राजनांदगांव

संविधान निर्माता बाबा साहब की जयंती पर बौद्ध विहारों में बुद्धम-शरणम की रही गूंज
14-Apr-2023 3:55 PM
संविधान निर्माता बाबा साहब की जयंती पर बौद्ध विहारों में बुद्धम-शरणम की रही गूंज

डॉ. अम्बेडकर के सिद्धांतों को आत्मसात करने का उपासक-उपासिकाओं ने लिया संकल्प

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 अप्रैल।
भारतीय संविधान के शिल्पकार और समाज सुधारक डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 132वीं जयंती पर शहर के बौद्ध विहारों में बुद्धम-शरणम की गूंज रही। बौद्ध उपासक-उपासिकाओं ने उनके सिद्धांतों को आत्मसात कर जीवन में आगे बढऩे का संकल्प लिया। इससे पहले स्थानीय कलेक्टोरेट परिसर में आज सुबह उनकी प्रतिमा के समक्ष सामाजिक लोगों ने पुष्प अर्पित किए। वहीं एक सभा का आयोजन कर समाज के प्रमुखों और राजनीतिक दलों के लोगों ने डॉ. अम्बेडकर के जीवनकाल के संघर्ष को प्रेरणा स्वरूप मानते आत्मसात करने का संकल्प लिया।

शहर के बौद्ध और गैर बौद्ध समाज ने महान शिक्षाविद् डॉ. अम्बेडकर की जयंती को परंपरागत रूप से मनाया। डॉ. अम्बेडकर ने अपने जीवनकाल में अस्पृश्यता, भेदभाव और सामाजिक कुरीतियों को लेकर संघर्ष किया। उन्होंने दलितों को लेकर कई तरह के जागरूक अभियान चलाए। नतीजतन संविधान में दलितों और कमजोर तबके को आरक्षण देकर जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास किया।

बौद्ध बाहुल्य इलाकों में सुबह से ही लोगों में जयंती को लेकर उत्साह रहा। डॉ. अम्बेडकर को श्रद्धांजलि देते समाज के प्रमुखों ने सभी तरह के कुरीतियों से दूर रहने का लोगों को संदेश दिया। शहर के स्टेशनपारा, भरकापारा, बसंतपुर, मोतीपुर, तुलसीपुर, चिखली, शांतिनगर, रामनगर, शंकरपुर व दूसरे इलाकों में अलग-अलग आयोजन हुए। बौद्ध समाज की ओर से सामाजिक समरसता का परिचय देते हुए शहर के लोगों से बाबा साहब अम्बेडकर के सिद्धांतों को आत्मसात करने का आह्वान किया। युवाओं में खासतौर पर जयंती को मनाने का उत्साह रहा।

जिला कार्यालय में आयोजित सभा के दौरान महापौर हेमा देशमुख, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नीलू शर्मा, भरत वर्मा, संतोष पिल्ले समेत सामाजिक बंधु बड़ी संख्या में शामिल रहे।


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