कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 31 अगस्त। कर्मचारी अधिकारीगणों द्वारा अपनी दो मुख्य मांगों केंद्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा भत्ता दिए जाने की मांग को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन में डट जाने से जहां आमजन दो पार्टी के बीच पिसते नजर आ रहे हैं, वहीं शासन-प्रशासन के बीच संघर्ष सा शुरू नजर आ रहा है। शासन-प्रशासन के बीच चल रहे संघर्ष से आम जनता को हो रही परेशानियों को मद्देनजर सीपीआई जिला परिषद् कोण्डागांव के कम्युनिश्ट जिला सचिव तिलक पाण्डे, राज्य परिषद् सदस्य शैलेष शुक्ला सहित अन्य कम्युनिश्ट जयप्रकाष नेताम, दिनेष मरकाम, बिरज नाग, सोमारु गावड़े, छबीलाल नेताम आदि।
कारेड्स 31 अगस्त को आंदोलन के 10 वें दिन आंदोलनरत कर्मचारी-अधिकारीगणों की दोनों मुख्य मांगों का समर्थन करने आंदोलन स्थल पर पहुंचे और केंद्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा भत्ता दिए जाने की मांग को जायज ठहराते हुए आंदोलनरत कर्मचारी-अधिकारीगणों का मनोबल बढ़ाया।
इस दौरान तिलक पाण्डे ने मंच से आंदोलनरत कर्मचारी-अधिकारीगणों का लाल सलाम से क्रांतिकारी अभिवादन करते हुए कहा कि आपकी मांगे जायज है और छ.ग. शासन को आपकी दोनों मांगों को जनहित को ध्यान में रखते हुए पूरी कर देना चाहिए। मुख्यमंत्री भुपेश बघेल द्वारा आपकी दोनों मांगों को आर्थिक कारणों से पूरी नहीं कर पाने की बात कहना सही नहीं है, छ.ग. राज्य आर्थिक परेशानी झेल रही है, तो विधायकों के मानदेय में वृद्धि कैसे कर दी गई।
ऐसे ही छग राज्य में अनेक योजनाएं चलाई जा रही है, जिसमें डीएमएफ से लेकर विभिन्न फण्ड के सार्वजनिक धन का बेहिसाब और अनाप-शनाप दुरुपयोग किया जा रहा है। आंदोलनरत कर्मचारी अधिकारीगणों की मांगों को जनहित में जल्द से जल्द पुरा किया जाए, मांग पूरी नहीं कर पाने की स्थिति में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें।