राजनांदगांव

विरोधी दावेदार हुए गोलबंद
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 18 मई। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के आसन्न विधानसभा चुनाव में राजनंादगांव से चुनाव नहीं लडऩे की चर्चाएं जोर पकड़ रही है। भाजपा के भीतर रमन विरोधी नेताओं और टिकट की उम्मीद लगाए दूसरी पंक्ति के नेताओं ने कथित रूप से एका कर लिया है। इससे परे रमन सिंह का चुनावी प्रचार वॉल पेंटिंग के जरिये शुरू हो गया है। दीवारों में रमन सिंह की अपील वाली पेंटिंग देहात क्षेत्रों के मकानों दिखाई पड़ रही है। पूर्व सीएम के राजनांदगांव विधानसभा चुनाव नहीं लडऩे की अटकलें तेज हो रही है। लगभग डेढ़ दशक से डॉ. सिंह राजनांदगांव विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
साल 2008 में पहली बार रमन ने मुख्यमंत्री रहते चुनाव लड़ा था। उन्होंने कांग्रेस के धाकड़ नेता माने जाने वाले स्व. उदय मुदलियार को 32 हजार वोटों से शिकस्त दी थी। 2013 में डॉ. सिंह ने स्व. मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार को 36 हजार वोटों से परास्त किया था। साल 2018 में तीसरी बार चुनाव लड़ते डॉ. सिंह ने कांग्रेस की तेजतर्रार नेत्री स्व. करूणा शुक्ला को 16 हजार मतों से पराजित किया था। इस साल नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए डॉ. सिंह की दावेदारी को उनके ही पार्टी के ही असंतुष्ट नेता चुनौती दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि अलग-अलग कारणों का हवाला देकर विरोधी नेता डॉ. सिंह के चुनाव नहीं लडऩे की खुलेआम चर्चा कर रहे हैं। राजनीतिक रूप से चुनाव लडऩे की परिस्थितियां तेजी से बदली है। 5 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए भाजपा तत्पर है। डॉ. सिंह के चुनाव नहीं लडऩे की स्थिति में उम्रदराज भाजपा नेताओं ने अपने करीबियों और संतानों को आगे करने का मन बनाया है। माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व की उम्रदराज नेताओं को टिकट नहीं दिए जाने की रणनीति को विरोधी नेताओं ने उछालना शुरू कर दिया है।
डॉ. सिंह की उम्र लगातार बढ़ रही है। अपरोक्ष रूप से भाजपा के असंतुष्ट खेमे की ओर से उनकी उम्र को आधार बताकर नए चेहरों को मौका दिए जाने पर चर्चाएं की जा रही है। इस बीच डॉ. सिंह की ओर से दीवारों में चुनावी अपील लिखने का क्रम शुरू हो गया है। अब की बार भाजपा सरकार की अपील से जुड़े वॉल पेंटिंग गांव-देहात में नजर आ रहे हैं। भाजपा के भीतर डॉ. सिंह के खिलाफ लगातार जुबानी जंग शुरू हो गई है। अप्रत्यक्ष रूप से डॉ. सिंह पर चुनाव नहीं लडऩे का दबाव भी बनाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि विरोधी नेताओं और दूसरी पंक्ति के दावेदार खुद को चुनाव लडऩे के लिए आगे आ रहे हैं।