कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
विश्रामपुरी, 12 जून। तीन महीने की लाकडाउन के पश्चात दुकान खोलकर संगीता निषाद बेहद खुश हैं। वे बताती हंै कि सप्ताह के सातों दिन हाट बाजार में जाकर बड़ा भजिया, चना मुर्रा, नड्डा आदि बेचती हैं। छोटे बाजारों में जहां 15 सौ से 2 हजार का बिक्री होता है वहीं बड़े बाजारों में 4 से 5 हजार तक की बिक्री होती है। इससे अच्छा खासा घर का खर्चा निकल जाता है। लगातार तीन महीने तक लॉकडाउन की स्थिति में अपना कारोबार उन्हें समेटना पड़ा था तथा इस बीच वे घरों पर बेरोजगारी काट रहे थे। जिला प्रशासन के द्वारा हाटबाजारों को सशर्त खोलने की अनुमति दी गई। तत्पश्चात उसने 3 माह में आज बाजार का मुंह देखा है।
कोरोना संक्रमण की दर कम होने तथा प्रशासन के द्वारा आंशिक छूट दिए जाने से अब धीरे-धीरे साप्ताहिक हाट बाजारों में रौनक लौटने लगी है, किंतु अभी भी संक्रमण के खतरे को भांपते हुए ग्रामीण बाजारों को ज्यादा महत्व नहीं दे रहे हैं। बाजारों में भीड़ कम ही लग रही है। जिले ही नहीं बल्कि बस्तर संभाग में हाट बाजारों से ही रोजमर्रा की जरूरतें पूरी होती है। ऐसी स्थिति में हाट बाजार का खुलना ग्रामीणों के लिए आवश्यक है। इस समय खेती किसानी के सीजन में बीज एवं अन्य सामग्रियों के लिए भी ग्रामीण बाजार पर निर्भर करते हैं।
बाजार के लिए बनाए
जा रहे हैं नए नियम
जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों एवं नगर पंचायतों की अनुमति से ही हाटबाजार शुरू करने का फैसला लिया है, तत्पश्चात इस समय पूरा दारोमदार पंचायतों के ऊपर आ गया है। पंचायत भी बड़ा रिस्क लेना नहीं चाहती जिसके चलते अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि कुछ बाजारों में अब रौनक लौट रही है, किंतु पहले की तरह भीड़ एवं बाहरी दुकानदार नहीं पहुंच रहे हैं। फरसगांव ब्लाक में जहां बाजारों को खोलने के लिए सुबह 6 से 12 बजे का समय तय किया गया है। बाजारों में जिले के ही व्यापारी पहुंचेंगे। समीपस्थ ओडिशा एवं अन्य जिलों के व्यापारियों के लिए प्रतिबंध लागू रहेगा। जिले के जो व्यापारी साप्ताहिक बाजार में आएंगे उनके लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है। अन्यथा उनके ऊपर कार्रवाई होगी। महत्वपूर्ण फैसला यह भी लिया गया कि जो लोग वैक्सीनेशन नहीं कराए हैं उन व्यापारियों को बाजार में अनुमति नहीं दी जाएगी।
व्यापारियों को अपना वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र दिखाना होगा।