कोण्डागांव

कोंडागांव, 19 नवंबर। सोमवार को उत्तरा कुमार कश्यप प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव की अध्यक्षता में जिला कोण्डागांव/नारायणपुर के समस्त थाना में पदस्थ, समस्त लीगल एड क्लीनिक एवं प्रबंध कार्यालय में कार्यरत अधिकार मित्र/पैरालीगल वालिंटियर्स का एक दिवसीय मासिक प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव ने समस्त अधिकार मित्र को छत्तीसगढ़ टोनही प्रताडऩा निवारण अधिनियम 2005 के संबंध में जानकारी दी कि यह एक विशेष कानून है जो महिलाओं को टोनही कहकर प्रताडित करने, अपमानित करने या उनके खिलाफ हिंसा करने के मामलों को रोकने के लिए बनाया गया है।
यह अधिनियम महिलाओं के खिलाफ अंधविश्वास और हिंसा से लडऩे में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कानून न केवल महिलाओं को न्याय दिलाने में सहायक है, बल्कि समाज में अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए भी एक प्रभावी साधन हैै।
गायत्री साय सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव ने समस्त अधिकार मित्रों को अधिक से अधिक विधिक साक्षरता शिविर आयोजन कर माननीय नालसा एवं सालसा के योजनाओं का प्रचार प्रसार करने तथा आगामी 14 दिसंबर को आयोजित नेशनल लोक अदालत का अधिक से अधिक शिविर के माध्यम से प्रचार प्रसार करने हेतु निर्देशित किया।
बैठक में सुरेन्द्र भट्ट, चन्द्र प्रकाश कश्यप एवं मनीषा तिवारी प्रतिधारक अधिवक्ता के द्वारा नालसा (आदिवासियों के अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन के लिए विधिक सेवाएँ) योजना, 2015 के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों के संवैधानिक और कानूनी अधिकारों की सुरक्षा और प्रवर्तन सुनिश्चित करना है। इस योजना को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (हृ्ररुस््र) ने 2015 में लागू किया। इसका उद्देश्य आदिवासियों को न्याय तक आसान पहुंच प्रदान करना है।
इस अवसर पर जिला-कोण्डागांव/नारायणपुर के समस्त पैरालीगल वालिंटियर उपस्थित थे।