रायपुर

ईदुज्जुहा में बकरे की कुर्बानी के बदले केक काट धार्मिक रस्म अदा करें-डॉ. मिश्र
28-Jun-2023 7:34 PM
ईदुज्जुहा में बकरे की कुर्बानी के बदले केक काट धार्मिक रस्म अदा करें-डॉ. मिश्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 28 जून। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने बताया तेलंगाना सरकार ने एक आदेश जारी किया है, कि तेलंगाना में ईदुज्जुहा (बकरीद) में ऊंटों को काटने सहित अन्य किसी भी मकसद से लाना गैरकानूनी है और कानून तोडऩे वालों पर मामला दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वही दूसरी ओर जन जागरूकता प्रयासों के चलते देश के कुछ स्थानों से पिछले वर्ष जीवित प्राणी की कुर्बानी देने के बदले केक काटकर धार्मिक रस्म अदा करने के इको फेंडली ईद मनाने के उदाहरण सामने आए। डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया दरअसल, तेलंगाना हाई कोर्ट में ईदुज्जुहा(बकरीद) के दौरान ऊंटों की कुर्बानी देने पर रोकथाम की मांग वाली एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस जनहित यहिका पर सुनवाई करने के बाद आदेश जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि परंपरा के नाम पर ऊंट को न मारा जाएं।

इसके पहले महाराष्ट्र राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश में भी धार्मिक अवसरों पर विभिन्न पशुओं की कुर्बानी दिये जाने के सम्बंध में अलग अलग समय पर रोक के आदेश जारी किए है ,तेलंगाना ,राजस्थान, उत्तरप्रदेश, में कुछ स्थानों में ईदुज्जुहा (बकरीद) पर विभिन्न जानवरों की कुर्बानी दिये जाने के मामले सामने आए हैं।

उत्तराखंड में उच्च न्यायालय ने 2018 में बकरीद सहित सभी धार्मिक आयोजनों में होने वाली कुर्बानी/पशुवध सार्वजनिक स्थानों में किये जाने पर रोक लगा दी थी ,उत्तरप्रदेश में सन 2017 में गाय, बैल,भैस,ऊंट,आदि जानवरों की कुर्बानी पर निषेध जारी किया था। 

वहीं महाराष्ट्र हाई कोर्ट ने भी 2018 में बकरीद के पहले ही विभिन्न पशुओं भेड़,बकरी, पशुओ के कुर्बानी के लिए होने वाले धड़ल्ले से जारी होने वाले निर्यात, लाइसेंस के खिलाफ याचिका दायर हुई थी।

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने कहा देश के अनेक राज्यों में पशुबलि के निषेध के सम्बंध में कानून बने हुए हैं पर उनका पालन न होने से लाखों निर्दोष मासूम पशुओं की कुर्बानी /बलि दी जाती है । जबकि सभी धर्म प्रेम,अहिंसा की शिक्षा देते हैं ,अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किसी दूसरे प्राणी की जान लेना ठीक नहीं है।


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