राजपथ - जनपथ
मोदी के लिए धन्यवाद प्रस्ताव
जीएसटी में कमी से रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम में कमी आने वाली है। नई दरें 22 सितंबर से प्रभावशील होंगी। भाजपा के रणनीतिकारों ने जीएसटी में सुधार का श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी को देकर व्यापक प्रचार-प्रसार की रणनीति बनाई है। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने शुक्रवार की रात छत्तीसगढ़ के प्रमुख नेताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंस पर चर्चा की।
अरुण सिंह ने कहा है कि आम उपभोक्ताओं तक जीएसटी में कमी के फायदे की जानकारी पहुंचनी चाहिए। अरूण सिंह ने एक माह के भीतर सभी नगरीय निकायों से जीएसटी में कमी, और उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए पीएम के नाम धन्यवाद प्रस्ताव पारित कर जानकारी भेजने के लिए कहा है।
यही नहीं, एनडीए शासित राज्यों की विधानसभाओं में भी जीएसटी में सुधार के लिए पीएम के नाम धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रस्ताव पारित होने की उम्मीद है।
आईबी में छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ कैडर के 97 बैच के आईपीएस अफसर जयदीप सिंह आईबी में एडिशनल डायरेक्टर के पद पर प्रमोट हो गए हैं। जयदीप पिछले दो दशक से आईबी में हैं। वो छत्तीसगढ़ कैडर के उन चुनिंदा अफसरों में हैं, जो शीर्ष खुफिया एजेंसी में अहम दायित्व संभाल रहे हैं।
जयदीप सिंह से पहले विश्वरंजन, और स्वागत दास आईबी में स्पेशल डायरेक्टर के पद तक पहुंचे। विश्वरंजन बाद में छत्तीसगढ़ में डीजीपी भी रहे। इसके अलावा बीके सिंह भी स्पेशल डायरेक्टर के पद पर रहे, और रिटायरमेंट के करीब आते-आते वापस छत्तीसगढ़ आ गए। बीके सिंह ईओडब्ल्यू-एसीबी के डीजी रहे। यही नहीं, रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा भी आईबी में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर सेवाएं दे चुके हैं।
कुछ महीने पहले डीआईजी स्तर के अफसर डी श्रवण की भी पोस्टिंग आईबी में हुई है। श्रवण तीन जिलों के एसपी रह चुके हैं। वो वर्तमान में गुवाहाटी में सेवाएं दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ कैडर के अफसर केन्द्रीय जांच एजेंसियों में अहम भूमिका निभाते आए हैं। रवि सिन्हा तो रॉ के डायरेक्टर रहे। एडीजी अमित कुमार सीबीआई में करीब 10 साल सेवाएं दे चुके हैं। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ के अफसर अपनी कार्यशैली के बूते पर केन्द्रीय एजेंसियों में अहमियत पाते रहे हैं।
रामगढ़ बचे न बचे, रिपोर्ट तो हाजिर है...

छत्तीसगढ़ का रामगढ़ पर्वत, सरगुजा जिले में बसा वह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक खजाना है, जहां प्राचीन गुफाएं, शिलालेख और रामायण काल की कथाएं आज भी जीवित हैं। लेकिन कोयला खनन की वजह से दरारें और कंपन की खबरें सामने आ रही हैं, और सरकार की जांच टीम ने कुछ घंटों में 'सब ठीक है' का कह दिया। यह सर्टिफिकेट दिया है, भाजपा विधायकों की जांच टीम ने। इनके साथ न कोई भूगर्भ विशेषज्ञ था, न पर्यावरणविद्। जैसे कोई झोलाछाप मरीज का उपचार कर देता हो। इस टीम के संयोजक शिवरतन शर्मा एमए, एलएलबी हैं। विधायक रेणुका सिंह 12वीं पास हैं। तीसरे अखिलेश सोनी एमए किए हुए हैं, लेकिन इनमें से किसी के अध्ययन का विषय भूगर्भ विज्ञान नहीं रहा है। पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल टीम में नहीं थे, लेकिन साथ घूमते रहे। उनकी भी पढ़ाई रेणुका सिंह जितनी ही है। टीम ने मौके पर जाकर फोटो सेशन किया और घोषणा कर दी है कि कोई खतरा नहीं।
मगर क्या यह जांच रिपोर्ट विवाद को दफन कर देगा? सत्तारूढ़ दल हमेशा छत्तीसगढ़ के खनन उद्यमियों के साथ रहे हैं। हसदेव अरण्य में कांग्रेस के शासनकाल में पेड़ों की कटाई हुई, कई तरह की मंजूरी मिली और जब भाजपा की सरकार आई तो सरकार ने शपथ भी नहीं ली थी कि दोबारा पेड़ कटने लगे थे। हसदेव को लेकर ग्रीनपीस की रिपोर्ट बताती है कि कोयला खनन से बाघों के गलियारे और जैव विविधता को खतरा है, और स्थानीय निवासियों में श्वास रोग, टीबी जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। वहीं, रामगढ़ जैसी जगह, जहां 250-300 मिलियन वर्ष पुरानी चट्टानें हैं, पर ब्लास्टिंग का असर दरारों और भूस्खलन के रूप में दिख रहा है। कई भू-वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं कि कोयले के लिए गहराई तक खुदाई से संरचना कमजोर हो सकती है।
इस जांच टीम में शामिल शिवरतन शर्मा ने 2022 में विधानसभा में केंटे एक्सटेंशन परियोजना के खिलाफ संकल्प पर हस्ताक्षर किए थे। अब सरकार आ गई है तो खदान की वकालत कर रहे हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव (कांग्रेस) ने सही सवाल उठाया है। मगर, उन्होंने अपने कार्यकाल में हसदेव की कटाई होते देखा। विरोध तो किया लेकिन विरोध स्वरूप कोई निर्णायक फैसला नहीं लिया। उनके ही कार्यकाल में सरगुजा कलेक्टर की रिपोर्ट आ चुकी थी कि रामगढ़ को कोई खतरा नहीं, जो पहले की रिपोर्ट से बिल्कुल विपरीत थी। कल शर्मा वनवास में आज सिंहदेव वनवास में हैं। जनता के सुर में सुर मिलाने के लिए राजनीतिक वनवास जरूरी हो जाता है। जब पर्यटन और संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल को बनाया गया तो लोगों ने सोचा वे धर्मसंकट में पड़ जाएंगे। अपने ही इलाके के रामगढ़ को बचाने के लिए वे क्या करेंगे? मगर, यह संशय मिट चुका है। उन्होंने भाजपा की जांच टीम की हां में हां मिलाई है और घोषित कर दिया है कि रामगढ़ को कोई खतरा नहीं है।


