राजनांदगांव

भर्ती रद्द कर देने से सिपाही की मौत का मामला बंद नहीं होता - मिश्रा
29-Dec-2024 2:52 PM
भर्ती रद्द कर देने से सिपाही की मौत का मामला बंद नहीं होता - मिश्रा

मामले की होनी चाहिए सीबीआई जांच

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
राजनांदगांव, 29 दिसंबर।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया पैनलिस्ट अभिमन्यु उदय मिश्रा ने कहा कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया में जो भ्रष्टाचार हुआ है, उसमें केवल राजनांदगांव की भर्ती रद्द कर देने से आरक्षक रत्नाकर जिन्होंने, आत्महत्या की उनको न्याय नहीं मिल जाता, क्योंकि सुसाइड नोट तो कुछ और ही कहता है, लेकिन प्रशासन द्वारा ठिकरा कंपनी के ऊपर व इस्तेमाल की गई सिस्टम की तकनीकी पर फोड़ा जा रहा है। शिकायत करने वाले को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। 

ज्ञात हो कि किसी भी प्रक्रिया में अध्यक्षता करने वाला ही अच्छे या बुरे का जिम्मेदार होता है, जब पूरी प्रक्रिया पुलिस कप्तान एसपी की निगरानी में हो रही थी। एएसपी से लेकर कई अधिकारियों की निगरानी थी, फिर उनकी नाक के नीचे कंपनी द्वारा इतनी बड़ी धांधली कर लेना यह सब किसी के गले नहीं उतर रहा है। उक्त मामले की निष्पक्ष सीबीआई जांच होनी चाहिए। हाइकोर्ट के जज को निगरानी में न्यायिक जांच होनी चाहिए। साथ ही पूरी भर्ती प्रक्रिया की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक की जानी चाहिए, तभी मामले में संलिप्त सभी सामने आ पाएंगे व उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि उक्त कंपनी द्वारा उसी तकनीक से पूरे प्रदेशभर में भर्ती की जा रही है, लेकिन रोक सिर्फ राजनांदगांव में होना संदेहास्पद है। इसके साथ ही कंपनी पर आरोप लगने से उक्त कंपनी व उक्त तकनीक द्वारा पूर्व में व वर्तमान में चाहे पुलिस भर्ती हो या वन विभाग की भर्ती सहित जितनी भी भर्तियां की गई हैं, वह सभी संदेह के घेरे में आ जाती है, इसलिए पूरे प्रदेश की आरक्षक भर्ती सहित उस कंपनी द्वारा व उस तकनीक से की गई, सभी भर्तियों को रद्द किया जाना चाहिए ।
 


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