संपादकीय
आज लोगों को फोन पर तरह-तरह के फर्जी संदेश और ऑफर भेजकर ठगने का धंधा जोरों पर है। न सिर्फ हिंदुस्तान में, बल्कि दुनिया के दर्जनों देशों में साइबर ठगी, सेक्सटॉर्शन खूब चल रहा है। आज ही सुबह की रिपोर्ट है कि चीन म्यांमार में चल रहे फर्जी कॉल सेंटरों पर कार्रवाई करके चीनियों को गिरफ्तार कर रहा है, लेकिन जिस कंबोडिया के साथ चीन के अच्छे रिश्ते हैं, वहां भी फर्जी कॉल सेंटरों में दसियों हजार लोग काम कर रहे हैं, जो दुनिया भर के देशों में फोन करके उन्हें ब्लैकमेल करते हैं, ठगते हैं। भारत सरकार की रोक के बावजूद आज भी दूसरे देशों से चलाए जा रहे दर्जनों लोन एप्लीकेशन भारत में काम कर रहे हैं, और एक बार उनसे कर्ज ले लेने वालों का वे पूरा खून निचोड़ लेते हैं। डिजिटल अरेस्ट नाम की एक दहशत पैदा करके लोगों को एक-एक महीने तक फोन से ही अपने कब्जे में रखते हैं, और उनके बैंक खाते खाली करवा लेते हैं। इन तौर-तरीकों के बारे में हम हर कुछ महीनों में लिखते हैं कि कैसे सरकार को ऐसे साइबर-अपराधों की रोकथाम के लिए खुफिया एजेंसियां बनानी चाहिए।
लेकिन कल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई ठगी का तरीका बड़ा अटपटा है। अगर पुलिस में लिखाई गई रिपोर्ट, और सुबूत के तौर पर दी गई सीसीटीवी रिकॉर्डिंग सब सही हैं, तो फिर यह एक नया खतरनाक सिलसिला शुरू होते दिख रहा है। इस ताजा घटना में एक महिला डॉक्टर के क्लीनिक में पहुंचे दो साधुओं ने डॉक्टर से बात करते हुए उसे हिप्नोटाईज कर लिया, और उससे एक यूपीआई खाते में हजारों रुपये ट्रांसफर करवा लिए और उसे देवी-देवताओं की फोटो और रूद्राक्ष की माला देकर चले गए। डॉक्टर का कहना है कि जब अगले दिन उसने अपने फोन पर रकम जाने की जानकारी देखी, और सीसीटीवी रिकॉर्डिंग देखी, तो उसे ठगी का अहसास हुआ, और उसने पुलिस रिपोर्ट की। पुराने लोगों को याद होगा कि कुछ दशक पहले इस प्रदेश में सडक़ पर भगवान दिखाने के नाम पर जमकर ठगी होती थी, लोगों से उनके गहने उतरावाकर पोटली बनाकर ठग उन्हें कोई दूसरी पोटली थमा देते थे, और सौ कदम चलने कहते थे कि उसे बाद भगवान के दर्शन होंगे। इसमें आए दिन लोग ठगाते थे, लेकिन उस वक्त कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं थे, इसलिए ठग पकड़ाते नहीं थे। अब मोबाइल फोन, लोकेशन, बैंक खातों में लेनदेन, और सीसीटीवी रिकॉर्डिंग की मेहरबानी से लोग न सिर्फ पकड़ाते हैं, बल्कि उनके खिलाफ सुबूत भी पुख्ता मिल जाते हैं।
अब अगर साधुओं के हुलिए में आकर ठग किसी को हिप्नोटाईज कर रहे हैं, तो यह तो एक बहुत ही खतरनाक नौबत है। आज भारत की हवा में धर्म जितना घुला हुआ है, किसी धार्मिक पोशाक में पहुंचे लोगों को तो बेरोकटोक महिलाएं घरों में आ जाने देंगी, और उनका सत्कार भी करने लगेंगी। अब अपनी क्लीनिक में काम करती हुई डॉक्टर, वहां पर दूसरे कर्मचारी के रहते हुए भी इस तरह की ठगी की शिकार हो गई है, तो घरेलू महिलाएं तो और अधिक खतरे में रहेंगी। सुबह होती नहीं है कि रिहायशी बस्तियों में धर्म के नाम पर, गाय या किसी अनाथाश्रम के नाम पर चंदा मांगने के लिए, या किसी यज्ञ हवन के नाम पर दान मांगते हुए धार्मिक चोलों में लोग पहुंचने लगते हैं। उन्हें कड़ाई से मना कर दिया जाए, तो उनके आशीर्वचन पलभर में श्राप में बदल जाते हैं। अगर डॉक्टर से ठगी की यह घटना सही है, तो पुलिस को इसे तेजी से हल करना चाहिए, साथ-साथ एक साधारण सावधानी भी चारों तरफ फैलानी चाहिए कि सम्मोहन करके ठगी करने वाले लोग घूम रहे हैं, लोग अनजाने लोगों से कुछ दूर ही रहें।
अब इस एक घटना से परे आम बात यह है कि चारों तरफ लोग जुर्म से मोटी कमाई करने को एक आसान रास्ता मानकर चल रहे हैं। वे सट्टेबाजी की बुकिंग कर रहे हैं, नशे की तस्करी और बिक्री कर रहे हैं, वैध-अवैध शराब की गैरकानूनी बिक्री कर रहे हैं, हर किस्म का साइबर क्राइम तो कर रही रहे हैं। इन सबको मिलाकर देखें तो लगता है कि लोगों को जेल जाने के खतरे का या तो पूरा अहसास नहीं है, या वे उस खतरे की कीमत पर भी जुर्म से कमाई करके आलीशान जिंदगी जीना चाहते हैं। इसी छत्तीसगढ़ के महादेव सट्टा नाम का दसियों हजार करोड़ का ऐसा साम्राज्य खड़ा हुआ कि उसका सरगना दुबई में बैठकर आज तक धंधा चल रहा है, और उसकी गिरफ्तारी की बस अफवाहें ही बीच-बीच में आती हैं। इस बीच जांच एजेंसियों का कहना है कि महादेव सट्टा की काली कमाई में नेताओं और अफसरों को सैकड़ों करोड़ रुपये मिले। अब जुर्म की कमाई अगर इतनी आसान और इतनी आलीशान है, तो बहुत हैरानी की बात नहीं है कि गांव-गांव तक लोग शेयर बाजार में पूंजी निवेश, और क्रिप्टोकरेंसी के धंधे का झांसा देकर लोगों को ठग रहे हैं।
भारत सरकार को यह अंदाज सामने रखना चाहिए कि जुर्म और ठगी की अर्थव्यवस्था अब देश की मुख्य अर्थव्यवस्था का कितना फीसदी हो चुकी है? यह बढ़ते चल रहा है। और पूरी दुनिया में साइबर क्राइम से जितनी कमाई आज की जा रही है, वह दुनिया के बहुत से देशों की कुल अर्थव्यवस्था से अधिक बड़ी बन चुकी है। फिलहाल तो इस पर चर्चा हमने इसलिए की है कि लोग किसी के सम्मोहन के शिकार न हों, यह ठगने का एक नया तरीका दिख रहा है, और इससे तुरंत ही सावधान हो जाना चाहिए। पुलिस को भी जांच के बाद बड़े पैमाने पर लोगों के बीच जागरूकता फैलानी चाहिए।


