कोण्डागांव

पहाड़ काट सडक़ बना रहे ग्रामीण, बार-बार गुहार लगाने के बाद भी सुनवाई नहीं
14-Nov-2025 11:20 AM
पहाड़ काट सडक़ बना रहे ग्रामीण, बार-बार गुहार लगाने के बाद भी सुनवाई नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोंडागांव, 13 नवंबर। आजादी के 79 वर्ष बीत जाने के बाद भी कोंडागांव जिले के केशकाल विधानसभा क्षेत्र का नंदगट्टा गांव अब तक सडक़ जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है। शासन-प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो ग्रामीणों ने स्वयं अपने दम पर पहाड़ काटकर सडक़ बनाने का बीड़ा उठा लिया।

केशकाल विकासखंड के ग्राम पंचायत होनहेड़ के आश्रित गांव नंदगट्टा, जो विकासखंड मुख्यालय से करीब 45 से 50 किलोमीटर दूर स्थित है, आज भी पक्की सडक़ से नहीं जुड़ सका है। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत कुएंमारी तक सडक़ तो बनी है, परंतु उसके आगे के लगभग 5 से 10 किलोमीटर तक कोई मार्ग नहीं है। ग्रामीणों को अब भी झाडिय़ों, चट्टानों और पहाडिय़ों के बीच से होकर गुजरना पड़ता है।

सरकार की उदासीनता से निराश ग्रामीणों ने ग्रामसभा आयोजित कर निर्णय लिया कि प्रत्येक घर से दो से तीन लोग रोजाना अपने औजार—फावड़ा, कुदाल, गैती, कुल्हाड़ी और सब्बल लेकर पहाड़ की चट्टान काटकर सडक़ निर्माण कार्य में जुटेंगे। बीते डेढ़ महीने से यह कार्य लगातार जारी है, जिससे ग्रामीणों की एकजुटता और आत्मनिर्भरता की मिसाल पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है।

गांव के लोगों ने बताया कि सडक़ सुविधा के अभाव में गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए अत्यंत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कई बार उन्हें डोली के सहारे कच्चे रास्तों से होकर कुएंमारी तक लाया जाता है, जहां से एंबुलेंस के जरिए उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता है। वहीं, पेयजल की सुविधा न होने के कारण ग्रामीण आज भी झरिया (नाले) का पानी पीने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से जल्द सडक़ और मूलभूत सुविधाओं की मांग करते हुए कहा कि यदि ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अपने बलबूते विकास का रास्ता खुद तैयार करेंगे।


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