कोण्डागांव

मांगों पर अड़े राइस मिलर्स, सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 5 दिसंबर। कोण्डागांव जिले की 28 राइस मिलें, जो समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की कस्टम मिलिंग का कार्य करती हैं, अपनी लंबित समस्याओं को लेकर आंदोलनरत हैं।
खरीदी केंद्रों में बफर लिमिट से अधिक धान जमा हो गया, वहीं मिलर्स ने 15 सूत्रीय मांग पूरी नहीं होने तक उठाव नहीं करने की बात कही और कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। राइस मिल संचालकों ने सरकार से लंबित मांगों पर कार्रवाई की गुहार लगाई है।
गुरुवार 5 दिसंबर को जिले के राइस मिल संचालकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कई गंभीर मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया। मिल संचालकों ने आरोप लगाया कि शासन द्वारा वर्षों से उनके द्वारा किए गए कार्यों का भुगतान लंबित रखा गया है। इनमें खरीफ 2018-19 से लेकर 2023-24 तक की कस्टम मिलिंग, चावल परिवहन, बारदाना उपयोगिता शुल्क, लोडिंग-अनलोडिंग की हमाली और एफआरके (फोर्टिफाइड राइस कर्नल) की राशि शामिल है।
कोण्डागांव जिला राइस मिल एसो. जिलाध्यक्ष सुरेश कटारिया, बसंत पारेख, समेत अभी मिल संचालकों का कहना है कि, बारदाना जमा पर अनुचित कटौती की गई है, जिससे उन्हें वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं, नए कस्टम मिलिंग अनुबंध की शर्तें और दरें अस्पष्ट हैं, जिससे उनका कार्य प्रभावित हो रहा है। साथ ही, एनआईसी पोर्टल की तकनीकी खामियां और पेनाल्टी से जुड़े मुद्दे भी उनकी समस्याओं को बढ़ा रहे हैं। इन मांगों के समाधान के लिए सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की अपील की गई है।
धान का उठाव बंद होने के कारण जिले के धान खरीदी केंद्रों पर बफर लिमिट से अधिक धान जमा हो गया है, जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने में दिक्कतें हो रही हैं। प्रशासन ने ज्ञापन स्वीकार कर इसे राज्य सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिया है।