महासमुन्द

छत्तीसगढ़ संवाददाता
महासमुंद,16जुलाई। काव्यांश साहित्य एवं कला पथक संस्थान के पंद्रहवें स्थापना दिवस के पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नपाध्यक्ष निखिल साहू की उपस्थिति में शास्त्रीय राग-रागिनियोंं ने समां बांधा बांधा। कार्यक्रम की अध्यक्षता काव््यांश के संस्थापक भागवत जगत भूमिल ने की। कार्यक्रम की शुरुआत में राग वसन्त पर आधारित सरस्वती वंदना हुई। आचार्य बी आर साहू के निर्देशन में रश्मि मानिकपुरी, खिलेश्वरी साहू एवं दुर्गा साहू ने समूह हीत प्रस्तुत किया। स्वाति बाला जगत ने गौड़ सारंग राग में एक रचना प्रस्तुत किया।
पश्चात पुलिस अधिकारी दिनेश्वरी नंद ने शास्त्रीय राग आधारित पायो जी मैंने राम रतन धन पायो, ठुमक चलत रामचंद्र एवं मारने वाला है भगवान सुनाया। बीआरसाहू के हारमोनियम के साथ किसन लाल देवदास ने तबले पर संगति की। कार्यक्रम के संचालक सुरेन्द्र मानिकपुरी ने की। अनुभव हो रहा था।
गौरतलब है कि महासमुन्द में काव्यांश एकमात्र संस्थान है जहां साहित्यकार, संगीतकार, गीतकार, कलाकार और नाटककार एक ही मंच पर मिलते हैं। संगीतमय कार्यक्रम के बाद विशेष अतिथि के आसन्दी से बोलते हुए प्रलय थिटे ने काव्यांश को एक अद्वितीय संस्था कहा वहीं डा.साधना कसार ने इसे साहित्य की टकसाल की उपमा दी। जबकि श्रीमती एस चन्द्रसेन ने आर्थिक सहयोग पर बल दिया और कहा कि हमें शासन के ऊपर आश्रित न रह कर आत्म निर्भर रहना जरूरी है।
इस अवसर पर उमेश भारती गोस्वामी मृदुल, जयराम पटेल पथिक, डी बसन्त साव साहिल, आचार्य बी आर साहू, किसन लाल साहू, वृन्दावन लाल पटेल, द्रौपदी साहू सरसिज, ज्योत्सना कन्नौजे ज्योति, अंजू सोनछत्र, दिनेश चन्द्राकर चारुमित्र, मुरली पटेल, नाना साहेब मानिकपुरी, रत्नेश सोनी, स्वाति बाला जगत, रश्मि मानिकपुरी, दिनेश्वरी नंद, खिलेश्वरी साहू, दुर्गा साहू विशेष रूप से उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन दिनेश चन्द्राकर चारुमित्र ने किया।