राजनांदगांव

महाकाल शिव ने बनाया शनि को न्याय का देवता-सरोज
02-Jun-2022 3:10 PM
महाकाल शिव ने बनाया शनि को न्याय का देवता-सरोज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 जून। 
महाकाल भगवान शिव ने शनि को उनके माता-पिता से मिले संताप के बावजूद शिव भक्ति का मार्ग नहीं छोडऩे व तप-तितिक्षा सहित उनके धैर्य से प्रसन्न होकर उन्हें न्याय का देवता बनाया व सदा पूजे जाते रहने का वरदान न दिया। सही मायनों में शनि ही महाकाल भगवान आशुतोष के अनन्य भक्त थे, जो लाखो दुखों के बाद भी शिव की भक्ति नहीं छोड़ी। उक्त उद्गार छुरिया के शनि धाम में शनि जयंती पर आयोजित शनि कथा महत्व पर पं. सरोज द्विवेदी ने व्यक्त किया।

श्री द्विवेदी ने बताया कि सूर्य पुत्र शनि जब अपनी माता संध्या के गर्भ से पैदा हुए तो बहुत काले व कुरूश थे, जिसे सूर्य ने अपना पुत्र कहने से मना कर दिया। इससे विहवल होकर संध्या ने शनि का त्याग कर दिया व संध्या अपनी वहन छाया वो अपना रूप देकर सूर्य के पास भेजा, इससे यम व यमुना की उत्पति हुई। ये दोनों भी काले थे। वस्तुत: सूर्य की तेज को संभाल पाना किसी के वश में नहीं होता था, इसलिए संतान की ज्यादा तपिश से काली पड़ जाती थी । श्री द्विवेदी ने बताया कि शनि के माता-पिता द्वारा त्याग देने से उन्होंने भगवान शिव की घोर तपस्या करते तथा अपने समय आने तक का धैर्य रखने से भगवान महाकाल प्रसन्न हुए व उसे न्याय का देवता बनाया।

शनिधाम संस्थापक कृष्णलाल तिवारी की स्मृति में शनि जयंती पर उक्त आयोजन में शनि भगवान की कथा सुनने मंदिर के पुजारी यशवंत तिवारी, यावेन्द्र  तिवारी, आशीष शर्मा, नरेन्द्र तिवारी, गोविन्द, बनक साहू, मुकेश वैष्णव, अमीर खान, डॉ. दिग्विजय शर्मा, राधेश्याम ठाकुर, प्राची तिवारी, आरती दुबे सहित अन्य लोग शामिल थे। उक्त जानकारी मंदिर के पुजारी यशवंत तिवारी ने दी।
 


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