कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 18 जून। प्रदेश में स्कूलों के युक्तियुक्तकरण के विरोध में बुधवार को कांग्रेस ने शिक्षा न्याय यात्रा निकाली, जिसमें हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। कांग्रेस का यह आंदोलन स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में भाजपा सरकार की कथित रोजगार विरोधी और शिक्षा विरोधी नीति के खिलाफ था। रैली में राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम, पूर्व मंत्री मोहन मरकाम, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
यह विरोध प्रदर्शन कलेक्टर कार्यालय घेराव के उद्देश्य से निकाला गया था, लेकिन पुलिस प्रशासन ने इसे रायपुर नाका के पास ही रोक दिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई, जिसके बाद भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर रैली को नियंत्रित किया गया।
कांग्रेस द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य सरकार युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रदेश भर में 10 हजार 463 स्कूलों को बंद करने का निर्णय ले चुकी है, जिनमें बस्तर संभाग के 1 हजार 163 और कोण्डागांव जिले के 397 स्कूल शामिल हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह निर्णय भाजपा सरकार द्वारा चुनाव से पूर्व किए गए वादों के ठीक विपरीत है, जहाँ उन्होंने 35 हजार शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था। अब इस नीति से करीब 45 हजार पद समाप्त हो सकते हैं, जिससे न सिर्फ शिक्षक बेरोजगार होंगे, बल्कि स्कूलों में कार्यरत रसोइया, सफाईकर्मी, मध्यान्ह भोजन समूह की महिलाओं आदि की आजीविका पर भी संकट आ जाएगा।
ज्ञापन में आगे कहा गया कि इस नीति से न तो शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और न ही बच्चों का भला होगा, बल्कि इससे ग्रामीण व आदिवासी अंचलों में शिक्षा व्यवस्था चरमरा जाएगी। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आदिवासी बच्चों को शिक्षित नहीं देखना चाहती ताकि भविष्य में वे माइंस निजीकरण और अन्य मुद्दों पर विरोध न कर सकें। कांग्रेस ने याद दिलाया कि उनकी सरकार ने पूर्व में बंद स्कूलों को फिर से खोला था, और आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों की शुरुआत की थी, जिससे गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा का अवसर मिला।
लेकिन भाजपा सरकार को यह शिक्षा व्यवस्था हजम नहीं हो रही, इसलिए स्कूल बंद कर रही है, और दूसरी ओर शराब दुकानों की संख्या बढ़ाकर युवाओं को नशे की ओर धकेल रही है।
रैली के माध्यम से कांग्रेस ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो जि़ले के हर प्रभावित स्कूल के सामने स्थानीय जनता और पालकों के साथ प्रदर्शन किया जाएगा। कांग्रेस का कहना है कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक युक्तियुक्तकरण की यह नीति पूरी तरह रद्द नहीं होती।