सूरजपुर

अवैध धान भंडारण पर प्रशासन की नजर अंदाजी, हर साल करोड़ों का घोटाला
13-Nov-2024 8:20 PM
अवैध धान भंडारण पर प्रशासन की नजर अंदाजी, हर साल करोड़ों का घोटाला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

प्रतापपुर, 13 नवंबर। प्रतापपुर क्षेत्र में धान खरीदी शुरू होने से पहले ही अवैध धान भंडारण और जमाखोरी का खेल तेजी से चल रहा है। राइस मिलर्स और धान के दलाल हर साल करोड़ों का गोरखधंधा करते हैं, और प्रशासन की उदासीनता के कारण यह घोटाला बिना किसी रोक-टोक के फल-फूल रहा है। क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध धान भंडारण किया जा रहा है, जिससे शासन-प्रशासन को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से राइस मिलर्स 1500-1600 रुपये प्रति  च्ंिटल के दाम पर धान खरीदकर इसे अपने गोदामों में स्टॉक कर रहे हैं। इस धान को कृषक धान के तौर पर छत्तीसगढ़ के किसानों के खातों में फर्जी एंट्री करवा दिया जाता है, ताकि इसे मंडी में समर्थन मूल्य पर ऊंचे दामों पर बेचा जा सके। इस तरह हर साल शासन को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है।
अवैध धान तस्करी में चेकपोस्टों के कर्मचारी और अधिकारी भी संलिप्त बताए जा रहे हैं। रिश्वत लेकर वे अवैध धान को बिना जांच-पड़ताल के राज्य की सीमाओं में प्रवेश करने देते हैं। इस वजह से यह गोरखधंधा और बढ़ता जा रहा है और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

मंडी विभाग के अधिकारियों पर भी अवैध धान की बिक्री में संलिप्तता के आरोप लग रहे हैं। अधिकारियों को इस गोरखधंधे की पूरी जानकारी होने के बावजूद, वे रिश्वत के बदले आंखें मूंदे रहते हैं, जिससे इस अवैध व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
आक्रोशित जनता ने प्रशासन से की कड़ी कार्रवाई की मांग

स्थानीय लोग और किसान प्रशासन से अवैध धान भंडारण पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर समय रहते कार्रवाई की जाती है, तो करोड़ों का यह घोटाला रोका जा सकता है। जनता ने प्रशासन से मिलर्स और कोचियों के ठिकानों पर छापेमारी की अपील की है, ताकि इस अवैध धंधे का पर्दाफाश किया जा सके।
इस विषय में एसडीएम ललिता भगत ने कहा कि राजस्व विभाग, कृषि विभाग और मंडी विभाग की संयुक्त टीम द्वारा सघन जांच की जाएगी और अवैध रूप से आ रहे धान पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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