महासमुन्द

सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा ने दिया इस्तीफ ा
नियुक्ति को लेकर संसदीय सचिव ने की थी जांच की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,17 दिसंबर। जिला पंचायत में पदस्थ सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा प्रथम अग्रवाल ने इस्तीफ ा दे दिया है। बुधवार को उन्होंने अपना इस्तीफ ा सौंपा। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण निजी बताया है, लेकिन प्रशासनिक महकमे में इसकी चर्चा शुरू हो गई है।
अवर मुख्य सचिव को लिखे शिकायत पत्र में संसदीय सचिव ने सरपंच संघ महासमुंद के ब्लॉक अध्यक्ष विरेंद्र चंद्राकर और सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत का जिक्र करते हुए लिखा था कि सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा के पद पर नियुक्त प्रथम अग्रवाल की ओर से कोई आवेदन नहीं किया गया था। जब दावा-आपत्ति सूची जारी हुई तो उस सूची में भी इनका नाम नहीं था। संबंधित विभाग की वेबसाइट में अपलोड के बाद इनका आवेदन बैक डेट में लेकर कार्यालयीन नस्तियों से छेड़छाड़ कर प्रथम अग्रवाल का नाम कौशल सूची में शामिल किया गया था। ऐसे में 1 मार्च 2018 से 20 मार्च 2018 तक पोस्ट ऑफिस की डिलीवरी जिला पंचायत महासमुंद के नस्ती आवक-जावक पंजी व प्रथम अग्रवाल के आवेदन का लिफ ाफ ा, जिसमें आवेदन भेजा गया था, जांच किया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही संसदीय सचिव ने दावा-आपत्ति की सूची भी अवर मुख्य सचिव को प्रेषित की थी, जिसमें प्रथम अग्रवाल का नाम उल्लेखित नहीं था। इसी आधार पर संसदीय सचिव ने उच्चस्तरीय कमेटी से मामले की जांच कराने की मांग की थी।
इस संबंध में जिला पंचायत के सीईओ एस प्रकाश ने बताया कि प्रथम अग्रवाल ने निजी कारणों से अपना इस्तीफा दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। नियुक्ति को लेकर विवाद के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
मिली जानकारी के अनुसार एपीओ प्रथम अग्रवाल की नियुक्ति को लेकर शुरू से ही विवाद था। उनकी नियुक्ति को कुछ लोगों ने अवैधानिक बताया था। इस संबंध में कई लोगों ने शिकायत भी की थी।
आखिरकार मामले को लेकर संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने पंचायत विभाग के अवर सचिव से की थी। उन्होंने उनकी नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए नियुक्ति के संबंध में जांच की मांग भी की थी। प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार विनोद चंद्राकर ने 23 सितंबर 2021 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अवर मुख्य सचिव को इस संबंध में पत्र लिखकर जांच की मांग की थी।