महासमुन्द

सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन समितियों की ओरिएंटेशन कार्यशाला
16-Jul-2025 3:20 PM
सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन समितियों की ओरिएंटेशन कार्यशाला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,16जुलाई। महासमुंद स्थित टाऊन हाल में कल प्रेरक गरियाबंद द्वारा सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन समितियों के लिये एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वन, कृषि एवं ग्रामीण विकास से जुड़े प्रतिनिधियों, जन प्रतिनिधियों और समितियों के सदस्यों ने भाग लिया।

 कार्यक्रम में पूर्व जनपद सदस्य योगेश्वर चंद्राकर ने वनों के महत्व और स्थानीय संसाधनों के संरक्षण पर अपने विचार रखे। उन्होंने अपनी कृषि यात्रा का उल्लेख करते हुये बताया कि किस प्रकार संजीवनी नामक धान की किस्म ने स्थानीय किसानों के लिये वरदान का कार्य किया। उन्होंने कृषकों को नई तकनीकों के साथ जुडऩे और वनोपजन को सामुदायिक संपत्ति के रुप में अपनाने का आव्हान किया ।

डिप्टी रेंजर सतीश कुमार पटेल ने कहा कि जंगल की सुरक्षा एवं संरक्षण की जिम्मेदारी अब सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन समितियों के हाथों में है  उन्होंने आगजनी, अवैध कटाई और सीमांकन जैसे मुद्दों पर जागरुकता और निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया।

वनोपज संघ के अध्यक्ष प्रमोद चंद्राकर ने वनोपज के मूल्य निर्धारण में ग्रामसभा की भूमिका को रेखांकित करते हुये कहा कि सरकार की कई योजनाएं उपलब्ध हैं। परंतु जानकारी के अभाव में समुदाय लाभ से वंचित रह जाता है। उन्होंने वनोपज आधारित आजीविका को बढ़ावा देने की जरुरत जताई। प्रेरक गरियाबंद के अध्यक्ष रामगुलाल सिन्हा ने समितियों को आबंटित वन क्षेत्र की जानकारी रखने, सीमा विवादों के समाधान के लिये सीमांकन करने और निस्तार नियमों पर आधारित स्पष्ट कार्य योजना बनाकर उस पर अमल करने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि आग से बचाव,अवैध कटाई रोकथाम, वन सुरक्षा समिति का गठन तथा पारदर्शी वन प्रबंधन व्यवस्था विकसित करना अत्यंत आवश्यक है।

कार्यशाला में तेजराम यादव, केशरी चंद जैविक कृषक एवं गुड्डी सिन्हा जैसे सामुदायक वन संसाधन प्रबंधन समिति के सदस्यों ने भी अपने अनुभव साझा किये। गुड्डी सिन्हा ने जंगल संरक्षण में महिलाओं की भागीदारी को सशक्त बनाकर उन्हें नेतृत्व की भूमिका देने की बात कही। कार्यक्रम के अंत में प्रमोद चंद्राकर सहित सभी अतिथियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन समितियों को पौधों का वितरण किया गया। पूरे कार्यक्रम का समन्वय हेमलता राजपूत द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। कार्यशाला ने समितियों के सदस्यों को अपने दायित्वों को समझने और स्थानीय वन संसाधनों के संरक्षण में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिये प्रेरित किया ।


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