राजनांदगांव

शालाओं में मेंटरशिप कार्यक्रम शुरू
30-Oct-2025 7:42 PM
शालाओं में मेंटरशिप कार्यक्रम शुरू

खराब परीक्षा परिणाम वाले शालाओं में प्रारंभ किया गया मेंटरशिप कार्यक्रम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 30 अक्टूबर। जिला स्तर के अधिकारियों को गत् वर्ष के बोर्ड परीक्षा परिणाम की कमी वाले संस्थाओं के लिए मेंटरशिप कार्यक्रम की शुरूआत बुधवार को की गई। कार्यक्रम के तहत जिले के 12 अधिकारियों द्वारा इन चिन्हित स्कूलों का अवलोकन किया गया।

अवलोकन पश्चात सभी संस्थाओं के शिक्षकों व प्राचार्य की संयुक्त बैठक कर गत् वर्ष के खराब परिणाम के कारणों की समीक्षा एवं कारणों के आधार पर इस सत्र में समाधान के लिए किस प्रकार के कार्यक्रम और कार्ययोजना बनाई जा रही है। इस पर विस्तृत समीक्षा अधिकारियों द्वारा की गई। वहीं अंग्रेजी और गणित विषय को लेकर कुछ अच्छे कार्ययोजना का नहीं होना पालकों की उदासीनता एवं शिक्षकों को अतिरिक्त कक्षा का संचालन नहीं किया जाना। साथ ही कक्षा 9वीं के बच्चों का खराब स्तर आदि कारणों को उन्होंने मुख्य रूप से चर्चा में शामिल किया। इसके अलावा बच्चों को वर्गीकृत नहीं करने, कमजोर, औसत और औसत से ऊपर के बच्चों को एक साथ कक्षा में अलग-अलग योजना के साथ करने आदि कारणों के आधार पर गत वर्ष के परीक्षा परिणाम में 8 प्रतिशत की कमी पाई गई।

इस सत्र में कलेक्टर जितेंद्र यादव व जिला पंचायत सीईओ सुरूचित सिंह एवं डीईओ प्रवास सिंह बघेल के संयुक्त निर्देश में ब्लूप्रिंट तैयार किया गया। वहीं प्रत्येक 15 दिवस में पाक्षिक परीक्षा ली जा रही है।  साथ ही तिमाही परीक्षा में भी सिलेबस के आधार पर प्रश्न और उन पर आधारित बोर्ड परिणाम को लेकर कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 1 नवंबर  से सभी संस्थाओं में कक्षा 10वीं और 12वीं के बच्चों को अतिरिक्त कक्षा के रूप में जिले के विशेषज्ञ शिक्षकों  द्वारा ऑनलाइन क्लासेस की सुविधा दी जाने वाली है। इसके अलावा भी गत सत्रों के प्रश्न पत्रों पर कार्य किया जाना एवं बच्चों को नियमित रूप से अभ्यास कराना बच्चों की उपस्थिति को नियमित करना एवं शिक्षकों द्वारा भी समय पर स्कूल में उपस्थित होकर बच्चों का आवश्यक मार्गदर्शन देना।

इस अवलोकन टीम में जिले की सहायक संचालक संगीता राव,  रश्मि सिंह, जिला मिशन समन्वयक सतीश ब्योहरे, एडीपीओ रोहित सिन्हा, पीसी एमआर अंसारी, पीआर झाडे, आदर्श वासनिक, प्रणिता शर्मा, केपी विश्वकर्मा, मनोज मरकाम, कामिनी साहू, नेहा साहू, प्रशांत बंजारे आदि  द्वारा 27 खराब परिणाम वाले स्कूलों में विशेष समीक्षा कर अवलोकन का कार्य संपादित किया गया।


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