राजनांदगांव

जिन मार्गों पर निजी बसें दौड़ रही है वहां सिटी बसों का संचालन कैसे होगा?
19-Dec-2024 3:20 PM
जिन मार्गों पर निजी बसें दौड़ रही है वहां सिटी बसों का संचालन कैसे होगा?

नितिन गडकरी से मिले बस मालिक,बताया राज्य परिवहन का गठन नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 दिसंबर।
यातायात महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व जिला यातायात महासंघ राजनांदगांव के अध्यक्ष रईस अहमद शकील व अन्य पदाधिकारियों ने महासंघ के अध्यक्ष अनवर अली के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ से पहली बार केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से नागपुर जाकर मुलाकात की व बस संचालन में आ रही विभिन्न समस्याओं से उन्हें अवगत कराया गया।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित परिवहन के सशक्त साधन यात्री बसों के संचालन में रोज कुछ नए नियमों का हवाला देकर उनको पालन करने बाध्य किया जा रहा है। संघ ने बताया कि केंद्र सरकार ने देशभर में सिटी बस के संचालन हेतु बनाई है। योजना के तहत देश के बड़े राज्यों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए भी राशि का आबंटन किया है, जो कि स्वागत योग्य है। इससे प्रदेश के सभी जिलों में निवासरत लोगों को सुगम यात्रा उपलब्ध होगी, किंतु राज्य सरकार द्वारा इन सिटी बसों को चलाने हेतु दर्शित मार्गों पर पूर्व से ही पूरे प्रदेश में 15 हजार बसों का संचालन प्रदेश के भिन्न-भिन्न मार्गों पर स्टेज कैरीज अनुज्ञा पत्र प्राप्त कर किया जा रहा है। 

चूंकि छत्तीसगढ़ प्रदेश में छत्तीसगढ़ राज्य परिवहन का गठन नहीं है और पूरे प्रदेश में निजी बस सेवा ही संचालित हो रही है। ऐसे में उन्हीं मार्गों पर सिटी बसों का संचालन किया जाना क्या उचित होगा? इस तरह दो अलग-अलग सेवाओं के संचालन से मार्गों पर अनावश्यक रूप से प्रतिस्पर्धा बढऩे से दुर्घटना होने पर जानमाल का नुकसान होना तय है, जो बस व्यवसाय के रूप में बेरोजगार युवाओं को प्राप्त हैं या जो बैंक त्रण लेकर उक्त कार्य से अपना एवं अपने परिवार का लालन-पालन कर रहे है, वो सभी आर्थिक संकट की चपेट में आ जाएंगे। इसके पूर्व में भी केंद्र सरकार ने सिटी बसों की सौगात छत्तीसगढ़ राज्य को दी थी। जिसके अधिकारियों ने अपने चहेते लोगों को दिया। जिससे सिटी बस चलाने वाले ठेकेदार लखपति बन गए और सरकार की बसें कबाड़ हो गई। 

इस प्रकार की स्थिति ना हो इसलिए आपसे आग्रह है कि केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार सिटी बसों को सिटी के अंदर दी गई शर्तों के अनुसार संचालित किया जाए। इससे जहां नगर निगम सीमा क्षेत्र में भरमार आटो रिक्शा कम होंगे, जो ट्रैफिक जाम करते है। जिससे निजी बस व्यवसाय भी सुचारू रूप चलाया जाएं। श्री गडकरी ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया है।

वेंडरों की मनमानी चरम पर
उन्होंने बताया कि सभी व्यवसायिक वाहनों में वीएलटीडी (जीपीएस) प्रणाली को लागू किया गया है, जो कि बहुत ही कारगर साबित हो रहा है, लेकिन जो वीएलटीडी 3500 रुपए में लग जाता है, उसी की कीमत छत्तीसगढ़ में 13500 रुपए ली जा रही है और परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत वेंडरों की मनमानी चरम पर है। इस पर परिवहन विभाग के अधिकारियों को भी अवगत कराया चुका है। प्रतिनिधि मंडल में यातयात महासंघ के उपाध्यक्ष खिलेश्वर सिंह ठाकुर, रायपुर यातायात महासंघ के अध्यक्ष सोनू कसार, वरिष्ठ सदस्य अशोक जैन अहमद सोलंकी व अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।
 


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