राजनांदगांव
पौ-फटते ही तट पर उमड़ी भीड़, दोपहर बाद मेले का उठाया लुत्फ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 नवंबर। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मोहारा के शिवनाथ नदी तट पर पौ-फटते हजारों श्रद्धालुओं ने बुधवार अलसुबह डुबकी लगाई। अलसुबह स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दीपदान किया। तत्पश्चात तट पर स्थित शिव मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा।
बड़ी संख्या में परिवार समेत लोगों ने सूर्योदय से पहले शिवनाथ नदी में स्नान किया और उसके बाद मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। पूजा के बाद लोगों ने अलसुबह से शुरू हुए मेले का लुत्फ उठाया। सुबह 3 बजे के बाद तट पर लोगों के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया। कार्तिक पूर्णिमा के मौके को धार्मिक रूप से काफी महत्व दिया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर मोहारा तट में भव्य मेले में शामिल होने लोग पहुंचते हैं। नदी तट पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बीच श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर दीपदान किया। आधी रात के बाद दूर-दराज से आए लोग पूजा-अर्चना करने के लिए तट पर डटे रहे।
नदी तटों में किया दीपदान
बुधवार अलसुबह श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद दीपदान कर परिवार की मंगल कामना की। वहीं मौजूद लोगों ने नदी में अपने मोबाइल से नदी में छोड़े गए दीयों का वीडियो और तस्वीरें लेने में मशगूल नजर आए। वहीं नदी तट पर बड़ी संख्या में युवतियां, महिलाएं समेत युवकों पर पुरूषों की भीड़ भी नजर आई।
सुरक्षा मोर्चे में जवान रहे तैनात
प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिवनाथ नदी तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का हुजुम उमड़ता है, जहां बड़ी संख्या में लोग स्नान कर मेले का आनंद उठाते हैं। मेला में सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व निगम प्रशासन भी अलर्ट रहती है। नदी तट के किनारे पुलिस बल व गोताखोर भी तैनात किए गए। इधर नदी के किनारे भक्तों के लिए प्रशासन ने पूर्व से ही निर्धारत सीमा तय कर दी। भक्तों की भीड़ पर नजर रखने के लिए नाविको को भी तैनात कर दिया गया था। स्नान और पूजा के बाद लोगों ने प्रतिष्ठित मोहारा मेले का लुत्फ उठाया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
शिवनाथ नदी तट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले तीन दिवसीय मोहारा मेला के दूसरे दिन बुधवार को भी देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मेला में पहुंचने वाले लोग मेला में घूमकर आयोजनों का भी आनंद लेते हैं। आमतौर पर भीड़ दोपहर के बाद अधिक होती है, इसलिए एक वर्ग ने भीड़ से बचने सुबह ही मेला में शिरकत की। मेला में भारी भीड़ आने की संभावना के मद्देनजर होटल एवं अन्य कारोबारियों ने व्यापक स्तर पर तैयारी की।
शिवनाथ नदी में नौनिहालों को भी डुबकी लगाने परिजनों में होड़ रही। अलसुबह लोगों ने अपने बच्चों को भी स्नान कराया। बच्चों ने स्नान के बाद विधि-विधान से पूजा कार्यक्रम भी संपन्न कराया। छोटे बच्चों को खासतौर पर स्नान के लिए लोग साथ लेकर पहुंचे। लोगों का मत था कि परपंरागत नियमों के अनुसार बच्चों को भी स्नान कराया जाना जरूरी है।
मेला में परंपरागत खानपान की बेहतर मांग होने से कारोबारियों को अच्छी कमाई होने की उम्मीद बंधी रही। मेले में जलेबी-पेड़ा के शौकीन सुबह से ही होटलों के टेबल में बैठे दिखाई दिए। गन्ने की मांग भी अच्छी रही। लोगों ने मेले में पहुंची ताजी सब्जियों की खरीदी भी की। वहीं मेले में बनाए गए खास पकवान पोहा, बूंदी का लड्डू, दोसा और समोसे की भी खपत हुई। होटलों में सपरिवार लोगों ने मेला भ्रमण के दौरान नाश्ता किया। साथ ही एक जगह ठहरकर मेले का आनंद लिया। मेले के हर मार्ग पर शोरगुल के बीच इस क्षण का हर वर्ग ने पूरे उत्साह के साथ मजा लिया।
पुलिस की रही तगड़ी व्यवस्था
मोहारा के शिवनाथ नदी तट पर तीन दिवसीय मेला आयोजित होने को लेकर यातायात और पुलिस विभाग ने भी तगड़ी बंदोबस्त की थी। दो पहिया वाहन को नदी तट तक जाने की अनुमति दी गई, लेकिन छोटे चार पहिया और आटो को सिंगदई से पहले ही रोक दिया गया। वहीं बड़े वाहनों को प्रतिबंधित किया गया था। जिससे लोगों को आवागमन में राहत मिला। वहीं सुबह लोगों ने शिवनाथ नदी तट पर स्नान और मेला का लुत्फ उठाने पहुंचते रहे।


