागरिक मौतों को कम करने की भरसक कोशिश कर रहा है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए इसराइली सेना लोगों से उत्तरी ग़ज़ा छोड़कर दक्षिणी ग़ज़ा में जाने के लिए कह रही है.
दक्षिणी इलाकों में हवाई बमबारी से फ़लस्तीनी मौतों पर उन्होंने कहा कि उत्तर की तुलना में दक्षिण में कम हिंसा है. उत्तर में हमास के साथ इसराइली सेना का संघर्ष जारी है.
रागेव ने कहा कि भूमध्य सागर के पास ख़ान यूनिस के पश्चिम में स्थित अल मावासी में एक विशेष मानवीय ज़ोन बनाया जा रहा है.
उनके मुताबिक, “भूमध्य सागर के तट से सटा यह सुरक्षित इलाका होगा जहां हमास का ढांचा नहीं है. हम लोग एक ह्यूमैनिटेरियन सेफ़ ज़ोन बनाने के बारे में बात कर रहे हैं जहां फ़ील्ड अस्पताल होगा.”
उन्होंने कहा कि यह इलाक़ा मिस्र को जाने वाले रफ़ाह क्रॉसिंग के क़रीब है तो यहां मानवीय सहायता भी आसानी से पहुंच सकेगी.
पिछले एक हफ़्ते में सैकड़ों विदेशी नागरिक और घायल फ़लस्तीनी रफ़ाह के रास्ते ग़ज़ा से निकलने में क़ामयाब हुए हैं, जबकि इस दौरान ग़ज़ा में कुछ मानवीय सहायता भी आने दी गई है. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 8 नवंबर । कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने कहा कि बंदूक से लैस एक व्यक्ति को अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) के पास गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि संदिग्ध हिरासत में है और पुलिस उसके सामान की तलाशी ले रही है।
अमेरकिी कैपिटल पुलिस (यूएससीपी) ने मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा: “यूएससीपी अधिकारियों ने यूनियन स्टेशन के सामने पार्क में बंदूक के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। इस समय हमारे पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि कोई संकट मौजूद है। हम अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए काम कर रहे हैं और पुष्टि होने पर अधिक जानकारी देंगे।
“हमने अभी पार्क में उस क्षेत्र में तलाशी की है जिसकी हमने घेराबंदी की है। अत्यधिक सावधानी बरतते हुए, हम संदिग्ध के सामान की तलाशी लेंगे। संदिग्ध हिरासत में है। जांच जारी है।”
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, बाद में पत्रकारों को संबोधित करते हुए, कैपिटल पुलिस प्रमुख टॉम मैंगर ने कहा कि उस व्यक्ति पर कैपिटल मैदान में अवैध रूप से हथियार ले जाने का आरोप लगाया जाएगा, और अतिरिक्त मामलों का भी सामना करना पड़ सकता है।
मैंगर ने कहा, "कुछ संकेत हैं कि वह कुछ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा है।" उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति द्वारा अधिकारियों को सचेत करने के बाद पुलिस ने उस व्यक्ति तक पहुंची।
पुलिस प्रमुख ने बताया कि जब उसने हथियार नीचे रखने का आदेश नहीं माना तो एक अधिकारी ने उसकी पीठ पर टेजर (कुछ देर के लिए किसी को लकवाग्रस्त करने वाले इंजेक्शन की बंदूक) का इस्तेमाल किया। (आईएएनएस)।
जिनेवा, 8 नवंबर । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि 7 अक्टूबर को भड़के इजराइल-हमास संघर्ष में 10 हजार से अधिक लोग, यानी कुल आबादी का लगभग 0.5 प्रतिशत, मारे गये हैं। अनुमान है कि औसतन 160 बच्चे हर दिन मर रहे हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने यहां एक प्रेस ब्रीफिंग में विश्व निकाय के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमियर के हवाले से कहा कि अब तक 16 स्वास्थ्य कर्मी ड्यूटी पर मारे गए हैं और डब्ल्यूएचओ गाजा में स्वास्थ्य कर्मियों का समर्थन करने के लिए काम कर रहा है और एक बार फिर उनकी सुरक्षा की गुहार लगा रहा है।
लिंडमियर ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के खिलाफ गाजा में 102 हमले, पश्चिमी तट में 121 और इज़राइल में 25 हमले दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने कहा, फिलहाल ईंधन की कमी या क्षति के कारण गाजा में 14 अस्पताल काम नहीं कर रहे हैं।
यह देखते हुए कि मंगलवार को हमास द्वारा इज़राइल के खिलाफ युद्ध छेड़े हुए एक महीना हो गया, डब्ल्यूएचओ अधिकारी ने कहा कि यहूदी राष्ट्र में लोग 200 से अधिक बंधकों के बारे में भयभीत और चिंतित हैं। उन्होंने सभी बंधकों की तत्काल रिहाई के लिए आह्वान दोहराया, जिनमें से कई को तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि गाजा में कुछ डॉक्टर बिना एनेस्थीसिया के ऑपरेशन कर रहे हैं।
