राजनांदगांव

स्वास्थ्य महकमे के मैदानी अमले के संलग्नी करण को खत्म करने कागजों पर खेल
11-May-2023 4:03 PM
स्वास्थ्य महकमे के मैदानी अमले के संलग्नी करण को खत्म करने कागजों पर खेल

सीएमएचओ दफ्तर और अन्य स्थानों में जमे 37 में से सिर्फ

3 रिलीव, बाकी को मौखिक रूप से कार्य करने की छूट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 मई।
स्वास्थ्य महकमे के मैदानी अमले और अन्य पदों में कार्यरत कर्मियों का संलग्नीकरण खत्म करने के सरकारी आदेश का सीएमओ कार्यालय माखौल उड़ा रहा है। राज्य सरकार ने एक फरमान में प्रदेशभर में संलग्नीकरण  समाप्त कर संलग्न कर्मियों को मूल पदस्थापना वाले स्थान के लिए रिलीव करने के निर्देश दिए हैं। 

सीएमएचओ कार्यालय ने आनन-फानन में तीन दर्जन से ज्यादा कर्मियों को तत्काल रिलीव करने का आदेश जारी किया। दिलचस्प बात यह है कि आदेश के बाद सीएमएचओ कार्यालय की ओर से मौखिक रूप से संलग्न कर्मियों को उसी जगह काम करने कहा गया है। संलग्नीकरण के नाम पर कर्मियों के साथ भेदभाव हो रहा है। बताया जा रहा है कि लगभग 37 अलग-अलग पदों में कार्यरत कर्मियों को रिलीव करने की एक सूची जारी की गई है। जिसमें सहायक ग्रेड, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट, एएनएम, स्टॉफ नर्स, ग्रामीण चिकित्सा सहायक, फार्मासिस्ट, आया और वार्ड ब्वाय शामिल हैं।

बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग में सालों से संलग्नीकरण के तहत जिले के विभिन्न स्थानों में पदस्थ   कर्मियों को मूल पदस्थापना के बजाय आरामदायक स्थानों में कार्य लिया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से राज्य सरकार ने लगातार मूल पदस्थापना स्थान से अन्य संस्था में पदस्थ कर्मियों के कार्य करने की शिकायतें मिली थी। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव आर. प्रसन्ना और संचालक भीम सिंह ने एक विशेष आदेश जारी कर सभी सीएमएचओ को 25 अप्रैल को संलग्नीकरण खत्म करने के निर्देश दिए। 

राजनांदगांव सीएमएचओ कार्यालय से 27 अप्रैल को एक आदेश में 37 कमियों को वापस मूल पदस्थापना स्थान में भेजने का आदेश जारी किया गया। आदेश जारी होने से महकमे में हडक़ंप मच गया। बताया जा रहा है कि सीएमएचओ डॉ. एके बंसोड़ ने आदेश में सभी को फौरन रिलीव करने को कहा, लेकिन कतिपय बाबूओं और अन्य कर्मियों ने मिलकर सरकार के निर्देशों को  हवा में उड़ा दिया है। बताया जा रहा है कि सिविल सर्जन के अधीन कार्यरत तीन कर्मियों को रिलीव कर दिया गया है। जबकि सीएमएचओ के अधीनस्थ पदस्थ तीन दर्जन से ज्यादा कर्मी मौजूदा स्थान में ही जमे हुए हैं। 

इस संबंध मे राज्य स्वास्थ्य संचालक भीम सिंह ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि इस संबंध में जानकारी लेकर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने पर सीएमएचओ सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे। 

गौरतलब है कि संलग्नीकरण के नाम पर सीएमएचओ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहे हैं। राजनेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों के इशारे पर सीएमओ कार्यालय के बाबू अटैचमेंट के नाम पर  मनमानी कर रहे हैं। बताय जा रहा है कि छत्तीसगढ़  स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मनमाफिक संलग्नीकरण नीति पर खफा है। भेदभावपूर्ण रवैया देखकर संघ ने आंदोलन की धमकी दी है।
 


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