सारंगढ़-बिलाईगढ़

ग्रीन सस्टेनेबल कंपनी की प्रस्तावित जनसुनवाई का विरोध, हजारों ग्रामीणों ने घेरा कलेक्टोरेट
14-Nov-2025 8:38 PM
ग्रीन सस्टेनेबल कंपनी की प्रस्तावित जनसुनवाई का विरोध, हजारों ग्रामीणों ने घेरा कलेक्टोरेट

कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सारंगढ़-बिलाईगढ़, 14 नवंबर। मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड की प्रस्तावित जनसुनवाई के विरोध में हजारों ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट घेरा। गुरुवार को विभिन्न गांवों से आये ग्रामीणों ने रैली के माध्यम से अपनी आपत्तियां व्यक्त कीं और जनसुनवाई को स्थगित करने की मांग करते हुए कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन में महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही।

कल हजारों की संख्या में जुटे ग्रामीणों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लिए जोरदार रैली निकाली और कलेक्टोरेट पहुंचकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन में महिला शक्ति सबसे आगे रही। महिलाओं ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जनसुनवाई आयोजित की तो आंदोलन उग्र रूप लेगा। उनका कहना था कि प्रस्तावित उद्योग से क्षेत्र में पर्यावरण, कृषि और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढऩे की आशंका है।

ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें जानकारी और संवाद की पर्याप्त प्रक्रिया उपलब्ध नहीं कराई गई, जिसके कारण वे जनसुनवाई को लेकर असंतोष व्यक्त कर रहे हैं।

रैली के दौरान कलेक्टोरेट परिसर के आसपास सुरक्षा की दृष्टि से बैरिकेड लगाए गए थे। विरोध जताने के बाद प्रतिनिधियों ने शांतिपूर्वक ज्ञापन सौंपा।

ग्रामीणों ने ज्ञापन में कहा कि प्रस्तावित उद्योग से धूल और प्रदूषण बढऩे की आशंका है। कृषि और जल स्रोतों पर प्रभाव पड़ सकता है। क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढऩे की संभावना जताई जा रही है। कई ग्रामीणों ने टीमरलगा और गुडेली क्षेत्र में टीबी मरीजों की बढ़ती संख्या का उल्लेख किया और कहा कि पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान पर प्राथमिकता दी जाए।

कुछ राजनीतिक दलों के स्थानीय पदाधिकारी भी विरोध के दौरान स्थल पर मौजूद रहे। उन्होंने प्रशासन से ग्रामीणों की आपत्तियों को सुनने और जनसुनवाई को लेकर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग की।

ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनकी आपत्तियों पर स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जाता, वे अपनी मांगों को प्रशासन के समक्ष रखते रहेंगे। प्रशासन की ओर से जनसुनवाई संबंधी प्रक्रिया में कोई बदलाव या स्थगन के बारे में अभी तक औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है।


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