राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 सितंबर। देश में बढ़ते महिला उत्पीडऩ व बालिका शोषण के मामले को लेकर समाजसेवी महिलाओं ने इसके खिलाफ जनजागरूकता अभियान छेड़ दिया। कस्तूरबा महिला मंडल व राजपूत समाज की ओर पत्रकारवार्ता में बताया गया कि समाज में महिलाओं के उत्पीडऩ व बालिका शोषण के खिलाफ वे सभी जनजागरूकता अभियान चलाने जा रही है। इसके लिए समाजसेवी महिलाओं का शीघ्र ही एक कमेटी का गठन किया जाएगा।
पत्रकारवार्ता को संबोधित करते कस्तूरबा महिला मंडल की संरक्षक व वरिष्ठ अधिवक्ता शारदा तिवारी ने कहा कि महिला उत्पीडऩ व बालिका शोषण संवेदनशील एवं गंभीर मामला है, इसलिए समाज के सभी वर्ग के लोगों सहित शैक्षणिक संस्थाओं, बालिका छात्रावास के व्यवस्थापकों को सचेत एवं सजग व सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी के घर बहन व बेटियां हैं, इनकी सुरक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। खासकर पुरूषों का नैतिक कर्तव्य है।
राजपूत समाज महिला मंडल की अध्यक्ष सुषमा सिंह ने कहा कि हर परिवार में माता-पिता को अपने बच्चों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। बच्चों से मित्रवत व्यवहार करते उनसे नियमित जानकारी लेते रहना चाहिए। उनकी संगत किस तरह के लोगों के साथ है, इसे भी वॉच करते रहना चाहिए। हर माता-पिता लड़कियों के साथ-साथ लडक़ों को भी संस्कारित करें, उन पर भी नजर रखें। कस्तूरबा महिला मंडल की अध्यक्ष अलका जानी व सचिव साधना तिवारी ने कहा कि समाज में बढ़ते जा रहे महिला उत्पीडन व बालिकाओं के शोषण के मामले को लेकर समाजसेवी महिलाएं काफी चिंतित एवं गंभर हैं।
प्रेसवार्ता में सबीहा गाजी, ताहिरा अली, एकता अग्रहरि, रूबीना अल्वी, प्रभा बरडिया, कनक लता सिंह, दीपा बागड़ी, अनुराधा लोहिया, आभा शर्मा, संध्या शर्मा, आशा गुप्ता, नीता रायचा, सीमा डोले, किरण शेंडे, मोना गोसाई, सरला खंडेलवाल, केसरी साहू, हरप्रीत गुरुमीत गरचा, प्रवीण गुप्ता, सीताराम वैष्णव सहित अन्य लोग शामिल थे।