आखिर यह सन्नाटा क्यों?
नगरीय निकाय चुनाव नतीजे आने से पहले कांग्रेस में तूफान से पहले की शांति दिख रही है।
पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को कोई बेहतर नतीजे की उम्मीद नहीं है। वो नतीजे आने के बाद पार्टी के बड़े नेताओं पर टूट पडऩे की तैयारी में हैं।
एक पूर्व विधायक ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि वो आने वाले दिनों में धमाका करेंगे। धमाका किस तरह का होगा, यह स्पष्ट नहीं है। मगर यह तय है कि धमाके की गूंज दिल्ली तक सुनाई दे सकती है।
रायपुर में स्थानीय नेताओं के बीच विवाद खुलकर जाहिर हो सकती है। इसकी वजह यह है कि कई सीनियर पार्षदों की टिकिट काट दी गई थी। ये सभी निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। कुछ की स्थिति तो बेहतर बताई जा रही है। इन पूर्व पार्षदों का कहना है कि वो देर सबेर विधानसभा टिकट के दावेदार हो सकते थे इसलिए उन्हें जानबूझकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। बागी कांग्रेस चुनाव जीतकर आएंगे तो कुछ बोलेंगे ही, और बोलेंगे तो विवाद बढ़ेगा ही। यानी आने वाले दिनों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की राह मुश्किल हो सकती है।
भाजपा में भी कुछ ठीक नहीं
भाजपा में विशेषकर सरगुजा संभाग में नगरीय निकाय चुनाव के बीच में काफी विवाद हु्आ है। चर्चा है कि महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने तो चुनाव प्रचार की समीक्षा बैठक में प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन से स्थानीय प्रमुख नेताओं की शिकायत की है। उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन स्थानीय दिग्गज नेता महिला बाल विकास मंत्री से खफा बताए जा रहे हैं। इन सबके बीच एक के बाद एक कई ऑडियो भी वायरल हुआ है। एक ऑडियो में महिला बाल विकास मंत्री के पति और भाजपा के बागी प्रत्याशी के बीच बातचीत है। बागी प्रत्याशी उन पर पार्टी के खिलाफ काम करने वालों को टिकट देने की तोहमत लगा रहे हैं। दोनों के बीच में काफी विवाद हो रहा है। ऐसे कई ऑडियो-वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। चुनाव नतीजे आने के बाद कुछ और ऑडियो-वीडियो जारी हो सकता है जिससे प्रदेश की राजनीति गरमा सकती है। देखना है आगे क्या होता है।