राजनांदगांव

पत्रवार्ता में पीडि़त परिजनों ने कुमुद मेमोरियल अस्पताल के चिकित्सकों पर उठाए सवाल
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। शहर के निजी अस्पताल कुमुद मेमोरियल अस्पताल के चिकित्सकों को एक दंपत्ति ने प्रसव के समय नवजात की मौत के लिए दोषी ठहराया है। परिजनों ने लापरवाहीपूर्वक प्रसव कराने के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ के अलावा उनके शिशुरोग विशेषज्ञ चिकित्सक भाई को भी जिम्मेदार ठहराया है।
प्रेसक्लब में पत्रकारवार्ता में कुमुद मेमोरियल अस्पताल के चिकित्सकों पर सवाल उठाते हुए पीडि़त परिजन अतुल यदु ने अपनी पत्नी लेखा यदु को गर्भावस्था में 24 नवंबर 2022 को दोपहर 12 बजे प्रसव के लिए भर्ती कराया। भर्ती की रात पत्नी लेखा यदु को प्रसव पीड़ा हुई तो स्त्री रोग डॉ. सुरभि मोहबे से संपर्क किया, तो पता चला कि वह किसी पार्टी में गई हुई है।
स्टॉफ द्वारा प्रसव के समय तक वापस आने की जानकारी दी गई। इधर पत्नी लेखा यदु प्रसव पीड़ा से कराहती रही। स्थिति बिगड़ते देखकर डॉ. सुरभि के भाई जो कि शिशुरोग चिकित्सक हैं, उन्होंने प्रसव का बीड़ा उठाया, तब तक डॉ. सुरभि नहीं पहुंचे। छोटे भाई और स्टॉफ द्वारा प्रसव कराने के बीच पत्नी का रक्तस्राव अधिक हो गया। किसी तरह नवजात को गर्भ से बाहर निकाला गया और उसे वेंटिलेटर में डाल दिया गया। पीडि़त महिला का आरोप है कि नवजात के नहीं रोने की जानकारी देकर जानबूझकर अस्पताल द्वारा वेंटिलेटर में रखा गया, जबकि मां का दावा है कि बच्चे की किलकारी गूंजी थी।
इधर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा पीडि़त महिला को बच्चादानी क्षतिग्रस्त होने के रूप में भुगतना पड़ा। दंपत्ति का कहना है कि रात 3 बजे पार्टी से लौटी डॉ. सुरभि मोहबे कुछ ठहरने के बाद सोने के लिए चली गई। इस तरह निजी अस्पताल द्वारा जमकर कोताही बरती गई। पति का कहना है कि डॉ. सुरभि और डॉ. सौरभ ने हाथ खड़े करते हुए स्थिति बिगडऩे पर रामकृष्ण अस्पताल रिफर कर दिया। आखिरकार रायपुर में उपचार के दौरान नवजात की 25 नवंबर को मौत हो गई। इस मामले को लेकर पीडि़त दंपत्ति ने निजी अस्पताल की डॉ. सुरभि मोहबे और उनके भाई डॉ. सौरभ मोहबे पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।