राजनांदगांव

राजनांदगांव, 28 दिसंबर। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के इतिहास विभाग तथा राजनीति शास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बाल वीर दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते प्रो.संजय सप्तर्षि ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, परन्तु हमारा देश अत्यन्त प्राचीन है और इसके इतिहास के महत्वपूर्ण पन्नों का ज्ञान प्रत्येक विद्यार्थी को होना चाहिए। मुख्य वक्ता डॉ. हरनाम सिंह अलरेजा ने सिख इतिहास की चर्चा करते कहा कि गुरूनानक देव से लेकर गुरू गोविन्द सिंह तक सारे सिख गुरू समाज और कर्तव्यों को लेकर सदैव सजग और प्रतिबद्ध रहे। उन्होंने गुरू गोविंद के चारों बेटों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह की शहदत का इतिहास बताया तथा कहा कि गुरू गोविंद सिंह ने ना केवल अपने माता-पिता वरन अपने चारो बच्चों तथा स्वयं को अन्याय के खिलाफ कुर्बान कर दिया। सभी सिख दिसंबर के दिनों शहीदी पखवाड़ा आयोजित कर स्मरण करते हैं।
इस अवसर पर डॉ. जीएस भाटिया ने बताया कि सिख शहदत का स्मरण किया जाए तो वर्ष का कोई ऐसा दिन नही बचेगा, जब कोई ना कोई सिख शहीद ना हुआ हो। पूरा सिख इतिहास बलिदान का इतिहास है। हमें गुरू गोविंद सिंह के बच्चों की शहद तथा ना केवल याद करना चाहिए, वरन इससे सीख भी लेनी चाहिए।
इस अवसर पर इतिहास विभाग के विद्यार्थियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कुनिका साहू ने गुरू गोवन्दि सिंह की माता और छोटे 2 बालकों को भीषण ठंड में ठंडे बुर्ज पर कैद को अपने शब्दों में समझाया। प्रगति भुआर्य ने इस शहदत को अपने कविता में पिरोकर समझाया। कमलेश्वर साहू ने इस शहदत को इतिहास की ना भूलने वाली घटना कहा। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. हिरेन्द्र बहादुर ठाकुर ने किया।
इस अवसर पर डॉ. किरणलता दामले, डॉ.अनिता महिश्वर, डॉ. शैलेन्द्र सिंह, डॉ.अमिता बख्शी, प्रो.महेश श्रीवास्तव, प्रो.हिरेन्द्र बहादुर ठाकुर, प्रो.हेमलता साहू, डॉ. अजय शर्मा तथा अनेक विद्यार्थी उपस्थित रहे।