महासमुन्द

मेडिकल कॉलेज का अकादमिक भवन आकार ले चुका, अब इंटीरियर का ही कार्य शेष
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,16जुलाई। नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा 4 माह में कमियों को पूरा करने के निर्देश के बाद निर्माणीधीन मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य में और भी तेजी आई है। आज की स्थिति में लगभग 70.75 प्रतिशत काम पूर्ण हो चुका है। डीन ऑफिस, हॉस्टल, मेस भवन, यूटिलिटी भवन, पार्किंग, विद्युत सब स्टेशन, ऑपरेटिंग रूम, मिटिंग हॉल, सांस्कृतिक भवन हॉल सहित अनेक मेडिकल कालिज के भवन संबंधित कार्य पूरे हो चुके हैं। इसके अलावा कॉलेज कैंपस में सभी भवन खड़े हो चुके हैं। अब फिनिशिंग का काम तेज गति से चल रहा है। कहा जा रहा है कि यदि इसी तेजी से काम चला तो इसी साल दिसंबर महीने के तक मेडिकल कॉलेज नये भवन में शिफ्ट हो जाएगा।
इस भवन को लेकर कहा जा रहा है कि यदि दिसंबर तक किसी कारणवश काम पूरा नहीं भी हुआ तो नये वर्ष जनवरी 2026 तक तो हर हाल में मेडिकल कॉलेज भवन में अब अंडर ग्राउंड बिजली वायरिंग, सडक़ फ्लोरिंग का काम प्रगति पर है जो महज पखवाड़े भर में ही पूरा हो जाएगा। इसके अलावा छात्रों के हॉस्टल में टाइल्स लगाने का काम चल रहा है। पृथक-पृथक कामगार अपने-अपने कार्य की फिनिशिंग कर रहे हैं।
मालूम हो कि महासमुंद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने एनएमसी के पोर्टल पर ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड किया था। बाद ऑनलाइन ही मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था का परीक्षण किया गया। लेकिन अनेक कमी पाए जाने पर सुधार के निर्देश दिए थे। कॉलेज द्वारा ऑनलाइन भेजी गई जानकारी का मूल्यांकन किया गया। इसके बाद कॉलेज को कारण बताओ नोटिस जारी कर मूल्यांकन के दौरान पाई गई खामियों को उजागर किया। इसमें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बिस्तरों की संख्या में कमी, अस्पताल में ओपीडी की संख्या में कमी आदि का जिक्र किया था।
इसके बाद से ही नये भवन की शीघ्र फिनिशिंग कार्य पूरा करने प्रबंधन हर स्तर पर काम कर रहा है। मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में लगभग 375 छात्र अध्ययन कर रहे हैं। 125 नए छात्रों के आने के बाद छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन नए बैच के छात्रों के लिए शहर में हॉस्टल खोज रहा है। हालांकि शहर के ज्यादातर शासकीय भवन अधिग्रहित किए जा चुके हैं। पिछले साल भी प्रबंधन द्वारा शहर के कई भवनों का अवलोकन हॉस्टल के लिए किया गया था, लेकिन उन भवनों पर बात नहीं बन पाई थी।
बहरहाल कहा जा रहा है कि कॉलेज का खुद का हॉस्टल दिसंबर में बनकर तैयार होगा। वर्तमान में लाइवलीहुड कॉलेज और पॉलिटेक्निक के हॉस्टल में मेडिकल कॉलेज के छात्र रह रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज का काम तो लगभग नवंबर-दिसंबर तक पूर्ण हो ही जाएगा। लेकिन रायपुर मार्ग से 600 मीटर लंबी सडक़ यानी मेडिकल कॉलेज पहुंच मार्ग कॉलेज प्रबंधन की जिम्मेदारी नहीं है। फलस्वरूप पहुंच मार्ग जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। डॉ.अलखराम वर्मा ने बताया कि रायपुर मार्ग से 600 मीटर की सिक्स लेन या फिर फोरलेन निर्माण की आवश्यकता है। इसके लिये कलेक्टर के संज्ञान में यह बात लाई जायेगी। कॉलेज की डीन डॉ.रेणुका गहिने, मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ. बसंत कुमार माहेश्वरी, प्रोफेसर तथा पीआरओ डॉ.अलख राम वर्मा ने कल ही मेडिकल कॉलेज का जायजा लिया। प्रबंधन द्वारा हाल में दिसंबर तक शिफ्ट किये जाने को लेकर प्रयास किया जा रहा है।
एडमिशन 21 से
विभागीय जानकारी अनुसार मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की रेस 21 जुलाई से शुरू होगी। एनएमसी ने नीट यूजी काउंसिलिंग का शेड्यूल आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया है। काउंसलिंग 4 चरण में होगी। ऑल इंडिया लेवल की 18 सीटें हैं। अन्य सीट स्टेट कोटे के तहत निर्धारित की गई हैं। रजिस्ट्रेशन और शुल्क भुगतान 21 से 28 जुलाई, चॉइस फिलिंग और लॉकिंग 22 से 28 जुलाई, सीट आवंटन प्रक्रिया 29 से 30 जुलाई, रिजल्ट जारी होने की तारीख 31 जुलाई, रिपोर्टिंग और कॉलेज जॉइनिंग 1 से 6 अगस्त, स्टेट कोटे के तहत 30 जुलाई से प्रवेश प्रारंभ होगा। स्टेट कोटे की काउंसलिंग 30 जुलाई से 6 अगस्त तक चलेगी। पूरा शेड्यूल जारी कर दिया गया है। हालांकि छत्तीसगढ़ के लिए चिकित्सा शिक्षा संचालनालय शेड्यूल जारी करेगा।
जानकारी के अनुसार एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज के अकादमिक भवन के साथ ही हॉस्टल भवन का निर्माण कार्य दिसंबर महीने तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। निर्माण पूर्ण नहीं होने पर जुर्माना लगाने की बात भी कहीं गई है। मेडिकल कॉलेज का अकादमिक भवन आकार ले चुका है। अब इंटीरियर का ही कार्य शेष रह गया है। सात मंजिल के अकादमिक भवन में ग्राउंड लोर पर प्रशासनिक कार्यालय होगा। तीसरे फ्लोर पर सेंट्रल लाइब्रेरी और चौथे फ्लोर पर लैब, डेमो रूम बनाने की योजना है। मेडिकल कॉलेज के भवन का निर्माण कार्य दिसंबर 2023 में प्रारंभ हुआ था। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय 89.19 एकड़ में 325 करोड़ रुपए में बनाया जा रहा है। वर्तमान अकादमिक भवन और हॉस्टल लगभग 40 एकड़ में बनाया गया है। वहीं दूसरी ओर यूजी हॉस्टल दो मंजिल का है।