राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 अगस्त। पूर्व पार्षद हेमंत ओस्तवाल ने महापौर को दो टूक शब्दों में कहा कि आज जो समाचार पत्रों में एक निगम का एमआईसी सदस्य द्वारा अपने चेयरमैन पद से इस्तीफा शहर कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपा है और उस पत्र में महापौर की तानाशाही के चलते जिस तरह से इस्तीफा देने मजबूर हुआ, उससे राजनांदगांव की राजनैतिक और कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका है, क्योंकि जिन परिस्थतियों में जिन निर्दलीय पार्षदों के भरोसे मो. अकबर और भूपेश बघेल की मेहनत और रणनीति के तहत निर्दलीय पार्षदों को तैयार कर कांग्र्रेस पार्टी का महापौर नगर निगम राजनांदगांव में बनाया गया।
आज लगभग साढ़े चार वर्ष तक महापौर हेमा देशमुख सत्ता का सुख और आनंद लिया और पार्षद गुप्ता जब अपने वार्ड की समस्या या भष्ट्राचार और गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों आदि को लेकर सामान्य सभा से लेकर जवाबदार लोगों को शिकायत की उसके बावजूद जब महापौर द्वारा कार्रवाई नहीं की गई, जो कांग्रेस पार्टी और उस वार्ड की जनता के हित में निर्णय नहीं लिया गया। वह महापौर हेमा देशमुख की सबसे बड़ी कमजोरी साबित हुई।