राजनांदगांव

3 लाख 60 हजार किसानों से 277 केंद्रों में होगी धान खरीदी
03-Nov-2025 4:23 PM
3 लाख 60 हजार किसानों से 277 केंद्रों में होगी धान खरीदी

नांदगांव समेत 4 जिलों से 2 अरब से अधिक की खरीदी का लक्ष्य

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 3 नवंबर। समर्थन मूल्य पर राजनांदगांव समेत चारों जिलों में धान की प्रशासनिक खरीदी जोरों पर चल रही है। राज्य सरकार ने 15 नवंबर से किसानों की उपज खरीदी करने की तारीख तय की है। लिहाजा जिला सहकारी बैंक के जरिये सोसायटियों में उपज खरीदी से जुड़ी तैयारी की जा रही है।

राजनंादगांव, कवर्धा, खैरागढ़ और मोहला-मानपुर जिले के लिए अलग-अलग धान खरीदी का लक्ष्य तय किया गया है। वहीं धान खरीदी के अगले दिन ही किसानों के खातों में उपज की राशि जमा करने के लिए कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था की गई है। इस संबंध में जिला सहकारी बैंक के सीईओ सुधीर सोनी ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि धान खरीदी की तैयारी पूरी कर ली गई है। शासन के निर्देशानुसार धान खरीदी करने के लिए सोसायटियों में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

मिली जानकरी के मुताबिक चारों जिलों के 3  लाख 60 हजार किसानों ने उपज बेचने के लिए पंजीयन कराया है। जिसमें राजनांदगांव जिले के 01 लाख 28 हजार 490, कबीरधाम से 01 लाख 21 हजार 649, खैरागढ़ से 68 हजार 833 और मोहला-मानपुर से 4 हजार 238 किसान शामिल हैं। किसानों के उपज खरीदी को सुगम रूप देने के लिए बैंक प्रबंधन की ओर से 277 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। उपार्जन केंद्रों की संख्या पिछले साल के अनुसार है। जबकि कई इलाकों में नए उपार्जन केंद्र खोलने की मांग भी प्रशासन के समक्ष उठ रही है।

बताया जा रहा है कि राजनंादगांव में 96, कवर्धा में 108, खैरागढ़ में 51 और मोहला-मानपुर जिले में  22 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों में किसानों की सुविधा से जुड़ी व्यवस्था भी करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह राज्य सरकार ने बैंक प्रबंधन को चारो जिलों में धान खरीदी का एक अनुमानित लक्ष्य भी दिया है। जिसमें राजनांदगांव जिले को 76, कबीरधाम को 68, खैरागढ़ को 44 तथा मोहला-मानपुर को 23 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है।

पिछले साल की तुलना में किसानों की संख्या में लगभग 8 हजार की कमी आई है। यानी पिछले साल तीन लाख 68 हजार किसानों ने उपज बेची थी। इस साल 8 हजार किसानों ने पंजीयन नहीं कराया है। ऐसे में धान खरीदी से कई किसान उपज बेचने से वंचित हो गए। जिला प्रशासन ने धान खरीदी के लिए नोडल अधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी है। बताया जा रहा है कि खरीदी को लेकर अगले एक-दो दिन में अंतिम अभ्यास भी करेगा, ताकि खरीदी  के दौरान बेहतर व्यवस्था रहे।

 

धान कटाई जोरों पर

चक्रवाती तूफान मोंथा का असर खत्म होने के बाद किसान उपज की कटाई में व्यस्त हो गए हैं। जिले में किसानों को तूफान से काफी हानि पहुंची है। इसके लिए बीमा कंपनी सर्वे भी कर रही है। किसानों की ओर से लगातार मुआवजा देने की मांग उठ रही है। उधर खेतों में धान कटाई अंतिम दौर में है।

खड़ी फसलों को भी तूफान से काफी नुकसान पहुंचा है। जिले में खरीफ की प्रमुख फसल धान को समुद्री तूफान से लगभग 30 से 35 फीसदी क्षति पहुंची है। जिन किसानों की उपज पर बेमौसम बारिश का असर नहीं पड़ा, वहां लगातार कटाई की जा रही है।


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