लिंडमीयर ने कहा, "गाजा में नागरिकों द्वारा सहे जा रहे आतंक को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता है।" उन्होंने जीवित रहने के लिए पानी, ईंधन, भोजन और स्वास्थ्य देखभाल की सुरक्षित पहुंच की सख्त आवश्यकता पर जोर दिया।
डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता ने प्रतिदिन लगभग 500 ट्रकों की सहायता के लिए "निर्बाध, सुरक्षित और संरक्षित पहुंच" के लिए संयुक्त राष्ट्र के आह्वान को दोहराया।
उन्होंने कहा कि मृत्यु और पीड़ा का स्तर "समझना कठिन" है।
गाजा स्थित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संघर्ष की शुरुआत से लेकर अब तक मरने वालों की संख्या बुधवार सुबह तक 10,328 थी, जबकि 24,408 लोग घायल हुए थे।
मंत्रालय ने कहा कि कुल मौतों में से 67 प्रतिशत बच्चे और महिलाएं हैं, मंत्रालय ने कहा कि 1,350 बच्चों सहित लगभग 2,450 लोग लापता बताए गए हैं। आशंका है कि वे मलबे के नीचे फंसे या मृत हो सकते हैं।
अधिकारियों के अनुसार, कुल मिलाकर, यहूदी राष्ट्र में लगभग 1,400 इजरायली और विदेशी नागरिक मारे गए हैं।
इनमें से 1,159 मृतकों के नाम जारी कर दिए गए हैं, जिनमें 828 आम नागरिक भी शामिल हैं।
आधिकारिक इज़रायली सूत्रों ने पुष्टि की है कि गाजा में 30 इज़रायली सैनिक भी मारे गये हैं।
गाजा में करीब 240 लोगों को बंदी बनाकर रखा गया है। इनमें इजरायली और विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि बंधकों में से लगभग 30 बच्चे हैं।
अब तक, हमास द्वारा चार नागरिक बंधकों को रिहा कर दिया गया है, और एक महिला इजरायली सैनिक को इजरायली बलों ने बचाया है।
हमास ने दावा किया है कि इजरायली हवाई हमलों में 57 बंधकों की मौत हो गई। (आईएएनएस)।
काबुल, 8 नवंबर । अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के दश्त-ए-बारची इलाके में हुए विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। काबुल के पुलिस प्रवक्ता खालिद जादरान ने यह जानकारी दी।
जादरान ने कहा कि मंगलवार शाम को एक मिनी बस में विस्फोट हुआ, जिसमें सात लोगों की जान चली गई और 20 अन्य घायल हो गए। उन्होंने बताया कि सभी पीड़ित आम नागरिक थे।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बल विस्फोट स्थल पर पहुंच गए हैं और जांच शुरू कर दी है।
क्षेत्र में 26 अक्टूबर को एक विस्फोट में एक स्पोर्ट्स क्लब को नष्ट हो गया था और चार लोगों की मौत हो गई थी। बाद में आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। (आईएएनएस)।
जिनेवा, 8 नवंबर । एक महीने पहले शुरू हुए हमास-इजराइल युद्ध के ताजा दौर के बाद से 89 संयुक्त राष्ट्र सहायता कर्मी मारे गए हैं। संगठन के इतिहास में किसी संघर्ष में मारे गए संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों की यह सर्वाधिक संख्या है। नियर ईस्ट में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) ने यह जानकारी दी है।
यूएनआरडब्ल्यूए की मंगलवार को जारी नवीनतम स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि 7 अक्टूबर से गाजा पट्टी में लगभग 15 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। उत्तर सहित गाजा के सभी पांच प्रांतों में 149 यूएनआरडब्ल्यूए प्रतिष्ठानों में लगभग 725,000 लोग शरण लिए हुए हैं।
इसमें कहा गया है कि पिछले 24 घंटे में गाजा के उत्तर में एक यूएनआरडब्ल्यूए स्कूल सीधे हमलों की चपेट में आ गया। घटना में स्कूल में आश्रय लेने वाले आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों में से एक व्यक्ति की मौत हो गई और नौ घायल हो गए।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, गाजा में संयुक्त राष्ट्र सुविधाओं में भीड़भाड़ अब एक बड़ी चिंता बनी हुई है।
खान यूनिस प्रशिक्षण केंद्र में, जहां 22 हजार विस्थापित लोगों ने आश्रय मांगा था, प्रति व्यक्ति जगह दो वर्ग मीटर से भी कम है। हर 600 व्यक्ति पर महज एक शौचालय है। (आईएएनएस)।
तुर्की की संसद के अध्यक्ष ने कहा है कि अब वह उन कंपनियों के उत्पादों का इस्तेमाल नहीं करेगी जो "इसराइल की आक्रामकता" का समर्थन करती हैं.
