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-प्रभाकर मणि तिवारी
कोलकाता में आयोजित एक रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है.
तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि देश भर में पश्चिम बंगाल के मज़दूरों को बांग्लादेशी बताकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है.
तृणमूल कांग्रेस की ओर से आयोजित इस विरोध रैली में ममता के अलावा पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता और सरकार के मंत्री शामिल हुए थे. ममता ने रैली के बाद आयोजित एक सभा को भी संबोधित किया.
यह रैली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे से ठीक पहले आयोजित की गई थी.
ममता ने कहा, "मैं बंगालियों के प्रति केंद्र और भाजपा के रवैए से निराश और शर्मिंदा हूं."
ममता ने सवाल किया कि आखिर उनको बंगालियों से इतनी नाराज़गी क्यों है?
मुख्यमंत्री ने कहा, "आगे से मैं और ज़्यादा बांग्ला बोलूंगी. बीजेपी में हिम्मत है तो मुझे डिटेंशन शिविर में बंद कर दिखाए. बंगाल के लोगों को डिटेंशन शिविरों में रखने की स्थिति में राज्य के लोग बीजेपी को चुनाव के ज़रिए राजनीतिक डिटेंशन शिविर में भेज देंगे."
ममता ने कहा, "अगर बांग्लाभाषियों का उत्पीड़न नहीं रुका तो भाजपा को इसका गंभीर राजनीतिक नतीजा भुगतना होगा."
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने दूसरे राज्यों में काम करने वाले बंगाल के प्रवासी मजदूरों से राज्य में लौटने की अपील की और कहा कि सरकार उनके लिए ज़रूरी व्यवस्था करेगी. दूसरे राज्यों में अपमानित होने से बेहतर अपने राज्य में रहना है.
मुख्यमंत्री ने कहा, "बंगाल के क़रीब 22 लाख प्रवासी मज़दूर दूसरे राज्यों में काम करते हैं और उनके पास नागरिकता से संबंधित तमाम दस्तावेज़ हैं. बावजूद इसके उनको परेशान किया जा रहा है."
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी ओछी राजनीति कर रही हैं, क्योंकि चुनाव आ रहे हैं. ममता बनर्जी से पूरा बंगाल ख़फ़ा है. हिंदू वोट में सेंध लगाने के लिए ममता बनर्जी बंगाली वाला प्वाइंट उठा रही हैं."
सुकांत मजूमदार ने कहा, "हम देखना चाहते हैं कि युसुफ़ पठान और कीर्ति आजाद लोकसभा में खड़े होकर बांग्ला में भाषण दें." (bbc.com/hindi)