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ओडिशा: छात्रा की मौत पर विपक्षी दलों का बंद का आह्वान, कैसा है असर?
17-Jul-2025 12:09 PM
ओडिशा: छात्रा की मौत पर विपक्षी दलों का बंद का आह्वान, कैसा है असर?

-सुब्रत कुमार पति

गुरुवार को कांग्रेस समेत आठ विपक्षी दलों ने ओडिशा बंद का आह्वान किया है. बंद गुरुवार की सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक जारी रहेगा.

बंद का असर गुरुवार की सुबह पूरे राज्य में दिख रहा है. बालासोर के एफएम कॉलेज की छात्रा की मौत के बाद विपक्षी दलों ने बंद का आह्वान किया है.

ओडिशा में स्कूल और कॉलेज बंद है. साथ ही दुकान, बाज़ार, शॉपिंग मॉल और सिनेमा हॉल भी बंद है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर भी असर पड़ा है.

इसके अलावा ओडिशा में 30 हज़ार पेट्रोल पंप भी बंद पड़े हैं.

हालांकि, आपातकालीन सेवा जारी है. एंबुलेंस सर्विस और अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं पर बंद का कोई असर नहीं हुआ है. मेडिकल स्टोर भी खुले हुए हैं.

इस बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभापति भक्त चरण दास ने एक वीडियो जारी कर लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से इस बंद में शामिल होने की अपील की है.

सरकार ने क्या कदम उठाए?

बंद को देखते हुए पुलिस बल तैनात किए गए हैं. लोक सेवा भवन (सचिवालय), विधानसभा और महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

साथ ही राज्य सरकार ने ज़िला कलेक्टरों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है. कलेक्टरों को सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा और ज़रूरी सेवा प्रभावित नहीं हो, इसका ध्यान रखने के लिए कहा गया है.

पुलिस कमिश्नर एस देबदत्त सिंह ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन का अधिकार राजनीतिक दलों के पास है. क़ानून के ख़िलाफ़ जो भी काम करेगा, उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.

कांग्रेस ने क्या मांग की है?

बंद का आह्वान करने वाली कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने छात्रा की मौत की न्यायिक जांच की मांग की है.

साथ ही विपक्षी दलों ने उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज, बालासोर के सांसद प्रताप सारंगी और बालासोर सदर विधायक मानस कुमार दत्त के इस्तीफ़े की भी मांग की है.

कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने बालासोर के ज़िलाधिकारी सूर्यवंशी मयूर विकाश और पुलिस अधीक्षक राज प्रसाद के ख़िलाफ़ तत्काल कार्रवाई की भी मांग की है.

विपक्षी दलों का आरोप है कि राज्य में बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था ने लोगों की जान-माल को ख़तरे में डाल दिया है और क़ानून का राज ध्वस्त हो गया है.

मामला क्या है?

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती छात्रा की मौत हो गई है.

यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में कार्रवाई न होने से परेशान छात्रा ने शनिवार को आत्मदाह की कोशिश की थी.

इसके बाद छात्रा को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

छात्रा ने ओडिशा के बालासोर के फकीर मोहन कॉलेज में एक विभाग प्रमुख पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.

सोमवार को पुलिस ने कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष को गिरफ़्तार किया था. मामले में अभियुक्त विभागाध्यक्ष समीर साहू को भी गिरफ़्तार किया जा चुका है.

छात्रा के परिवार का आरोप है कि बीते कई महीनों से उसके साथ यौन उत्पीड़न हो रहा था और उसने इसके ख़िलाफ़ कॉलेज प्रशासन से शिकायत भी की थी, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने पर छात्रा ने ऐसा कदम उठाया.

(आत्महत्या एक गंभीर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्या है. अगर आप भी तनाव से गुज़र रहे हैं तो भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 1800 233 3330 से मदद ले सकते हैं. आपको अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी बात करनी चाहिए.) (bbc.com/hindi)


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