कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 11 जून। कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा के निर्देशानुसार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत प्रेम प्रकाश शर्मा के मार्गदर्शन में सुराजी गांव योजना अंतर्गत आवर्ती चराई क्षेत्र के गोठानों से संबद्ध वन विभाग के मैदानी अधिकारियों का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना अंतर्गत नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी का किस तरह से क्रियान्वयन किया जाना है उसके संबंध में विस्तृत रूप से बताया गया। साथ ही साथ गोधन योजना अंतर्गत आवर्ती चराई क्षेत्रों के गोठानों में गोबर खरीदी, समूह का पंजीयन, समूह के सदस्यों का पंजीयन, स्व सहायता समूह को गोबर प्रदाय इत्यादि की जानकारी किस तरह गोधन न्याय योजना एप्लीकेशन व साइट में की जानी है।
साथ ही गोठान मैप में किस तरह गोठान की जानकारी, गोठान अधोसंरचना, स्व सहायता समूह की जानकारी, व गोठान जियो टैगिंग की जानकारी बताई गई। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने सभी अधिकारी को अनिवार्य रूप से एक पखवाड़े में प्रत्येक पूर्ण गोठान में कम से कम 30 क्विंटल गोबर खरीदी के निर्देश दिए गए हैं। गोधन योजना अंतर्गत निर्मित वर्मी कंपोस्ट के भंडारण की भी वर्तमान में आवश्यकता को बताया गया। उन्होंने कहा कि, किसी भी परिस्थिति में खरीदे गए गोबर से उच्च क्वालिटी का वर्मी कंपोस्ट निर्धारित मात्रा निर्धारित समय में बनाया जाना आवश्यक है।