राजनांदगांव

टेकाहरदी के पंचों ने सामूहिक इस्तीफे की दी चेतावनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 फरवरी। टेकाहरदी पंचायत के सरपंच पर अविश्वास प्रस्ताव से पदच्युत होने के बावजूद पद पर बने रहने के विरोध में पंचों ने मोर्चा खोल दिया है। पंचों ने सामूहिक रूप से इस्तीफे की धमकी देते कहा कि सरपंच अपने अडिय़ल रवैये पर अडिग है। ऐसे में पंचों के सामने सामूहिक इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पंचों ने सरपंच पर कथित भ्रष्टाचार के आरोप में पद से हटाया है।
ज्ञात हो कि टेकाहरदी सरपंच सरस्वती मारकंडे पर गांव विकास के विभिन्न मदों में कथित हेरफेर किए जाने के बाद पंचों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित होने के बाद सरपंच अब भी पद पर कायम है। कई बार उन्हें पद छोडऩे के लिए भी कहा, लेकिन वह अब भी बतौर सरपंच काम कर रही हैं। पंचों का आरोप है कि जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों का झुकाव सरपंच की ओर है। पद नहीं छोडऩे के चलते पंचों ने सोमवार को सामूहिक इस्तीफा देने का ऐलान किया है।
पंचायत प्रतिनिधि संगीता खेर, लोकेश मारकंडे आदि ने आरोप लगाया कि गांव की पूर्व सरपंच सरस्वती मारकंडे द्वारा अपने पद और राजनीतिक पहुंच का अनुचित फायदा उठाते हुए विकास और निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार किया गया था। उनके द्वारा शासकीय राशि का दुरूपयोग किया जा रहा था। गांव के पंचों से कोई सलाह मशविरा नहीं किया जा रहा था। बीते 13 जनवरी को पंचों के द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जिसके पक्ष में 13 मत और विरोध में मात्र दो मत पड़े। इस तरह सरस्वती मारकंडे अपना पद खो चुकी है।
बीस जनवरी को जनपद पंचायत करारोपण अधिकारी एवं अन्य की उपस्थिति में उनके स्थान पर संगीता खेर को सरपंच पद पर पदस्थ करने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया, लेकिन अगले दिन सरस्वती मारकंडे ने गांव के चौक-चौराहे पर पटाखे फोडक़र स्वयं को सरपंच बताते अविश्वास प्र्रस्ताव के निर्णय को खारिज करते कहा कि मेरे पक्ष में विधायक और पूरा प्रशासन है, तब पंचायत प्रतिनिधियों ने डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू से मुलाकात कर अपनी बात रखी। विधायक ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया में प्रशासनिक अधिकारी ने गलती की है।
पंचों ने कहा कि सरस्वती मारकंडे के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद उन्होंने 18 जनवरी को प्रशासन के पास आवेदन किया था। जिसका निर्णय 28 फरवरी को जिलाधीश सुनाएंगे, लेकिन पहले से ही उन्हें (पंचों को) लग रहा है कि प्रशासन का निर्णय सरस्वती के पक्ष में आएगा।
यदि यह निर्णय सरस्वती के पक्ष में आता है तो उन्होंने कहा कि सभी पंच अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।