टीआरटी के अनुसार, नोमान कर्तुलमस ने मंगलवार को देश के उत्तरी प्रांत ओरदू में एक कार्यक्रम में कहा कि “टीबीएमएम (तुर्की ग्रैंड नेशनल असेंबली) में उन कंपनियों के किसी भी उत्पाद का उपयोग नहीं करेंगे जो इसराइल की आक्रामकता का समर्थन करती हैं.”
“अब से हम यही करेंगे, हालांकि जो पहले ही खरीद लिया गया है उसे फेंका नहीं जा सकता.”
हालांकि कर्तुलमस ने उन कंपनियों का सीधे-सीधे नाम नहीं लिया है लेकिन रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक तुर्की की संसद ने कोका-कोला और नेस्ले के उत्पाद को बायकॉट किया है.
रॉयटर्स को एक सूत्र ने बताया है कि कोका-कोला और नेस्ले की कॉफ़ी ही दो मात्र ऐसे उत्पाद हैं जिसे संसद के रेस्त्रां के मेन्यू से हटाया गया है.
हालांकि संसद के स्पीकर ने ये साफ़ नहीं किया कि आखिर किस तरह ये कंपनियां इसराइल का समर्थन कर रही हैं. (bbc.com/hindi)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 8 नवंबर। एक विशेषज्ञ के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता दोनों देशों की वैश्विक साझेदारी के प्रति अटूट प्रतिबद्धता और स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के लिए उनके साझा दृष्टिकोण की पुष्टि करने के वास्ते एक मंच के रूप में काम करेगी।
यह बैठक इस सप्ताह नयी दिल्ली में आयोजित की जाएगी।
विदेश मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन अपने भारतीय समकक्ष विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ इस सप्ताह पांचवीं ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए भारत जाएंगे।
मंत्रालय ने कहा कि ब्लिंकन और ऑस्टिन अन्य वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय एवं वैश्विक चिंताओं एवं हिंद-प्रशांत में जारी गतिविधियों पर चर्चा करेंगे।
एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के साउथ एशिया इनिशिएटिव्स की निदेशक फरवा आमेर ने कहा कि एक जटिल और लगातार विकसित हो रहे वैश्विक परिदृश्य की पृष्ठभूमि में यह संवाद अमेरिका और भारत की वैश्विक साझेदारी और एक स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए उनकी साझा दृष्टि के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के मंच के रूप में काम करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘आगामी पांचवीं अमेरिका-भारत ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता एक मजबूत साझेदारी को गहरा करने का वादा करती है जिसमें खासकर रक्षा सहयोग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है। इस सप्ताह भारत में होने वाली ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता में दोनों देशों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।’’
हिंद-प्रशांत एक जैव-भौगोलिक क्षेत्र है, जिसमें हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर सहित पश्चिमी और मध्य प्रशांत महासागर शामिल है।
अमेरिका, भारत और कई अन्य विश्व शक्तियां संसाधन संपन्न क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधि की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुले और संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर चर्चा कर रही हैं।
चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे हिस्से पर दावा करता है, जबकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम सभी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। चीन का पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ भी क्षेत्रीय विवाद है।
आमेर ने कहा कि बातचीत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां यूक्रेन में संकट और इजराइल-हमास संघर्ष की छाया मंडरा रही है।
आमेर ने कहा कि ये संघर्ष सीधे तौर पर अमेरिका-भारत संबंधों से जुड़े नहीं हो सकते हैं, लेकिन वे एक ऐसी पृष्ठभूमि बनाते हैं जो दोनों देशों की रणनीतिक गतिशीलता और वैश्विक परिप्रेक्ष्य को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि वार्ता के दौरान इन संकटों पर चर्चा होने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘‘इजराइल-हमास संघर्ष पर भारत ‘क्वाड’ देशों के साथ कहीं अधिक जुड़ा हुआ है, जो गंभीर अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों पर समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ भारत के गहरे जुड़ाव का संकेत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा अमेरिका भारत-कनाडा विवाद मामले में अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करने के महत्व पर जोर देते हुए कनाडा की जांच में फिर से भारत के सहयोग का आह्वान कर सकता है। यह कूटनीतिक उलझन एक चुनौती पैदा कर सकती है, लेकिन यह इस बात की याद भी दिला सकता है कि विशिष्ट मुद्दों पर मतभेद से द्विपक्षीय संबंध पटरी से नहीं उतरेंगे।’’
