रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 जुलाई। प्रदेश भर के तहसीलदार सोमवार से की 3 दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं। कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले हो रहे इस आंदोलन में तहसीलदार और नायब तहसीलदार हिस्सा ले रहे हैं। संघ पूर्व में भी विभाग एवं शासन से संसाधनों की कमी, मानव संसाधन, तकनीकी सुविधाएं, सुरक्षा, शासकीय वाहन एवं प्रशासनिक सहयोग जैसी मांगे की गयी है, लेकिन अभी तक मांगों की अनदेखी की जा रही है.। इसके विरोध में आज से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। राजधानी जिले के तहसीलदार तूता धरना स्थल पर प्रदर्शनरत रहे।
इसके तहत पहले दिन 28 जुलाई को जिला स्तर पर सामूहिक अवकाश, 29 जुलाई को संभाग स्तर पर सामूहिक अवकाश और 30 जुलाई को प्रदेश स्तर पर सामूहिक अवकाश लेकर राजधानी में धरना प्रदर्शन किया जायेगा। यदि इसके बाद भी मांग पूरी नहीं की जाती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
हड़ताल पर क्षराजस्व विभाग के उप सचिव अरविन्द एक्का ने समस्त कलेक्टरों को पत्र जारी कर किसी भी राजस्व अफसर को अवकाश नहीं देने और अनुपस्थित रहने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है। इसके साथ ही यह भी लिखा गया है कि संघ की मांगों के मद्देनजर राजस्व विभाग ने समय-समय पर पत्र लिखकर सुविधाएं मुहैया कराने को कहा है। हालांकि इस संबंध में कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष केके लहरे का कहना है कि उनकी 17 सूत्रीय मांगों में से कोई भी मांग अब तक पूरी नहीं की गई है। यही वजह है कि तमाम प्रयासों के बाद अब संघ आंनोलन शुरू करने जा रहा है।
ये हैं मांगे: सभी तहसीलों में स्वीकृत सेटअप की पदस्थापना, .तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू हो, नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित किया जाए, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के लंबित ग्रेड पे सुधार, शासकीय वाहन की उपलब्धता, अभियोजन कार्रवाई से प्रभावित तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों को 15 दिवस में जांच पूर्ण कर बहाल किया जाए। न्यायालयीन मामलों को जनशिकायत/जनशिकायत प्रणाली में स्वीकार न किया जाए, न्यायालयीन आदेशों पर एफआईआर नहीं, न्यायालयीन कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु प्रोटोकॉल ड्यूटी से पृथक व्यवस्था की जाए।