कोण्डागांव

चाचा-चाची को पांच-पांच साल कैद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 27 जुलाई। थाना नारायणपुर क्षेत्रांतर्गत बखरूपारा में भतीजी को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त कर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में कोर्ट ने चाचा-चाची को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई है।
प्रकरण के संबंध में लोक अभियोजक दिलीप जैन ने बताया कि 3 अक्टूबर 20 को करीब 10:30 बजे को साहेबदास मानिकपुरी के द्वारा थाना नारायणपुर में जाकर यह सूचना दी गयी कि उसकी पुत्री लक्ष्मी मानिकपुरी के साथ उसके चाचा द्वारिका प्रसाद मानिकपुरी एवं चाची असला बाई मानिकपुरी आये दिन माता-पिता एवं जात-पात का ठिकाना नहीं है, उसके भाई की बेटी नहीं हो और उन लोगों की रिश्तेदार भी नहीं हो तुम्हारी शादी कर दिये थे, उसको भी छोडक़र मायके में आकर बैठी है, कहकर लडाई-झगडा मारपीट कर प्रताडित करते रहते थे। घटना को लक्ष्मी अपनी बच्ची के साथ घर में थी, उनके माता-पिता बाजार गये हुए थे, उसे अकेली देखकर चाचा एवं चाचीपुन: लडाई-झगडा व मारपीट कर प्रताडित करने लगे। मृतिका आये दिन लडाई-झगडा, गाली-गलौच एवं प्रताडऩा से परेशान होकर अपने घर अंदर जाकर मिट्टी तेल अपने ऊपर डालकर आग लगाकर आत्महत्या कर ली।
प्रार्थी की सूचना पर थाना नारायणपुर में लक्ष्मी मानिकपुरी की मृत्यु द्वारिका प्रसाद व असला बाई मानिकपुरी के द्वारा अपनी भतीजी से आये दिन विवाद करना व मारपीट कर प्रताडित करने से अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आत्महत्या किया जाना पाए जाने पर आरोपीगण के विरूद्ध अपराध भादवि का प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना में लिया गया।
संपूर्ण विवेचना उपरांत भादवि के अपराध में अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
कोण्डागांव जिले कि अपर सत्र न्यायाधीश पी.पॉल होरो ने प्रकरण का विचारण कर आरोपीगण द्वारा मृतिका के साथ क्रुरतापूर्ण व्यवहार कर आत्महत्या करने हेतु दुष्प्रेरित करना पाते हुए आरोपी द्वारिका प्रसाद व असलाबाई मानिपुरी को भा.दं.सं. के लिए पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रू. के अर्थदण्ड, अर्थदण्ड के व्यतिक्रम पर एक-एक माह के अतिरिक्त सश्रम करावास भुगताने का निर्णय पारित किया है।