आमेर ने कहा, ‘‘इन चुनौतियों से परे संवाद का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के दायरे का विस्तार करना है। यह केवल रक्षा के बारे में नहीं है बल्कि इसमें जलवायु, ऊर्जा, स्वास्थ्य, आतंकवाद विरोधी, शिक्षा और लोगों से लोगों के बीच संबंध भी शामिल है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और सह-उत्पादन पर ध्यान केंद्रित है, जो सैन्य क्षमताओं को बढ़ावा देने में नवाचार के महत्व को रेखांकित करता है। क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी पर पहल (आईसीईटी) के एजेंडे में होने की उम्मीद है, जो भारत-अमेरिका रक्षा त्वरित पारिस्थितिक तंत्र (इंडस-एक्स) के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने वाला है।’’ (भाषा)
उन्होंने कहा कि सीओपी28 से पहले जलवायु कार्रवाई को बढ़ाने की अनिवार्यता भी बातचीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकती है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों को 2050 तक शून्य कार्बन-उत्सर्जन देश बनने का भारत का आह्वान जलवायु परिवर्तन की तत्काल चुनौती से निपटने में साझा जिम्मेदारी को रेखांकित करता है।
वाशिंगटन, 8 नवंबर। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के शीर्ष नेता शी चिनफिंग के बीच अगले सप्ताह होने वाली अपेक्षित मुलाकात की तैयारियां सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं लेकिन व्हाइट हाउस को इस मुलाकात से दोनों देशों के बीच संबंधों में किसी प्रकार के बड़े बदलाव के आने की उम्मीद नहीं है। बैठक की योजना से जुड़े एक परिचित ने यह जानकारी दी।
बाइडेन और शी के बीच यह मुलाकात, सैन फ्रांसिस्को में अगले सप्ताह होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन से इतर होनी है।
व्हाइट हाउस ने पिछले महीने के अंत में घोषणा की थी कि अमेरिका और चीन इस समझौते पर पहुंचे हैं कि बाइडेन और शी, शिखर सम्मेलन से इतर एक-दूसरे से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है जब विश्व की दो सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों के बीच पूरा वर्ष तनावपूर्ण रहा है। हालांकि शिखर सम्मेलन के लिए बाइडेन एक सप्ताह में सैन फ्रांसिस्को पहुंचने वाले हैं इसलिए मुलाकात का सटीक समय और अन्य विवरण अभी तक औपचारिक रूप से घोषित नहीं किया गया है।
सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने के लिए गैर-अधिकृत व्यक्ति ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि अमेरिका का मानना है कि दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद कुछ मामूली घोषणाएं की जा सकती हैं लेकिन संबंधों में किसी प्रकार का बड़ा बदलाव आने की उम्मीद नहीं है। (एपी)
एपी जितेंद्र मनीषा मनीषा 0811 1058 वाशिंगटन
ब्रिटेन की लेबर पार्टी के सांसद इमरान हुसैन ने ग़ज़ा में "युद्धविराम की पुरजोर वकालत" करते हुए कीर स्टार्मर की शैडो कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया है.
हुसैन कामगरों के लिए बनायी जाने वाली नई डील के शैडो मंत्री थे.
उन्होंने कहा कि वह लेबर के एजेंडे के प्रति प्रतिबद्ध हैं लेकिन ग़ज़ा पर उनका दृष्टिकोण सर कीर से "काफ़ी हद तक" अलग है. सर कीर ब्रिटेन की संसद में नेता प्रतिपक्ष हैं.
सर कीर ने ग़ज़ा में मानवीय कारणों से पॉज़ की वकालत की है लेकिन वो युद्धविराम के समर्थन में नहीं हैं.
हुसैन ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र और अन्य संस्थाओं की तरह युद्धविराम के "मजबूत समर्थक" हैं. उन्होंने कहा कि इस "रक्तपात को रोकने के लिए युद्धविराम ज़रूरी" है.
इसराइल ने कहा है कि उसकी सेना अब ग़ज़ा के बीचों बीच पहुंच चुकी है.
इसराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा है कि इसराली सैनिक आसमान, ज़मीन और समंदर तीनों तरफ़ से सुनियोजित हमले कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है उनके सैनिकों ने ग़ज़ा के घेर लिया है और इस समय ग़ज़ा शहर में हैं.
इससे पहले नेतन्याहू ने कहा था कि जब ये युद्ध ख़त्म होगा तो इसराइल ‘अनिश्चित काल’ तक ग़ज़ा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए ज़िम्मेदार होगा.
साल 2007 के बाद से ग़ज़ा में हमास का शासन था. इसराइल केवल ग़ज़ा के एयर स्पेस और तटों को काबू करता रहा है. (bbc.com/hindi)