राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 जुलाई। छग प्रदेश महिला कांग्रेस सचिव व अधिवक्ता कुसुम रूपेश दुबे ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम सदन में अमर्यादित रूप से उच्चारित करने पर आपत्ति व निंदा व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद जो दलगत राजनीति से ऊपर है, लेकिन भाजपा इस पद पर लगातार अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने से बाज नहीं आ रही है।
श्रीमती दुबे ने कहा कि जब से माननीया द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति पद के लिए आया, तब से भाजपा उनकी अनुसूचित जनजाति को लेकर वाहवाही लूटने का काम करती रही और जब वे निर्वाचित हुई तो भाजपा अनुसूचित जनजाति की बेटी लिख पोस्टर- फ्लेक्स लगाकर राष्ट्रपति पद को राजनीति रंग देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जबकि निर्वाचन के बाद राष्ट्रपति का पद दल विशेष का न होकर सबके लिए हो जाता है, लेकिन भाजपा लगातार इस पद को राजनीतिक अखाड़ा का केंद्र बिंदु बनाने पर तुली हुई है। चौधरी द्वारा शब्दकोष त्रुटि से कहे शब्द के लिए सोनिया गांधी से माफी मांगना ही हास्यास्पद है। द्रौपदी मुर्मू जाति के आधार पर राष्ट्रपति निर्वाचित नहीं हुई, बल्कि उनकी संघर्ष, योग्यता निर्वाचन का मापदंड रहा।
श्रीमती दुबे ने कहा की स्मृति ईरानी को महंगाई, बेरोजगारी नहीं दिख रही और भाजपा जनता को मुद्दे से भटकाने के लिए नए नए हथकंडे अपनाने का असफल प्रयास करते रहते है। स्मृति ईरानी को सोनिया गांधी से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि ये वही सोनिया है, जिन्होंने प्रधानमंत्री जैसे पद त्याग दिया था।