महासमुन्द

सौम्य बंधन: भाईयों की कलाई पर सजेंगी बिहान दीदियों के हाथों बनी धान-बांस की राखियां
08-Aug-2021 5:50 PM
सौम्य बंधन: भाईयों की कलाई पर सजेंगी बिहान दीदियों के हाथों बनी धान-बांस की राखियां

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 8 अगस्त। महासमुंद जिले की महिला स्वसहायता समूह की बिहान दीदियों ने बड़ेे प्रेम और उत्साह से छोटे, नन्हें, बड़े भाइयों के लिए बांस, धान, रखिया बीज, मोती, रुद्राक्ष एवं ऊन-सूती धागे से मनमोहक आकर्षक तरीके से राखियां बनाई हैं। इसे उन्होंने सौम्य बंधन का नाम दिया है।

बिहान दीदियों नेजिले की महिलाओं से अपील की है कि बहनें अपने प्यारे भाई के प्रति अपने अटूट प्यार को दर्शाने के लिए उन्हें इन आकर्षक राखियों की भेंट दें। इसे महासमुंद की ग्रामीण स्वसहायता समूह की महिलाओं ने सावधानी पूर्वक, दस्तकारी कर खूबसूरत एवं आकर्षक ढंग से बनाया एवं पिरोया है। आपकी स्नेह भरी खरीदी से उनकी आजीविका बढ़ाने में मदद मिलेगी और 140 से अधिक महिला और उनके परिवारों का उत्साह बढ़ाने में एक अनूठा प्रयास होगा।

समूह की महिलाओं ने बताया कि फ ोन पर भी राखियां ऑर्डर कर क्रय किये जा रहेे हैं। इच्छुक भाई-बहनें इन नम्बरों पर 99814.06688ए 96309.73097 सम्पर्क कर सकते हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी आईएएस आकाश छिकारा ने बताया कि महिला स्वसहायता समूह के उत्पादित सामग्रियों को सिरपुर के ब्रांड नाम से विक्रय किया जा रहा है। इसके लिए जिला मुख्यालय, सभी ब्लॉक मुख्यालयों में इनके द्वारा निर्मित अलग-अलग प्रकार की सामग्रियों के बिक्री के लिए महिलाओं को स्टॉल भी उपलब्ध कराये गए हैं। इसके अलावा स्थानीय हाट बाजारों और राजधानी रायपुर सहित पड़ोसी जिलों में भी इनकी मांग है। यहां पर महिला स्वसहायता समूह से उत्पादित सामग्रियों को बिक्री की जा रही। इससे महिलाओं के इस प्रयास से उनके आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में आने वाले समय पर बेहतर परिणाम देखने को मिलने लगा है। इससे महिलाएं अपने हुनर और योजना का लाभ उठाकर न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो रही बल्कि वे आत्मनिर्भर बना रही है।

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान अंतर्गत विकासखण्ड महासमुंद के ग्राम पंचायत कछारडीह, रायतुम, मुनगाशेर, कांपा, कोमाखान, बिरकोनी में श्री कृष्णा, उगता सूरज, राधा कृष्णा, नवा बिहान, ओम महिला स्वाभिमान,  श्री शक्ति महिला, गीता महिला, बजरंग महिला, आदिवासी, महालक्ष्मी, जयदुर्गा, जय मां अम्बे, जय बजरंग, अन्नपूर्णा, शारदा एवं गायत्री समूह के महिला सदस्यों द्वारा राखी तैयार किया जा रहा है। स्थानीय बाजार में समूह द्वारा बनाई गई राखियों को 10 रुपए से लेकर 50 रुपए तक बेचा जा रहा है। जिले के अलावा आसपास के जिलों में भी समूह महिलाओं द्वारा बनाई गई राखियों की अच्छी खासी मांग हैं।


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