सूरजपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सूरजपुर, 31 दिसंंबर। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय निरामय कार्यक्रम अन्तर्गत टीबी का सघन खोज अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत स्नेह सम्बल वृद्धाश्रम में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
ज्ञात हो कि स्नेह सम्बल वृद्धाश्रम तिलसीवां जिला सूरजपुर में वृद्धजन यहां रहकर गुजर-बसर करते हुए अपना सकुशल जीवन यापन करते हैं। यह केन्द्र समाज कल्याण विभाग सुरजपुर एवं समाज सेवा संस्था छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान लखनपुर जिला सरगुजा के द्वारा संचालित है। पिरामल फाउंडेशन छत्तीसगढ़ इस केन्द्र लिए स्वास्थ्य विभाग से एडवोकेसी कर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विशेष रूप से प्रयत्नशील रहती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कपीलदेव पैकरा और जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. जे एस आर सरूता उपस्थित होकर लोगों का हालचाल पूछा। स्वास्थ्य सेवाएं एवं समस्याओं पर चर्चा की।
वृद्धाश्रम की अधिक्षिका पायल गुप्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान के प्रदेश सचिव सुरेन्द्र साहू के निर्देशन मे सभी लोगों का टीबी के लिए बलगम जांच हो चुकी है। वृद्धाश्रम में निवासरत किसी भी व्यक्ति को टीबी की पुष्टि नहीं हुई है। अथवा सभी लोग टीबी के संक्रमण से मुक्त है। जब- जब टीबी का जांच होता है तो उसके साथ ही साथ सुगर बीपी आदि की भी जांच हो जाती है।
एएनएम ममता पैकरा ने बताया कि माह में दो बार इस केन्द्र में आकर लोगों की स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या के विषय में जानकारी ले दवा उपलब्ध कराते हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कपीलदेव ने कहा कि नि-क्षय निरामय कार्यक्रम का सौ दिवसीय सघन टीबी खोज अभियान में सभी का सहयोग लेना है। शासकीय और गैर शासकीय संस्थाओं से बेहतर समन्वय स्थापित कर सम्पूर्ण रूप से सूरजपुर को टीबी मुक्त जिला बनाना है। जहां भी लगे कि मेरी आवश्यकता है मुझे जानकारी दे मैं स्वयं उस स्थान और संस्थान में जाऊंगा।
जैसा कि आज पिरामल फाउंडेशन ने मुझे इस वृद्धाश्रम के विषय में बताया। और यहां आने पर एक एक कक्ष को हमलोगों ने देखा इससे लोगों का मनोबल बढ़ता है। कार्य की अभिरुचि जगती है। लोगों में विश्वास बढ़ता है कि स्वास्थ्य विभाग हमारे साथ हमारी समस्याओं के समाधान के लिए हमारे साथ खड़ा है ।
जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. जे एस आर सरूता ने कहा कि बुढ़ापा कोई बिमारी नहीं है। एक दिन इस अवस्था से सबको गुजरना है। इस लिए सभी को प्रसन्नचित्त होकर जीवन जीना चाहिए। यदि किसी को समस्या है तो उसका समाधान भी है। मधुर वाणी और व्यवहार से दिल जीता जा सकता है। पिरामल फाउंडेशन के जिला कार्यक्रम अधिकारी महेन्द्र तिवारी ने कहा कि टीबी की जांच इस लिए करायी जा रही है कि संक्रमित व्यक्ति का पहचान हो सके। जांच में किसी को टीबी नहीं निकाला तो खुशी की बातें है । उक्त व्यक्ति को विश्वास बढ़ेगा की मुझे टीबी नहीं है। इस लिए छिपाना नहीं चाहिए। टीबी की पुष्टि होने पर दवा खाएगा व्यक्ति ठीक-ठाक हो जायेगा।
कार्यक्रम का संचालन पिरामल फाउंडेशन के राज नारायण द्विवेदी ने किया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान के अमृता राजवाड़े, मोहित राजवाड़े, देवन्ती साहू, भारती साहू, आकाश साहू सहित छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान के सभी स्टाफ उपस्थित थे।