कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 16 अगस्त। जिला सत्र एवं न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव उत्तरा कुमार कश्यप, के निर्देशानुसार गायत्री साय, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के द्वारा केंद्रीय जेल जगदलपुर का निरीक्षण किया गया।
इस दौरान अण्डर ट्रायर रिव्यू कमेटी के कामकाज को मजबुत करने के लिए जेल में ऐसे निरूद्ध अभिरक्षाधीन/विचारधीन तथा सजायाफ्ता बंदी जिनका जमानत आवेदन लंबित है या जिनका जमानत हो चुका है पर किसी कारण से जेल से रिहा नहीं हो पाया है, ऐसे बंदियो को चिन्हांकित किया गया ।
इस दौरान बंदियों में विधिक जागरूकता लाने के उद्देश्य से विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कर एक जुलाई से लागू तीन नये कानून के संबंध में बताया गया। इस कानून में अत्याधुनिकत्म तकनीकों को शामिल किया गया है । यह तीन कानून 1. भारतीय न्याय संहिता 2023 2. भारतीय नागरिता सुरक्षा संहिता 3. भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 का है।
बंदियों को बताया गया कि नये कानूनों में अभियोग पत्र दाखिल करने के न्यायलय के अनुमति से आगे बढ़ाया गया सकता है । न्यायालय अब आरोपित व्यक्ति के अपराध के संबंध में अभियोग पत्र पेश होने के 60 दिवस के भीतर आरोप पत्र विचरित कर विचारण प्रारंभ करेगा। और विचारण खत्म होने के पश्चात या अन्य पश्चावर्ती दिवस समय पर जो 45 दिवस से अधिक नही होगा में खुला न्यायालय द्वारा निर्णय की प्रति को संबंधित पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। तथा न्यायाधीशो के द्वारा उपस्थित बंदियों को बंदियों के स्वास्वथ, खान -पान,साफ-सफाई का अवलोकन किया गया । तत्पश्चात बंदियों के कानूनी अधिकार के संबंध में जानकारी दी गई।
इस दौरान सचिव के द्वारा केन्द्रिय जेल में किशोर की पहचान तथा भारतीय नागरिको के मौलिक अधिकार एवं उनके कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी गई। बंदियों के प्रकरणों में पैरवी करने हेतु अधिवक्ता नहीं होने की स्थिति में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से नि:शुल्क सलाह सहायता के माध्यम से नि:शुल्क अधिवक्ता प्रदाय करने के संबंध में जानकारी दी गई। इस संबंध में बंदियो को जानकारी दी गई।