महासमुन्द

नेशनल लोक अदालत में साढ़े 42 हजार लंबित मामलों का निराकरण, पौने 6 करोड़ का अवार्ड पारित
22-Sep-2024 2:31 PM
नेशनल लोक अदालत में साढ़े 42 हजार लंबित मामलों का निराकरण, पौने 6 करोड़ का अवार्ड पारित

23 खण्डपीठों का गठन कर किया गया मामलों का निराकरण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,22 सितंबर।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के सचिव दामोदर प्रसाद चन्द्रा ने जानकारी है कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण  महासमुंद के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश अनिता डहरिया के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में कल शनिवार को जिला न्यायालय महासमुंद एवं  तहसील पिथौरा, सरायपाली, बसना और बागबाहरा स्थित सिविल, श्रम न्यायालय एवं राजस्व न्यायालयों सहित कुल 23 खण्डपीठों का गठन कर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। 

नेशनल लोक अदालत की उक्त सभी खण्डपीठों में श्रमिक विवाद, बैंक रिकवरी प्रकरण, विद्युत एवं देयकों के अवशेष बकाया की वसूली और राजीनामा योग्य अन्य मामले के बकाया की वसूली संबंधी प्री.लिटिगेशन मामले, राजस्व न्यायालयों से संबंधित प्रकरण सुनवाई हेतु  रखे गये थे। उक्त मामलों के अलावा राजीनामा योग्य दांडिक प्रकरण, परक्राम्य लिखत अधि. की धारा.138 के अधीन परिवाद पर संस्थित मामले, मोटर दुर्घटना दावा संबंधी मामले तथा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा.135 क के तहत विद्युत चोरी के मामले के अलावा सिविल मामले भी  नियत किये गये थे। उक्त खण्डपीठों में उपरोक्त सभी मामलों की सुनवाई करते हुए जिला महासमुंद स्थित विभिन्न न्यायालयों में प्रकरणों का  निराकरण किया गया।   

इसी प्रकार प्री.लिटिगेशन संबंधित मामलों में बैंक रिकवरी के 3 हजार 666 प्रकरणों में 3 लाख 39 हजार 130 अवार्ड पारित किया गया। वहीं विद्युत के 4 हजार 461 प्रकरणों में 36 लाख 94 हजार 834 रुपए, श्रम प्रकरण के दो मामलों में एक लाख 60 हजार रुपए, एमएसीटी के 23 प्रकरण में एक करोड़ 60 लाख 85 हजार, एनआई एक्ट.138 के 37 प्रकरणों में 90 लाख 52 हजार 341 रुपए तथा अन्य सिविल प्रकरणों का निराकरण कर 1 करोड़ 45 लाख 54 हजार 251 रुपए का अवार्ड पारित किया गया। 

इसी तरह राजीनामा योग्य 1658 दाण्डिक प्रकरणों में राजीनामा के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया गया। जिले के सभी तहसील एवं अनुभाग क्षेत्रों के राजस्व न्यायालयों के माध्यम से 32 हजार 668 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में् सुलह एवं समझौता के आधार पर विभिन्न खंडपीडों के माध्यम से लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया और उनमें 5 करोड़ 70 लाख 52 हजार 216 रुपए केआवार्ड पारित किए गए। 

मालूम हो कि कल दिनांक 21 सितंबर 2024 को देश भर में उच्चतम न्यायालय से लेकर तहसील स्तर तक के न्यायालयों में एक साथ हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसके सफल आयोजन हेतु विगत कई माह से अनवरत तैयारी की जा रही थी और पक्षकारों को नियत सुनवाई दिनांक के पूर्व राजीनामा हेतु नोटिस प्रेषित कर प्री.सीटिंग कर राजीनामा करने हेतु प्रोत्साहित किया गया था। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन में महासमुंद अधिवक्तागण एवं न्यायालय के कर्मचारियों का सहयोग प्राप्त हुआ।              
 


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