राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : हर कुर्सी पर बैठना नसीब
23-Nov-2024 4:06 PM
 राजपथ-जनपथ : हर कुर्सी पर बैठना नसीब

हर कुर्सी पर बैठना नसीब

भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय के बाद सुनील सोनी प्रदेश के दूसरे ऐसे नेता बन गए हैं जिन्होंने महापौर, सांसद और विधायक तीनों पदों को सुशोभित किया है। सरोज की तरह सुनील सोनी भी दो बार महापौर रहे।

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद निगम की राजनीति करने वाले कई नेता विधायक बने हैं। इनमें लखनलाल देवांगन, प्रबोध मिंज, किरण देव, और देवेन्द्र यादव व स्व. विद्यारतन भसीन हैं। लखनलाल देवांगन कोरबा के महापौर रहे। बाद में वो पहली बार कटघोरा से विधायक बने और संसदीय सचिव भी रहे। अभी वो कोरबा से चुनाव जीतने के बाद सरकार में उद्योग मंत्री हैं। इसी तरह प्रबोध मिंज अंबिकापुर के दो बार महापौर रहे। वर्तमान में वो लुंड्रा विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

इसी तरह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण देव भी जगदलपुर के महापौर रहे। वर्तमान में जगदलपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इसके अलावा भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव भी महापौर रह चुके हैं। इसके अलावा भिलाई के महापौर रहे स्व. विद्यारतन भसीन वैशाली नगर से विधायक रहे हैं। सरोज पांडेय पहली बार वैशाली नगर से विधायक बनी थीं। इसके बाद दुर्ग से सांसद निर्वाचित हुई। इससे परे राजनांदगांव के महापौर रहे मधुसुदन यादव सांसद तो बने लेकिन वर्ष 2018 में विधानसभा का चुनाव हार गए।

दूसरी तरफ, सुनील सोनी नगर निगम के पार्षद बने, फिर सभापति चुने गए। दो बार महापौर रहे, फिर सांसद बने, और अब विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। यानी सुनील सोनी के नाम एक अलग ही रिकार्ड बना है। उनसे जुड़े लोग जीत के बाद अभी से उनके मंत्री बनने की अटकलें लगा रहे हैं। देखना है आगे उन्हें आगे क्या कुछ मिलता है। 

चर्चा दो राजनीतिक फिल्मों की

मार्च 2024 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘द नक्सली स्टोरी’ को लेकर समीक्षकों और दर्शकों में खासा विवाद रहा। अप्रैल 2010 में दंतेवाड़ा में हुए माओवादी हमले की पृष्ठभूमि पर आधारित इस फिल्म को -द टाइम्स ऑफ इंडिया ने 5 में से 3 स्टार दिए तो  इंडियन एक्सप्रेस ने 0.5 और नेशनल हेराल्ड ने सीधे शून्य रेटिंग दी थी। हाल ही में यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म जी-5 पर रिलीज होने के बाद फिर चर्चा में है।

बड़े पर्दे पर जब आई तो फिल्म में सामाजिक कार्यकर्ताओं और अदालतों को नक्सल समर्थक के रूप में दिखाने पर तब कड़ी आलोचना हुई थी। लंबे समय तक बस्तर में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार ने अब ओटीटी पर आने के बाद प्रतिक्रिया दी है। हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि फिल्म में उनके जैसे पात्र को एक मुस्लिम व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है, जिसका नाम 'इरशाद' रखा गया है। उसे चरखा चलाने वाला, कई एनजीओ के संचालक और नक्सलियों के लिए हथियारों की व्यवस्था करने वाला बताया गया है। हिमांशु के अनुसार, यह फिल्म पूरी तरह से झूठे तथ्यों पर आधारित है।

इसके बावजूद कई भाजपा शासित राज्यों में इस फिल्म की एक वर्ग में बड़ी प्रशंसा हुई। इनमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है। सरकार ने इसे टैक्स फ्री कर दिया था। फिर भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही।

अब हाल ही में ‘द साबरमती एक्सप्रेस’ रिलीज़ हुई है, जिसे भी गोधरा कांड की सच्चाई के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। इस फिल्म को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहा है। इसके बाद मध्य प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ सहित कई भाजपा शासित राज्यों में इसे टैक्स फ्री किया गया है। हालांकि, रिलीज के शुरुआती सप्ताह में इसका कलेक्शन कमजोर है।

छत्तीसगढ़ के दर्शकों के लिए यह मौका है कि वे टैक्स फ्री टिकट पर सिनेमाघरों में इस फिल्म का आनंद लें। अगर इतना भी महंगा लगे, तो ओटीटी पर इसके आने का इंतजार करें, लेकिन यह इंतजार लंबा हो सकता है।

ऐसी फिल्में टैक्स फ्री होने के बाद भी बॉक्स ऑफिस पर तहलका क्यों नहीं मचा पातीं? इन फिल्मों के एक प्रशंसक का कहना है कि दरअसल, लोगों को व्हाट्सएप पर दिन रात ऐसी जानकारी फ्री में मिलती रहती है। वे सिनेमा हॉल जाकर अपना समय और पैसा खर्च नहीं करना चाहते।

भोजन की बर्बादी का सीजन

शादियों का सीजन शुरू हो गया है। खाने के स्टाल पर भांति-भांति का व्यंजन देखकर कई मेहमान बेकाबू हो जाते हैं, जितना खा नहीं पाते- उससे ज्यादा टेबल पर छोडक़र चले जाते हैं। भोजन तो उतना ही लेना चाहिए जितना हजम हो सके। यह राजधानी रायपुर के एक समारोह के रिसेप्शन की तस्वीर है। 

(rajpathjanpath@gmail.com)

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