कोण्डागांव

गुण्डाधुर कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता व तनाव प्रबंधन कार्यक्रम
16-Nov-2025 9:38 PM
गुण्डाधुर कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता व तनाव प्रबंधन कार्यक्रम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोंडागांव, 16 नवंबर। शासकीय गुण्डाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कोंडागांव में विद्यार्थी सहायता मेंटरिंग एवं मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रकोष्ठ के तत्वावधान में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं तनाव प्रबंधन कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन और सकारात्मक जीवनशैली को बढ़ावा देना था।

डॉ. सरला आत्राम ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य को जीवन की प्राथमिकताओं में शामिल करने, तनावमुक्त अध्ययन की आदत विकसित करने तथा सकारात्मक सोच को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ मन ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का आधार है।

विशेषज्ञों के उद्बोधन में  वीरेंद्र केला (साइकेट्रिक सोशल वर्कर) ने मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण, भावनात्मक असंतुलन की पहचान, चिंता एवं अवसाद से निपटने के उपाय, तथा समय प्रबंधन एवं अध्ययन-जीवन संतुलन पर उपयोगी सुझाव दिए। उन्होंने मानसिक समस्याओं को छिपाने के बजाय परामर्श लेने को आवश्यक बताया।

डॉ. दिव्यांशु चौधरी (साइकेट्रिक नर्स) ने तनाव के शारीरिक और मानसिक प्रभावों—नींद, भूख, एकाग्रता और व्यवहार में बदलाव—पर वैज्ञानिक जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को स्द्गद्यद्घ-ष्ड्डह्म्द्ग, समयबद्ध दिनचर्या एवं मानसिक स्वास्थ्य को सामान्य स्वास्थ्य की तरह महत्व देने की सलाह दी।

कमलेश देवांगन (फिजियोथेरापिस्ट) ने बताया कि लगातार तनाव शरीर में दर्द, थकान और मांसपेशियों में जकडऩ का कारण बनता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सरल श्वसन अभ्यास, स्ट्रेचिंग, योग एवं नियमित शारीरिक गतिविधि अपनाने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम का संचालन प्रकोष्ठ की समन्वयक डॉ. अल्का शुक्ला द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन सह-समन्वयक श्री हुमन राम यदु ने प्रस्तुत किया।

प्रकोष्ठ के अन्य सदस्य डॉ. पुरोहित कुमार सोरी, श्री समलेश पोटाई एवं श्रीमती नेहा बंजारे कार्यक्रम की सफल व्यवस्था में सक्रिय रूप से सहयोगी रहे।

कार्यक्रम में एनएसएस एवं एनसीसी के स्वयंसेवकों सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया तथा विशेषज्ञों से संवाद कर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त किया।

यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन, परीक्षा-संबंधी तनाव में कमी तथा सकारात्मक अध्ययन वातावरण निर्माण की दिशा में महाविद्यालय की एक सराहनीय पहल सिद्ध हुआ।


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