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रिकॉर्ड और अपलोड करने की तकनीक पर विवेचकों को मिला प्रशिक्षण
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 17 जुलाई। जिले में नए आपराधिक कानूनों को सही ढंग से लागू करने के लिए एसएसपी रजनेश सिंह (भापुसे) ने सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को लगातार ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया है। इसी कड़ी में गुरुवार को सभी विवेचकों को 'ई-साक्ष्य ऐप' के इस्तेमाल और उसके महत्व की जानकारी दी गई।
इस दौरान बताया गया कि ई-साक्ष्य ऐप एक डिजिटल टूल है, जो पुलिस को केस से जुड़े फोटो, वीडियो और अन्य सबूतों को सुरक्षित तरीके से रिकॉर्ड और अपलोड करने में मदद करता है। अगर कोई केस नए बीएनएस कानून के तहत दर्ज होता है, तो उस केस के विवेचक को इस ऐप में अपना अकाउंट बनाकर सभी जरूरी सबूत अपलोड करने होंगे। अब अपराध स्थल की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी सीधे ऐप पर दर्ज होगी। तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की रिकॉर्डिंग भी जरूरी है। 7 साल या उससे अधिक की सजा वाले मामलों में ऐप पर सबूत अपलोड करना अनिवार्य है।
यह जानकारी दी गई कि हर विवेचक की अलग-अलग आईडी से केस से जुड़ी जानकारी अपलोड होती है। ऐप पर सबूत अपलोड करने से फाइलें डिजिटल रूप से सुरक्षित रहती हैं।
एसएसपी ने खुद कुछ विवेचकों के मोबाइल से पहले अपलोड किए गए वीडियो और डेटा को देखा और संतोष जताया। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों और राजपत्रित अधिकारियों को इसकी क्लोज मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही सभी थानों में पुलिसकर्मियों को यह भी सिखाया गया कि कौन सी फोटो और वीडियो जरूरी हैं और अनावश्यक सामग्री से कैसे बचा जाए।
एसएसपी ने सभी जांच अधिकारियों को साफ कहा है कि आगे से हर केस की जांच में 'ई-साक्ष्य ऐप' का इस्तेमाल अनिवार्य है और इसका सख्ती से पालन किया जाए।